सर्दियों में, न केवल आपके शरीर के कई अंग बेजान लगने लगते हैं बल्कि यह मौसम आपको उदास और सुस्त भी कर देता है। आप ही सोचिए कि ऐसे दिनों का प्रभाव आपके छोटे बच्चों पर क्या पड़ेगा!

सर्दियों में बच्चों के अंदर फोकस और ऊर्जा की कमी हो जाती है। साथ ही, भूख कम लगने लगती है और नींद के पैटर्न भी प्रभावित हो जाते हैं। यही वजह है कि बच्चों में सर्दी, फ्लू, और बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्हें सर्दियों में सिर्फ़ गर्म कपड़े ही पहनाना काफ़ी नहीं है। आपको उनके आहार पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। सर्दियों को मज़ेदार और सुखद बनाने के लिए, आप अपने बच्चों के आहार में ताज़े और उस मौसम के खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं। याद रखें कि सर्दियों के दौरान भी मेटाबोलिज़्म धीमा हो जाता है, इसलिए आप अपने बच्चों को ऐसा खाना खिलाएं जो पौष्टिक और स्वादिष्ट दोनों हो। साथ ही, जिससे पेट भी भरे और वह आसानी से पचाया भी जा सके।

सर्दियों में इन व्यंजनों से मिलेगी ठंड से राहत

  • सर्दियों के महीने में मिलने वाली सब्ज़ियां स्वास्थ्य के लिए बेहद फ़ायदेमंद होती हैं। आपको रोज़ाना बाहर जाने की भी ज़रूरत नहीं है क्योंकि आप इन सब्ज़ियों को आराम से एक हफ़्ते तक फ़्रिज में रख सकते हैं। साथ ही, यह सब्ज़ियां फ़ाइबर से भरपूर होती हैं जिससे आपके बच्चे की पाचन प्रणाली अच्छी होती है। पालक और पुदीना जैसी हरी सब्ज़ियां भी सेहत के लिए अच्छी होती हैं, लेकिन अगर बारिश का मौसम हो, तो ज़्यादा हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खिलाने से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश में कीड़े और कीटाणुओं का ख़तरा रहता है। सब्ज़ियां पकाने से पहले सब्ज़ियों को अच्छे से धो लें। आप सब्ज़ियों का सूप या स्टू बना सकते हैं, जिससे उन्हें गर्मी और ज़रुरी पोषक तत्व दोनों मिलेंगे। ज़मीन में उगने वाली सब्ज़ियां खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है। सब्ज़ी ख़रीदते समय गाजर, आलू, प्याज़, और चुकंदर ज़रूर ख़रीदें। इन सब्ज़ियों से बना सूप आपके बच्चों को सर्दी से राहत दिलाने के लिए पौष्टिक और सेहतमंद विकल्प हो सकता है।
  • आप अपने बच्चों को ताज़े कटे फल भी खिला सकते हैं या कमरे के तापमान पर जूस बनाकर भी दे सकते हैं। पपीता और अन्नानास खाने से भी शरीर को गर्माहट मिलती है। विटामिन सी के साथ-साथ करौंदे से ठंड में भी राहत मिलती है। खजूर भी सर्दियों में खाने के लिए अच्छा विकल्प है। ऐसी बहुत सारी मिठाईयां हैं जिनमें खजूर, घी, और गुड़ का इस्तेमाल होता है। यह सभी खाद्य पदार्थ शरीर में गर्मी पैदा करते हैं और बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को भी बेहतर करते हैं। आप सर्दियों में अपने बच्चे के लिए स्वादिष्ट लड्डू और हलवा बना सकते हैं।
  • बच्चों को खाने में थोड़े मसाले भी खिलाएं! भारत में विभिन्न प्रकार के मसाले मिलते हैं जो आपके बच्चों के शरीर में गर्माहट पैदा करते हैं। ज़ुकाम, सर्दी, गले में ख़राश आदि से निजात पाने के लिए सरसों, सोआ, अजवाइन, मेथी दाना, काली मिर्च, अदरक, और हल्दी भी फ़ायदेमंद होते हैं। सर्दी में होने वाले जोड़ों के दर्द भी इन मसालों के नियमित सेवन से ठीक हो जाते हैं और यह रक्तप्रवाह और भूख को भी बढ़ाते हैं। इसके साथ ही, तुलसी के पत्ते और तिल से भी सर्दियों में राहत मिलती है। आप इन्हें सलाद, सूप, स्टू, और फ्राइज़ में भी डाल सकते हैं।
  • सर्दी के महीनों में, अपने आहार में गर्म पेय भी शामिल करें। ऊपर बताए गए मसालों का इस्तेमाल करें और विभिन्न प्रकार के गर्म पेय बनाने की कोशिश करें। दालचीनी, लौंग, अदरक, इलायची, और थोड़ा शहद लेकर मिश्रण बनाएं। यह आपके बच्चे को ठंड से बहुत राहत दे सकता है। ये मसाले एन्टी बैक्टीरियल और एन्टी इंफ़्लेमेटरी भी होते हैं। दूध में बादाम, काजू, पिस्ता, और अखरोट डालकर भी पिला सकते हैं।
  • ओमेगा 3 एसिड से भरपूर मछली को भी अपने बच्चों के आहार में शामिल करें, जैसे कि रवास, रोहू,पॉम्फ्रेट,और आही। इससे आपके बच्चे को ऊर्जा और गरमाहट मिलेगी।
  • सर्दियों के दौरान लोग आलस की वजह से बाहर नहीं निकलते, जिससे शरीर को धूप नहीं मिल पाती। धूप न मिलने के कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। चूंकि विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण की सुविधा देता है, इसलिए आपको अपने बच्चों के आहार में कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर पदार्थ शामिल करने चाहिए। बहुत कम शाकाहारी भोजन में विटामिन डी मिलता है। हालांकि, दूध और पनीर इसके उचित स्रोत हैं। लिवर, अंडे की जर्दी, और मछली में विटामिन डी की अच्छी मात्रा होती है। आप चाहें तो इसके सप्लीमेंट के लिए, डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।

आप सर्दियों में अपने बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए, ऊपर दिए गए सुझाव मान सकते हैं। इसके साथ ही बच्चों को शारीरिक गतिविधियों के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। इससे बच्चों में सुस्ती नहीं आएगी और वे बोर भी नहीं होंगे। कोशिश करें कि आप बच्चों को हमेशा ताज़े बने खाने ही खिलाएं और पीने के लिए गुनगुना पानी ही दें।