फूड पिरामिड से बनाएँ बच्चों के लिए संतुलित आहार
जब बच्चों के आहार में ज़रूरी पोषण, बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत की बात आती है तो अक्सर माँ-बाप या तो ज़रूरत से ज़्यादा चीजें कर देते हैं या कहीं ना कहीं कोई कमी रह ही जाती है। इसीलिए बच्चों के पोषण और संतुलित आहार के लिए सही ढंग से फ़ैसला लेना बहुत ज़्यादा ज़रूरी है। इसके लिए आपको फूड पिरामिड के बारे में जानकारी रखना बहुत ज़रूरी है। यह एक तरह का इन्वर्टिड ट्राएंगल यानि उल्टा त्रिभुज होता है जिसमें विभिन्न खाद्य समूहों के बारे में बताया जाता है और यह भी बताया जाता है कि एक दिन में कोई खाद्य पदार्थ कितनी मात्रा में खाना चाहिए।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो फूड पिरामिड से आपको यह पता चलता है कि आपके बच्चे के लिए रोज़ाना कितने कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन, मिनरल, और फाइबर की ज़रूरत है। इसके हिसाब से ही आप अपने बच्चे के लिए एक सेहतमंद और संतुलित आहार बना सकते हैं।
फूड पिरामिड को 4 स्तरों में बांटा गया है। और हर स्तर पर विभिन्न खाद्य समूह होते हैं। वे इस प्रकार हैं:
- अनाज, दाल, मोटा अनाज (बाजरा)
- फल और सब्जियाँ
- दूध और दूध से बने उत्पाद, अंडे, मांस, मछ्ली
- तेल और फैट, मेवे और बीज
बच्चों के लिए फूड पिरामिड क्यूँ ज़रूरी है?
बच्चों के उचित वृद्धि एवं विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन, मिनरल, और फाइबर की बहुत ज़्यादा ज़रूरत होती है। आपके बच्चे की उम्र और लिंग के हिसाब से इन सभी तत्वों की ज़रूरी मात्रा अलग होती है। फूड पिरामिड की मदद से माता-पिता और शिक्षकों को इन सभी तत्वों की अहमियत और ज़रूरी मात्रा के बारे में जानकारी मिलती है। उदाहरण के लिए आपको फूड पिरामिड की मदद से यह पता चल सकेगा कि एक संतुलित आहार में 3 से 5 खाद्य समूहों से खाद्य पदार्थ शामिल होने ही चाहिए।
खाद्य समूह तय कैसे किए जाते हैं?
अब जब आप भोजन पिरामिड की अहमियत को समझ गए हैं, तो यहां आपको पता चलेगा है कि खाद्य समूह तय कैसे किए जाते हैं। चूंकि यह एक पिरामिड है, तो सबसे ऊपरी हिस्सा सबसे संकीर्ण है, जिसका मतलब है कि इस खाद्य समूह में मौजूद खाद्य पदार्थ कम मात्रा में खाये जाने चाहिए। & सबसे नीचे वाला स्तर सबसे बड़ा और चौड़ा है, जिसका मतलब है कि इस खाद्य समूह में मौजूद खाद्य पदार्थ ज़्यादा से ज़्यादा मात्रा में खाने चाहिए।
फूड पिरामिड की संरचना (ऊपर से नीचे)
- सबसे ऊपरी स्तर यानि सबसे पतला: फैट और ऑइल और चीनी
- दूसरा स्तर: मांस, मछली, पॉल्ट्री, अंडे, बीन्स, और मेवे
- तीसरा स्तर: दूध और दूध से बने उत्पाद
- चौथा स्तर: फल और सब्जियाँ
- पांचवा स्तर: यानि सबसे बड़ा हिस्सा: साबुत अनाज
खाद्य समूहों के बारे में कैसे पढ़ें?
- पिरामिड के सबसे निचले हिस्से में साबुत अनाज खाद्य समूह होता है। सेहतमंद कार्बोहाइड्रेट और पर्याप्त ऊर्जा के लिए इस खाद्य समूह में से ज़्यादा से ज़्यादा खाद्य पदार्थ खाने चाहिए।
- इसके ऊपर वाले हिस्से में फल और सब्ज़ियां आती हैं। फूड पिरामिड में यह स्तर भी चौड़ा दर्शाया जाता है जिसका मतलब है कि विटामिन, मिनरल और फाइबर के लिए इस खाद्य समूह से भी ज़्यादा से ज़्यादा खाद्य पदार्थ अपनी थाली में रखने चाहिए।
- पशु स्रोत और दूध उत्पाद दूसरे और तीसरे स्तर में आते हैं और इन्हें नियंत्रित मात्रा में खाना चाहिए। इस खाद्य स्रोतों से आपके बच्चे को कैल्शियम और प्रोटीन जैसे ज़रूरी पोषक तत्व मिलेंगे।
- पिरामिड का सबसे ऊपरी स्तर सबसे पतला होता है और इसमें प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आते हैं यानि कि फैट और शुगर और यह खाद्य पदार्थ कम मात्रा में खाने चाहिए। अगर आपके बच्चे इन खाद्य पदार्थों को अत्यधिक मात्रा में खाएँगे तो उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और उनकी इम्यूनिटी भी खराब हो सकती है। इसके अलावा इन खाद्य पदार्थों में खाली कैलोरी होती है तो बच्चों की वृद्धि और विकास पर भी असर पड़ता है।
फूड पिरामिड के खाद्य पदार्थों के अलावा, अपने बच्चे को नियमित व्यायाम करने के लिए और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्रोत्साहित करें। ध्यान रखें कि आपका बच्चा हाइड्रेशन के लिए पर्याप्त पानी ज़रूर पिये।
फूड पिरामिड के अनुसार बनाएँ बच्चों का आहार:
- अपने बच्चे के आहार में चीनी, नमक, और फैट की मात्रा बहुत कम ही रखें। बच्चों के लिए ऐसा आहार बनाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन्हें जंक फूड खिलाने से परहेज करें।
- अच्छे प्रोटीन के लिए बच्चों को हफ्ते में कम से कम एक या दो बार अंडे, चिकन, दूध और दूध उत्पाद, बीन्स, नट्स और तैलीय मछली खिलाएँ।
- छोटे बच्चों के आहार में फुल फैट दूध और डेरी उत्पाद शामिल करने चाहिए।
- बच्चों को कम से कम 3-4 पोर्शन अनाज, आलू, और अन्य कार्बोहाइड्रेट खिलाएँ। बच्चों के आहार में कम से कम 5 पोर्शन फल और सब्ज़ियां रखें ( सब्ज़ियां ज़्यादा)
- छोटे बच्चों को एक दिन में कम से कम 6 कप पानी पीना चाहिए।
- जब बच्चों को प्यास लगे तो उन्हें पानी की जगह फलों का जूस देने से परहेज करें। फलों के जूस में प्राकृतिक शुगर की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है और फाइबर बहुत कम।
अंत में
अपने बच्चे को एक सेहतमंद और स्वस्थ जीवन देने के लिए आपको यह पता होना चाहिए स्वस्थ खाद्य पदार्थ कौन से होते हैं, बच्चे को रोज़ाना वे खाद्य पदार्थ कितनी मात्रा में खाने चाहिए और रोज़ाना व्यायाम कर के कितनी कैलोरी जलानी चाहिए। यह सब समझने के लिए फूड पिरामिड बहुत ज़्यादा फ़ायदेमंद है। भले ही आप यह शुरुआत थोड़ी देर से करें लेकिन आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आपके बच्चे की प्लेट में हर खाद्य समूह में से सही मात्रा में खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए।