आजकल बच्चे ख़ासकर वे बच्चे जो खेलकूद में हिस्सा लेते हैं, वे अक्सर प्यास लगने पर, या थकान होने पर स्पोर्ट्स और एनर्जी ड्रिंक पीते हैं। यह ड्रिंक्स आपको बहुत आसानी से सुपरमार्केट या लोकल बाज़ार में मिल जाएँगे और खेल कूद के बाद शरीर में डीहाइड्रेशन होने पर ये ड्रिंक्स इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा करते हैं। हालांकि, इन तरह के ड्रिंक्स में चीनी, कैलोरी, और कैफ़ीन की मात्रा ज़रूरत से ज़्यादा होती है इसलिए पेरेंट्स होने के नाते आपको अपने बच्चों को स्पोर्ट्स ड्रिंक्स कम मात्रा में ही देने चाहिए। इसलिए ये जानें कि आपके बच्चों के स्वास्थ्य पर इन ड्रिंक्स का क्या प्रभाव पड़ता है और क्या ये ड्रिंक्स वाक़ई आपके बच्चों के लिए अच्छे हैं?

स्पोर्ट्स ड्रिंक्स क्या होते हैं?

जैसा कि नाम से पता चलता है, बच्चों के लिए स्पोर्ट्स ड्रिंक उन बच्चों के लिए है जो खेल कूद और अन्य शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। ये स्पोर्ट्स ड्रिंक चीनी, कार्बोहाइड्रेट, इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल से बने सुगंधित पेय पदार्थ हैं। वर्कआउट, खेल कूद या शारीरिक गतिविधि के दौरान शरीर से नमक और पानी  पसीने के साथ बह जाते हैं, स्पोर्ट्स ड्रिंक की मदद से ये कमी पूरी होती है। स्पोर्ट्स ड्रिंक डीहाइड्रेशन की समस्या भी ख़त्म करते हैं।

एनर्जी ड्रिंक क्या होते हैं?

एनर्जी ड्रिंक भी स्पोर्ट्स ड्रिंक की तरह ही होते हैं लेकिन इनमें कैफ़ीन, टॉराइन (एक प्रकार का अमीनो एसिड), हर्ब्स, और विटामिन जैसे पदार्थ होते हैं। ये एनर्जी ड्रिंक आपको तुरंत ऊर्जा देते हैं, एकाग्रता बढ़ाते हैं और थकान भी कम करते हैं। आपको ऐसा लग सकता है कि ये ड्रिंक्स सोडा की जगह पिये जाने वाले सेहतमंद विकल्प हैं लेकिन ऐसा नहीं है। एनर्जी ड्रिंक को लोग अक्सर सेहतमंद मानकर अपने आहार में शामिल करने की भूल कर देते हैं और इसलिए एनर्जी ड्रिंक ख़रीदने से पहले आपको उसपर लिखा लेबल ज़रूर पढ़ना चाहिए ताकि आपको पता चल सके कि उसमें कैफ़ीन की मात्रा कितनी है।

छोटे बच्चों और प्रीटीन्स के लिए एनर्जी ड्रिंक फ़ायदेमंद नहीं होते हैं क्योंकि उन्हें इनकी आदत लग सकती है। तुरंत ऊर्जा पाने के लिए वे ज़्यादा एनर्जी ड्रिंक पीने लग सकते हैं और ये उनके स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल फ़ायदेमंद नहीं है।

मीठे पेय पदार्थ पीने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

ज़्यादातर स्पोर्ट्स और एनर्जी ड्रिंक में अतिरिक्त शुगर और खाली कैलोरी होती हैं। अगर इस प्रकार के ड्रिंक्स की मात्रा नियंत्रित न की जाए तो बच्चों में मोटापे का ख़तरा बढ़ सकता है। चूंकि ये ड्रिंक अलग अलग स्वाद में उपलब्ध हैं तो बच्चों को ये बहुत ज़्यादा पसंद आते हैं और अक्सर बच्चे ये ड्रिंक ज़रूरत से ज़्यादा पी लेते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद नहीं है। इन ड्रिंक्स में मौजूद अतिरिक्त चीनी और एडिटिव्स के कारण बच्चों के दाँत सड़ने का भी ख़तरा बढ़ जाता है ख़ासकर उन बच्चों में जो अपने दांतों का सही ख़्याल नहीं रखते हैं।

