आपका बच्चा आज क्या और कैसा खाना खा रहा इस बात का सीधा असर उसके जीवन के सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है। आपके बच्चे के शारीरिक विकास के लिए उसके शरीर की विभिन्न कोशिकाएं तेज़ी से बढ़ती रहती हैं इसलिए इस समय उसके शरीर को जो पोषक तत्व मिलते हैं उससे शिशु के विकास पर असर पड़ता है। इसलिए एक वयस्क के तौर पर आपका बच्चा कितना पतला, या मोटा या लंबा या छोटा होगा यह बात बचपन में मिलने वाले पोषण पर निर्भर करती है। बचपन में खाने की ख़राब आदतों के कारण बच्चे में वयस्क के तौर पर विभिन्न बीमारियों जैसे मोटापा, डायबिटीज़, हृदय रोगों का खतरा ज़्यादा रहता है। इसलिए बच्चों में छोटी उम्र से ही सेहतमंद खाने की आदतें डालना बहुत ज़रूरी है।

शोध से यह भी पता चला है कि अगर आपके बच्चे छोटी उम्र में ही सेहतमंद खाने की आदत अपनाएं तो बड़े होने पर भी वे सेहतमंद खाने को ही प्राथमिकता देंगे और स्वस्थ रहेंगे। इसलिए, अपने बच्चे को कम उम्र से ही ऐसा खाना खिलाएँ जिसमें विभिन्न खाद्य पदार्थों से पौष्टिक चीजें शामिल हों ताकि बच्चे अलग अलग पदार्थों का टेक्सचर और स्वाद समझ सकें। ऐसा करने से आपके बच्चे खाना खाने में ज़्यादा नखरे भी नहीं करेंगे और आराम से हर तरह का खाना खाएँगे।

अगर आपके बच्चे खाना खाने में नखरे या ज़िद नहीं करेंगे तो इसका एक फ़ायदा यह भी है कि आपको अपने बच्चे के टिफ़िन में ढेर सारा खाना पैक करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। अगर आपका बच्चा नखरे नहीं करेगा तो एक पेरेंट के तौर पर आपके लिए बहुत सारी मुश्किलें आसान हो सकती हैं क्यूंकी आपको यात्रा के दौरान यह नहीं सोचना पड़ेगा कि आपका बच्चा यह चीज नहीं खाता है तो कुछ और क्या बनाएँ।

इस आर्टिकल में आपको यह पता चलेगा कि बच्चों को छोटी उम्र से ही स्वस्थ खाने की आदत डलवाना क्यूँ ज़रूरी है और आप अपने बच्चे को अच्छा खाना खाने के लिए प्रोत्साहित कैसे कर सकते हैं।

सेहतमंद खाना खाने की आदतें क्यूँ हैं ज़रूरी?

  1. बचपन में स्वस्थ भोजन खाने के कई फ़ायदे हैं, क्योंकि यह आपके छोटे बच्चे के मस्तिष्क, मांसपेशियों, हड्डियों, महत्वपूर्ण अंगों, त्वचा और बालों के विकास में मदद करता है। तेजी से बदलते शरीर की पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए संतुलित आहार की भी ज़रूरत होती है।

  2. बच्चे, इन दिनों, कम वजन, कुपोषण और मोटापे की समस्या का सामना कर रहे हैं। बच्चों में दाँत में होने वाली तकलीफ भी एक आम समस्या है। इन खतरों से बचने के लिए, उन्हें कुछ शारीरिक गतिविधियों के साथ-साथ अच्छी खाने की आदतों के साथ एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना बहुत ज़रूरी है। माता-पिता को बच्चों में स्वस्थ आदतों को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह बौद्धिक, शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में मदद करता है।

  3. बच्चे अक्सर बड़ों को देखकर ही उनके जैसा खाना खाने की आदत बनाते हैं। जब परिवार के बड़े सदस्य खाना खाते समय बच्चों से बातचीत करते हैं तो उनके बीच मजबूत रिश्ता बनता है। तो इसलिए बच्चों को खाना खिलाते समय घर में सकारात्मक माहौल बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है जिससे बच्चों में सेहतमंद खाना खाने की आदतें बनती है।

इसलिए सेहतमंद खाना खाने से बच्चों में ऊर्जा का स्तर, बच्चों का मूड, वज़न ठीक रहता है। पैरेंट्स और बच्चों के बीच रिश्ता मजबूत होता है और भविष्य में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।

बच्चों को सेहतमंद खाना खाना कैसे सिखाएँ?

