हर बच्चे को ख़ुश, सेहतमंद और मजबूत बनने का अधिकार है। हर माँ चाहती है कि उसका बच्चा ख़ुद से नयी चीज़ों को जाने और सीखे और इसके लिए वह पूरी कोशिश करती है कि उसे पूरा पोषण मिले। साथ ही वो ये भी चाहती है कि उसका बनाया हुआ खाना बच्चा शौक से खाए और उसे पूरा पोषण भी मिले। तो इसके पहले कि हम बच्चों के टिफिन के लिए कुछ नई पोषक रेसिपीज़ के बारे में जाने, नीचे खाना पैक करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

बच्चे का खाना सुरक्षित रखें

बच्चे की बढ़ती उम्र को ध्यान में रखते हुए, बच्चे को ऐसा खाना देना ज़्यादा अच्छा रहेगा जो सुरक्षित हो, लेकिन सुबह के व्यस्त समय में इसे ठीक से कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। डे-केयर के लिए उन्हें कम से कम दो बार का खाना पैक करके देना बेहतर होगा क्योंकि छोटे बच्चे एक बार में ज़्यादा नहीं खा पाते इसलिए उन्हें ज़्यादा बार खाने की ज़रूरत पड़ती है- ज़्यादातर एक बार का खाना और एक स्नैक। इसके लिए खाने को ऐसे डिब्बों में पैक करना चाहिए जिसमें से खाना लीक ना हो और जिसे थोड़ा गर्म भी किया जा सके, क्योंकि कुछ डे-केयर सेंटर खाना गर्म करने की सुविधा भी देते हैं। बच्चे के टिफिन में ऐसा खाना ना रखें जो बच्चे के गले में फँस सकता हो, जैसे किसी चीज़ के बड़े-बड़े टुकड़े और चिक्की, नट्स, कैंडी जैसी चिपचिपी और कड़क चीज़ें।

ताज़ा खाना रखें

जहां तक हो सके बच्चों को ताज़ा खाना ही दें क्यूंकि अगर खाना बहुत देर का बना हुआ है या एक दिन पहले का है तो वो ख़राब हो सकता है। ऐसी चीज़ें जो थोड़ी सी गर्मी में भी जल्दी ख़राब हो जाती हैं जैसे कि नारियल की चटनी वग़ैरह बच्चों के टिफिन में ना रखें। ज़्यादा पानी वाली चीज़ें जैसे दाल या सांभर भी ना दें, ये जल्दी ख़राब हो जाते है और इनके फैलने का भी डर होता है।

संभालने में आसान हो

छोटे-छोटे डिब्बों में अलग-अलग खाना रखकर ना दें क्यूंकि कई सारे डिब्बों को संभालना बच्चे के केयर-टेकर के लिए मुश्किल हो सकता है इसलिए कम चीज़ों से बनने वाली, आसान और पोषण से भरपूर रेसिपीज़ इसका अच्छा विकल्प है। हर डिब्बे पर लेबल लगाने से पहचानना आसान हो जाता है कि कौन से डिब्बे में क्या रखा है। खाने को फॉयल पेपर से बहुत ज़्यादा ना लपेटें ये पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं होता। अगर डिब्बाबंद फल दे रहीं हैं तो उसका जूस निकाल दें जिससे वह फैलने से बच सके।

आसान रेसिपीज़ बनाएं

ये ज़रूरी नहीं कि बाज़ार में मिलने वाली सभी सुविधाजनक खाने की चीज़ें, जो पैक करने में आसान होती हैं, वो सेहतमंद हो और यह भी ज़रूरी नहीं कि सारी सेहतमंद चीज़ों को आसानी से पैक किया जा सके। लेकिन कम चीज़ों से बनने वाली आसान और नई रेसिपीज़ टिफिन में पैक करना एक अच्छा विकल्प है। इन सब में कम से कम एक पीने वाली चीज़ बच्चे के खाने में ज़रूर रखें ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो।

बच्चा अपने खाने को पसंद करे और उसका पूरा मज़ा ले सके इसलिए जहां तक हो उसे, जो चीज़ें गर्म देनी चाहिए वो गर्म ही खिलाएं और जो ठंडी देनी चाहिए वो ठंडी ही दें। यानी ऐसी चीज़ें जो टिफिन में रखी जा सकती हों और जो थोड़ी कम गर्म भी खाई जा सकती हों।