जो बच्चे खेलकूद में हिस्सा लेते हैं और ज़्यादा पसीना बहाते हैं उन्हें स्पोर्ट्स ड्रिंक दिया जाता है लेकिन आप पानी की जगह स्पोर्ट्स ड्रिंक नहीं दे सकते हैं। अगर आप आधे लीटर वाले स्पोर्ट्स ड्रिंक का लेबल पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि ज़्यादातर स्पोर्ट्स ड्रिंक में से बच्चों को केवल ढाई सर्विंग ड्रिंक देने का ही सुझाव दिया जाता है। हालांकि खेल के दौरान प्यास लगने पर बच्चे ढाई सर्विंग से भी ज़्यादा पी लेते हैं।

साथ ही बच्चों के सही विकास और वृद्धि के लिए बच्चों के आहार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन और मिनरल का सही संतुलन बहुत ज़रूरी है। तो अगर  आपके बच्चे किसी भी शारीरिक गतिविधि, व्यायाम या खेल कूद के बग़ैर ही स्पोर्ट्स ड्रिंक पीते हैं तो यह सोडा पीने जितना ही हानिकारक है।

पेरेंट्स को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि एनर्जी ड्रिंक में कैफ़ीन की मात्रा सोडा ड्रिंक की तुलना में तीन गुना ज़्यादा होती है। तो ऐसे एनर्जी ड्रिंक ज़्यादा पीने के कारण नींद और एकाग्रता में दिक़्क़त हो सकती है और बार बार टॉयलेट जाने की भी समस्या हो सकती है। इसलिए एनर्जी ड्रिंक की तुलना में सादा पानी या नारियल पानी पीना ज़्यादा फ़ायदेमंद होता है। आप बच्चों को बिना चीनी की लस्सी, कम फैट वाला छाछ, या सादे पानी मे ताज़ा फल सब्ज़ी या हर्ब्स डालकर भी दे सकती हैं।

क्या स्पोर्ट्स ड्रिंक के कुछ फ़ायदे होते हैं?

 आप जानते हैं कि किसी भी खेल कूद, शारीरिक गतिविधि के दौरान शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। और अन्य किसी भी तरल पदार्थ की तुलना में पानी ही हाइड्रेशन का सबसे अच्छा स्रोत है।

हालांकि, इन बच्चों और प्रीटीन्स के लिए सपोर्ट ड्रिंक फ़ायदेमंद हो सकते हैं:

  • साईकल चलाने या भागने जैसी शारीरिक गतिविधि करने वाले बच्चे
  • बास्केटबॉल, फुटबॉल और हॉकी जैसे खेल खेलने वाले बच्चे

इन स्पोर्ट्स ड्रिंक में कार्बोहाइड्रेट (शुगर) होते हैं जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं। ड्रिंक्स में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट खिलाड़ियों को रिहाइड्रेट करते हैं, ताज़गी देते हैं और ऊर्जावान बनाते हैं। स्पोर्ट्स ड्रिंक में सोडियम और पोटैशियम के रूप में इलेक्ट्रोलाइट होते हैं जो खेल कूद के दौरान पसीने के साथ बह जाते हैं। इसलिए इन इलेक्ट्रोलाइट की मदद से आपके बच्चे की मांसपेशियों का विकास सही से होगा।

अंत में

डॉक्टर और न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार स्पोर्ट्स ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक हमेशा नियंत्रित ढंग में ही पीने चाहिए क्योंकि इनमें शुगर और कैलोरी की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। शरीर में पानी के स्तर को सही रखने के लिए सादा पानी पीना ही सबसे अच्छा विकल्प है। हालांकि, अगर आपका बच्चा हाफ मैराथन में हिस्सा ले रहा है या 2-3 दिनों के लिए ज़्यादा व्यायाम कर रहा है तो स्पोर्ट्स ड्रिंक अच्छा विकल्प हो सकता है।

आख़िर में सबसे ज़रूरी सुझाव यह है कि जब भी आप बाज़ार से स्पोर्ट्स ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक ख़रीदें तो आपको हमेशा उसके पोषण का लेबल पढ़ना चाहिए। लेबल पढ़ते समय ये देखें कि उस ड्रिंक में कितनी कैलोरी हैं और ज़रूरत पड़ने पर अपने न्यूट्रीशनिस्ट से सलाह ले सकते हैं। स्पोर्ट्स बैग में बच्चों के लिए हमेशा पानी की बोतल रखें ताकि वे स्पोर्ट्स ड्रिंक पर कम निर्भर करेंगे। आप बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य और हाइड्रेशन के लिए ताज़ा फलों का जूस या साबुत फल भी दे सकते हैं।