  • बच्चों को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज, डेरी उत्पाद, और ताज़ा फल और सब्जियाँ खिलाएँ।

  • उन्हें केवल एक तरह का अनाज या दाल न खिलाते रहें। उदाहरण के लिए बच्चों को केवल गेहूं की रोटियाँ खिलाने के बजाय उन्हें ज्वार, बाजरे, राजगीर और रागी से बनी रोटियाँ भी खिलाएँ। बच्चों को अरहर, चना, मूंग, और अन्य सभी प्रकार की दालें खिलाएँ।

  • अपने बच्चों के लिए रसोई में सेहतमंद स्नैक्स रखें ताकि अगर उनका कुछ भी खाने का मन करे तो वे सेहतमंद ही कुछ खाएं। बच्चों को खेलने के लिए जाने से पहले उन्हें फलों का सलाद या भुनी मूंगफली खिलाना बेहतरीन तरीका है।

  • बच्चों को एयरेटेड ड्रिंक और जूस देने से परहेज करें क्यूंकी इनमें अत्यधिक मात्रा में चीनी होती है। इसके बजाय बच्चों को सादा पानी या पानी में नींबू या संतरे का रस डालकर दें।

  • पिज़्ज़ा, बर्गर, केक, और कैंडी जैसी चीजें कभी कभार ही खिलाएँ।

  • खाना खिलाते समय इस बात पर ध्यान दें कि बच्चा क्या खा रहा है। अक्सर बच्चे बड़ों का खाना देखकर खाना खाने की आदत बनाते हैं। तो बच्चों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनें। खाना खाते समय टीवी बंद कर दें और बच्चों को सेहतमंद खाना खिलाएँ।

  • बच्चों का रोल मॉडल बनने के लिए आप वो चीजें न खाएं जो आप अपने बच्चों को खिलाना नहीं चाहते हैं। बच्चों की आदतें सुधारने से पहले आपको खुद भी सेहतमंद खाने की आदतें अपनानी होंगी।

  • अगर बच्चे अपना खाना खुद चुनेंगे तो वो आराम से और मज़े से खाना खाएँगे। तो सब्र रखें और बच्चों को ढेर सारे सेहतमंद विकल्प दें। बच्चों को सेहतमंद खाना खिलाने के लिए खाना बनाते समय उनसे भी छोटे-छोटे काम करने को कहें। आप उनसे सब्जियाँ धोने, फ्रिज से सामान निकालने या आलू छीलने जैसे छोटे कामों से शुरुआत कर सकते हैं।

  • कभी कभार जब आप बच्चों को नयी तरह की चीजें खिलाते हैं तो उसका स्वाद अपनाने में बच्चों को थोड़ा समय लग सकता है। हालांकि अपने बच्चों को हर तरह का खाना पेश करते रहना ज़रूरी है ताकि वे उसके स्वाद को अपना सकें।

  • बच्चों को रोजाना एक तरह की भूख नहीं लगती है। कभी कभी वे ज़्यादा खाते हैं और कभी कभी कम खाना खाते हैं। ऐसे में बच्चों को ज़बरदस्ती खाना न खिलाएँ।

  • बच्चों को मसाले और सीजनिंग आदि का भी स्वाद चखने दें ताकि वे नए स्वाद को पहचान सकें। जैसे कि खीरे के प्लेन रायते में किसी दिन भुना जीरा पाउडर किसी दिन पुदीना और किसी दिन तिल डालकर बनाया जा सकता है।

  • बच्चों को खाना खिलाते समय बैठने को कहें ताकि उनके गले में खाना न फंसे।

  • खाना ऐसे परोसें जिसे बच्चे संभाल सकें। छोटे बच्चों के लिए फलों और सब्जियों के छोटे छोटे टुकड़े करना बेहतर है ताकि वे उसे आराम से खा सकें। इससे खाना उनके गले में फँसेगा भी नहीं।

  • ध्यान रखें कि बच्चे खाना देखकर ही उसकी तरफ आकर्षित होते हैं इसीलिए उन्हें जंक फूड पसंद आते हैं क्यूंकी वे रंग बिरंगे और आकर्षक होते हैं। सेहतमंद खानों को भी रंग बिरंगा, मज़ेदार और आकर्षक बनाएँ ताकि बच्चे उन्हें आराम से खा सकें।

  • सबसे ज़रूरी बात बच्चों की अच्छी सेहत के लिए ज़रूरी है कि वे दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पियें। अगर आपके बच्चे शारीरिक गतिविधियों या खेल कूद में हिस्सा लेते हैं तो उन्हें और भी ज़्यादा पानी पीना चाहिए।

अंत में

बच्चों की ज़िंदगी के शुरुआती वर्ष ही वो समय होता है जब वे सेहतमंद खाना खाने की आदत अपनाते हैं। और अक्सर ये आदतें ज़िंदगी भर उनके साथ रहती हैं। तो एक पेरेंट के तौर पर आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि बच्चे कम से कम ये 5 आदतें ज़रूर अपनाएं: विभिन्न तरीकों का खाना चुनना, पर्याप्त पानी पीना, खुद से खाना खाना, खाना खाते समय टीवी न देखना और शांति से खाना खाना।