नीचे कुछ सेहतमंद और आसान खाने और नाश्ते की रेसिपीज़ दी गई हैं जो आप अपने बच्चे को डे-केयर सेंटर पर पैक कर के दे सकतीं हैं:

  1. ताज़ा मुलायम फलों या सब्ज़ियों की प्यूरी (गाजर, शकरकंद, चुकंदर)

    सुझाव: फलों का गूदा निकाल कर प्यूरी बनाएं या फलों को थोड़ा सा उबालकर मुलायम कर लें।

  2. नींबू के साथ ताज़ा फल या साबुत फल

    सुझाव: छोटे फल जैसे स्ट्रॉबेरी, सेब, चीकू आदि को साबुत खाने के लिए दें या उनके टुकड़े कर के ऊपर से नींबू निचोड़ें जिससे वो काले ना पड़ें और जब भी बच्चा उसे खाए तो फल ताज़ा हों

  3. जैम सैंडविच या जैली सैंडविच के छोटे टुकड़े

    सुझाव: सैंडविच बनाते समय ब्रेड पर जैम पूरी तरह से एक जैसा लगाएं जिससे कि पूरी ब्रेड मुलायम हो जाये और बच्चे के गले में ना फँसे। ब्रेड की किनारी अगर कड़क है तो उसे भी निकाल दें।

  4. घी और चीनी में डूबे हुए गोल चपाती के टुकड़े

    सुझाव: रोटी पर घी और शक्कर लगाकर उसके रोल्स बनाएं और उसके छोटे - छोटे टुकड़े कर के रखें।

  5. शकरकंद का भरवां पराठा

    सुझाव: भरवां पराठे में शकरकंद की जगह कभी कभी आलू भी भर सकतीं हैं पर स्टफ़िंग में मसाला हमेशा कम हो।

  6. स्टार शेप बटर डोसा

    टिप: डोसे को दिलचस्प आकार में बनाएँ और उसे बटर से सेंके।

  7. मूंग दाल की खिचड़ी - इसे अच्छे से पकाकर, थोड़ी ढीली रखें और मसलकर दें।

    सुझाव: इसमें थोड़ा सा घी, मक्खन और उबालकर मसली हुई सब्ज़ियां मिलाएं। इससे खिचड़ी स्वादिष्ट और सेहतमंद बनेगी। रंगीन सब्ज़ियां मिलाने से यह और भी अच्छी दिखेगी।

  8. घी - गुड़ वाली छोटी इडली

    सुझाव: छोटी-छोटी इडली बच्चों के लिए खाने में आसान भी होती हैं और बच्चे इसे दिलचस्पी से खाते हैं। इसमें आप कसा हुआ गाजर और चुकंदर भी मिला सकतीं हैं जो इसे रंगीन और पोषक बनाते हैं।

  9. रवा उपमा

    सुझाव: रवा (सूजी) को दूध - घी और गुड़ में अच्छे से पकाएँ।

  10. पनीर के टुकड़े

    सुझाव: बच्चे को पनीर या चीज़ के छोटे टुकड़े कर के खिलाएँ। इसमें नमक न मिलाना बेहतर होगा।>

  11. अंडे का ऑमलेट

    सुझाव: पूरे अंडे का ऑमलेट बनाएं और इसमें थोड़ा सा घी भी डालें। इसमें नमक कम डालें क्योंकि अंडे का पीला भाग थोड़ा नमकीन होता है।

  12. उबला अंडा

    सुझाव: अंडा ज़रूरत से ज़्यादा उबला हुआ नहीं होना चाहिए।

  13. ओटमील या चावल का ताज़े फल और किशमिश वाला दलिया

    सुझाव: ताज़े अंगूर या किशमिश को अच्छे से मसलकर खिलाएं जिससे कि वो बच्चे के गले में न अटके।

  14. ताज़े फलों का जूस

    सुझाव: जूस में डाला जाने वाला पानी साफ़ होना चाहिए।

बच्चे हमारे जैसे ही होते हैं - एक इच्छा, एक स्वाद और ख़ुद की पसंद। चाहे बच्चे कैसा भी खाना पसंद करें पर उन्हें पूरा पोषण देना माता-पिता की ज़िम्मेदारी होती है। पोषण को ध्यान में रख कर स्वादिष्ट खाना बनाना एक माँ अच्छे से जानती है। ये दोनों ही चीज़ें मुश्किल हैं पर अगर ये काम माता-पिता सीख लें तो बच्चा ख़ुशी से खाना खा लेगा और उसे एक अच्छा बचपन मिलेगा।