कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट की तरह, विटामिन भी ऐसे ज़रूरी पोषक तत्व हैं जो बच्चे के आहार में ज़रूर होने चाहिए। बच्चों को उचित विकास, वृद्धि और विभिन्न महत्वपूर्ण अंगों के सही ढंग से काम करने के लिए विटामिन की ज़रूरत होती है। प्रत्येक विटामिन की एक विशेष और ज़रूरी भूमिका होती है। उदाहरण के लिए, दूध में मौजूद विटामिन डी आपके बच्चे की हड्डियों को मजबूत रखता है। गाजर में विटामिन ए रात में दृष्टि को बढ़ाने में मदद करता है, और संतरे में विटामिन सी इम्युनिटी बढ़ाकर शरीर को खुद को ठीक करने और मरम्मत करने में मदद करता है। साबुत अनाज में मौजूद बी विटामिन ऊर्जा देते हैं।
2 प्रकार के विटामिन होते हैं फैट में घुलने वाले और पानी में घुलने वाले।
फैट में घुलने वाले विटामिन से जुड़ी ज़रूरी बातें
फैट में घुलनशील विटामिन फैटी टिशू और लिवर में जमा होते हैं। जब आप फैट में घुलनशील विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो अगर शरीर को उनकी ज़रूरत न हो तो वे शरीर के फैट में जमा हो जाते हैं। ये 6 महीने तक भी स्टोर किए जा सकते हैं। जब शरीर को इनकी ज़रूरत होती है, तो विशेष तत्व इन्हें ज़रूरी हिस्सों में ले जाते हैं। विटामिन ए, ई, डी और के फैट में घुलनशील-विटामिन हैं।
पानी में घुलने वाले विटामिन के बारे में ज़रूरी बातें
फैट में घुलनशील विटामिन की तरह पानी में घुलने वाले विटामिन शरीर में जमा नहीं होते हैं। जब आप पानी में घुलने वाले विटामिन खाते हैं तो वे खून के रास्ते आपके शरीर में पहुँचते हैं और यूरीन के साथ निकल जाते हैं। तो आपको पानी में घुलने वाले विटामिन खाने की ज़रूरत है। विटामिन सी, और बी, जैसे विटामिन बी1 (थियामिन), बी2 (राइबोफ्लेविन), बी6 (पाइरिडोक्सिन), बी12 (कोबालामाईन), फ़ोलिक एसिड, नियासिन, बायोटिन, और पैंटोथेनिक एसिड ऐसे ही पानी में घुलने वाले विटामिन हैं।
विभिन्न विटामिन के बारे में अधिक जानकारी
विटामिन ए: यह विटामिन मुख्य रूप से नज़र तेज़ करने में मदद करता है, खासकर रात में। विटामिन ए आपके बच्चे को रंगों को देखने में मदद करता है, चमकदार पीले रंग से लेकर बैंगनी के सबसे गहरे तक। यह आपके बच्चे की इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है। बच्चों के लिए फैट में घुलनशील विटामिन के स्रोत हैं फ़ोर्टिफाइड दूध, लिवर, नारंगी रंग के फल और सब्ज़ियां (जैसे गाजर, शकरकंद) और गहरे हरे पत्ते वाली सब्ज़ियां (जैसे पालक) हैं। आईसीएमआर 2010 के अनुसार, बच्चों के लिए विटामिन ए का आरडीए प्रति दिन रेटिनॉल 400-600 मिलीग्राम और बीटा कैरोटीन 3200-4800 मिलीग्राम प्रति दिन है।
बी विटामिन: विटामिन बी 1, बी 2, बी 6, बी 12, नियासिन, फोलिक एसिड, बायोटिन और पैंटोथेनिक एसिड मिलकर बी विटामिन समूह बनाते हैं। वे शरीर के मेटाबोलिज़्म में ज़रुरी मदद करते हैं यानी वे शरीर में ऊर्जा बनाते हैं और जब ज़रूरत होती है तब इसे जारी करते हैं। ये सभी विटामिन लाल रक्त कोशिकाएं (रेड ब्लड सेल्स) बनाने के लिए भी ज़रूरी हैं। रेड ब्लड सेल्स शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन ले जाते हैं, जिसके बिना शरीर काम नहीं कर सकता है। इस विटामिन समूह से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं साबुत अनाज जैसे कि गेहूं और जई, पॉल्ट्री और मीट, मछली और समुद्री भोजन, अंडे, डेयरी उत्पाद जैसे दूध और दही, बीन्स और मटर, और पत्तेदार हरी सब्ज़ियां। आईसीएमआर 2010 के अनुसार, थियामिन और राइबोफ्लेविन का आरडीए 0.7 से 1 मिलीग्राम प्रति दिन, नियासिन के लिए 11 से 15 मिलीग्राम प्रतिदिन और पाइरिडोक्सिन के लिए 0.9 से 1.6 मिलीग्राम प्रति दिन है।
