एक पैरेंट के तौर पर, अपने बच्चों को खाने की अच्छी आदतें सिखाना मुख्य रूप से आपकी ही ज़िम्मेदारी होती है। वैसे भी बचपन ही एक ऐसा समय है जब बच्चे नयी आदतें देखते, सीखते और अपनाते हैं। इसलिए इस समय आपको कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा नयी और अच्छी चीज़ें सीखने को मिलें। अगर आप बच्चों को ख़ुद ही नियमित एक्सरसाइज़ करके और सेहतमंद खाना खाकर दिखाएँ तो बच्चे भी आपको देखकर सीखेंगे। बच्चे भी ऐसी आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे जो उनके माँ-बाप ख़ुद करते हैं। बच्चों को छोटी उम्र में ही पोषण से जुड़ी अच्छी आदतें सिखाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बच्चे सेहतमंद आहार के साथ एक मज़बूत रिश्ता बनाएंगे और बड़े होने पर भी स्वस्थ आहार ही खाएंगे।
बच्चों की आदत होती है कि वे हर वो चीज़ करना चाहते हैं जो उनके माता-पिता करते हैं: इसीलिए, पूरे परिवार को सेहतमंद और संतुलित आहार खाने की आदत अपनानी चाहिए ताकि आपके बच्चों को सही पोषण के साथ-साथ अच्छी आदतें भी मिल सकें।
पूरे परिवार के साथ सेहतमंद आहार खाना क्यों ज़रूरी है?
परिवार के साथ मिल-जुलकर खाना ही एक ऐसा ज़रिया है जिससे आप अपने बच्चों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और उन्हें अच्छी आदतों के लिए प्रोत्साहित कर पाएंगे। कोशिश करें कि बच्चे पूरे परिवार के साथ बैठकर ही खाना खाएं ताकि उन्हें उचित रूटीन का एहसास हो सके। साथ बैठकर खाना खाने से आप बच्चों से बातें भी कर सकते हैं, उन्हें नया खाना खिला सकते हैं और खाने की स्वस्थ आदतों के लिए उनके रोल मॉडल भी बन सकते हैं। नियमित रूप से साथ बैठकर खाना खाने से अन्य अच्छी आदतों का भी विकास होता है, जैसे:
- बच्चे ख़ुद से ही फल, सब्ज़ियां और अनाज खाएंगे
- स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ नहीं खाएंगे
- बच्चे अपने आप भी अपना खाना खाने की आदत अपनाएंगे
फैमिली भोजन को एक ऐसा मौक़ा बनायें जिसमें परिवार के लोग आपस में अपने रिश्तों को मज़बूत कर सकें और ख़ुद भी ऐसी आदत अपनाएं जो आप अपने बच्चों में देखना चाहते हैं। अपने बच्चों को नया खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें और उनसे पूछें कि उन्हें क्या पसंद है। बच्चों के पसंदीदा भोजन को सेहतमंद भोजन बनाने के लिए नए तरीके अपनाते रहें। जब बच्चों को अलग-अलग तरह का खाना खाने की आदत हो जाएगी तो उनके लिए खाना बनाने में आपको ज़्यादा सोचना नहीं पड़ेगा।
बच्चों की उम्र के हिसाब से आप उन्हें रसोई या खाना बनाने के कुछ काम सिखा सकते हैं या राशन ख़रीदते समय बच्चों को अपने साथ लेकर जा सकते हैं। साथ में पकाएं, साथ में खाएं और खाने के हर समय को मज़ेदार समय बनायें!
अपने बच्चों को स्वस्थ खाने की आदतें सिखाना बहुत ज़रूरी है, और इसके ये फ़ायदे हैं:
- मज़बूत दांत और हड्डियां
- बेहतर मानसिक स्वास्थ्य
- बेहतर याद्दाश्त
- बेहतर इम्युनिटी
बच्चों को स्वस्थ खाने की आदतें सिखाने के लिए उन्हें बार-बार टोकने से अच्छा है कि आप ख़ुद उन्हें ये काम करके दिखाएँ। यानी कि आपको ख़ुद भी स्वस्थ और सेहतमंद खाना ही खाना चाहिए ताकि बच्चे भी अपने लिए स्वस्थ खाना ही चुनेंगे। याद रखिये, जब भी बच्चे कोई नयी सब्ज़ी या फल खाने की शुरुआत करते हैं तो उनकी तारीफ़ करना बहुत ज़रूरी है। अगर आप सेहतमंद खाना चुनने पर बच्चों की तारीफ़ करेंगे तो बच्चे भविष्य में भी अच्छी आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
बच्चों को स्वस्थ खाने की आदतों के लिए प्रोत्साहित कैसे करें?
घर पर स्वस्थ खाने का माहौल बनाकर और नियमित रूप से पूरे परिवार के साथ मिलकर खाना खाने के अलावा आपको ख़ुद भी स्वस्थ खाने की आदतें अपनानी चाहिए ताकि बच्चे भी आपको देखकर वही आदत दोहराएंगे। बच्चों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनें और आप देखेंगे कि बच्चे ख़ुद ही अनहेल्दी स्नैक्स की जगह सेहतमंद खाने की मांग करेंगे।
- ऐसी एक्टीविटीज़ करें जिसमें पूरा परिवार हिस्सा ले सकता है। उदाहरण के लिए, साथ में तैराकी करें, बच्चों के साथ पार्क या सैर पर जाएँ।
- बच्चों को कभी भी रिश्वत या तोहफ़े के रूप में मीठी चीज़ें ना खिलाएं। इसकी जगह उन्हें सेहतमंद डेज़र्ट जैसे फल या मीठी दही खिलाएं।
- खाना खाते समय टीवी ना चलाएं क्यूंकि इससे बच्चे खाने पर ध्यान नहीं देंगे और उन्हें पेट भर जाने का एहसास भी नहीं होगा।
- ख़ुद भी विभिन्न प्रकार के फल और सब्ज़ियां खाएं ताकि आप एक सकारात्मक रोल मॉडल बन सकें।
- अपने बच्चों को सेहतमंद स्नैक्स के विकल्प दें। उदाहरण के लिए, गाजर और हमस या सेब और पीनट बटर
- अपने बच्चों को यह तय करने का मौक़ा दीजिये कि उनका पेट भर चुका है या वे भूखे हैं।
- बच्चों को हर खाने के साथ ज़्यादा सब्ज़ियां दें या जब बच्चे भूखे हों तो उन्हें सबसे पहले सब्ज़ियां ही खाने को दें।
- बच्चों को पर्याप्त पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें और मीठे पेय पदार्थों की मात्रा कम करें।
बच्चे अपने भोजन और एक्सरसाइज़ के साथ कैसा रिश्ता बनाएंगे ये तय करने में पेरेंट्स की बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी और भूमिका होती है। इसीलिए, पेरेंट्स को भी अपने खान-पान की आदतें वैसी ही रखनी चाहिए जैसा वो अपने बच्चों में ख़ुद देखना चाहते हैं।