विटामिन सी: विटामिन सी शरीर के टिशू जैसे मसूड़ों, हड्डियों और ब्लड कैरियर को बनाए रखने के लिए ज़रूरी है। अगर आपके बच्चे को चोट लग जाती है तो यह उपचार और घाव भरने में भी मदद करता है। विटामिन सी आपके बच्चे की इम्युनिटी को भी बढ़ाता है, ताकि वो संक्रमण के ख़तरे से बचा रहे। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खट्टे फल जैसे संतरे, स्ट्रॉबेरी, टमाटर, ब्रोकोली, गोभी, कीवी, और लाल मिर्च हैं। आईसीएमआर 2010 के अनुसार, बच्चों के लिए विटामिन सी का आरडीए 40 मिलीग्राम प्रति दिन है।
विटामिन डी: आपकी हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने के लिए मुख्य रूप से विटामिन डी की ज़रूरत होती है। यह कैल्शियम के घुलने में भी मदद करता है। जब त्वचा पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो विटामिन डी बनता है। विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं दूध और अनाज, मछली, अंडे की जर्दी और लिवर। आईसीएमआर 2010 के अनुसार, बच्चों के लिए विटामिन डी का आरडीए प्रति दिन 5 एमसीजी है।
विटामिन ई: विटामिन ई सेल्स और टिशू को किसी भी नुक्सान से बचाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी ज़रूरी है। विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं साबुत अनाज जैसे कि गेहूं और जई, वनस्पति तेल जैसे सूरजमुखी, कैनोला, और जैतून का तेल, पत्तेदार हरी सब्जियां, अंडे की जर्दी, बीज और नट्स। आईसीएमआर 2010 के अनुसार विटामिन ई के लिए आरडीए 15 मिलीग्राम प्रति दिन है।
विटामिन K: जब चोट लगने पर खून की कोशिकाएँ आपस में चिपक जाती हैं तो थक्के बनाती हैं जिससे खून बहना बंद हो जाता है। इस प्रक्रिया के लिए विटामिन के की ज़रूरत होती है। विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं हरी पत्तेदार सब्जियां, डेरी उत्पाद जैसे दूध और दही, ब्रोकली, और सोयाबीन तेल। आईसीएमआर 2010 के अनुसार विटामिन के का आरडीए 80 एमसीजी प्रतिदिन है।
जैसा कि ऊपर बताया गया है विटामिन की मदद से शरीर की कई ज़रूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने में मदद मिलती हैं चूंकि आपके बच्चे के शरीर में स्वाभाविक रूप से ये सभी विटामिन नहीं बन सकते हैं तो उनके आहार में यह ज़रूरी विटामिन शामिल करने चाहिए। आपके बच्चे जितने ज़्यादा अलग अलग प्रकार के खाद्य पदार्थ खाते हैं, उन्हें उतने ही ज़्यादा विटामिन मिलते हैं।
हालांकि कुछ बच्चे दैनिक विटामिन के सप्लीमेंट लेते हैं, लेकिन अगर वे कई तरह के खाद्य पदार्थ खाते हैं इन सप्लीमेंट की कोई ज़रूरत नहीं है। हालांकि, बढ़ते बच्चों को कभी-कभी उनके खाने के व्यवहार के कारण पर्याप्त विटामिन ए, सी, और डी नहीं मिलते हैं। यही कारण है कि 6 महीने और 5 साल के बीच के बच्चों के लिए अक्सर डॉक्टर सप्लीमेंट की सलाह देते हैं।