जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं वे हर चीज़ में आज़ादी तलाश करना शुरू कर देते हैं और अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश करने लगते हैं। खाने की पसंद भी इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है जहाँ बच्चे हर चीज़ अपने पसंद से खाना चाहते हैं। दुर्भाग्यवश ज़्यादातर छोटे बच्चे और प्रीटीन्स सब्ज़ियों को अपनी पसंद में शामिल नहीं करते हैं जबकि सब्ज़ियाँ फ़ाइबर, विटामिन, और मिनरल से भरपूर होती हैं। और ऐसे में बच्चों को खिलाते समय घर युद्ध क्षेत्र बन जाता है जहाँ अक्सर माएँ अपने बच्चों को हरी, पत्तेदार सब्ज़ियाँ खिलाने की जद्दोजहद में लगी रहती हैं। हालांकि जहां चाह है वहाँ राह भी बनती है। उदाहरण के लिए आप अक्सर बच्चों को सब्ज़ी खिलाने के लिए उनके आहार में चुपके से सब्ज़ी शामिल करती ही होंगी जैसे कभी दाल के साथ लौकी। बच्चों को इस तरह से सब्ज़ियाँ खिलाने से आपकी समस्या कुछ दिनों के लिए सुलझ सकती है लेकिन आपको यह भी जानना चाहिए कि लंबे समय के लिए इसके फ़ायदे और नुक्सान क्या हैं।
बच्चों को चुपके से सब्ज़ियाँ खिलाने के फ़ायदे:
- खाने का पोषण मूल्य बढ़ जाता है: आहार में सब्ज़ियाँ शामिल करने से वे विटामिन, मिनरल, तथा अन्य पोषक तत्व मिलते हैं जो आपके बच्चे के संपूर्ण वृद्धि एवं विकास के लिए ज़रूरी हैं और ऐसे में बच्चों के आहार से सब्ज़ियाँ हटाना बहुत हानिकारक हो सकता है। इसलिए खाने में सब्ज़ियाँ छुपाकर खिलाने से आप खाने में पोषण की मात्रा बढ़ा सकते हैं और बच्चों को संतुलित आहार भी दे सकते हैं।
- डाइट में विभिन्न खाद्य पदार्थ शामिल करने का मौक़ा: आपके बच्चे को जो खाना पसंद है उसमें चुपके से सब्ज़ियाँ शामिल करके आप विभिन्न प्रकार, रंग आकार, टेक्सचर की सब्ज़ियों के साथ प्रयोग कर सकते हैं। और खाने में इस तरह की विभिन्नता बहुत ज़रूरी है ताकि आपके बच्चे को ज़रूरी विटामिन और मिनरल मिल सकें और उसका उचित विकास हो सके।
- खाने में नखरे कम करेंगे: अगर आपके बच्चे को यह पता ही नहीं होगा कि उसके मनपंसद खाने के साथ आपने पौष्टिक सब्ज़ी भी चुपके से मिला दी है तो वह खाना खाते समय ज़्यादा नखरे ही नहीं करेगा। अगर खाना स्वाद में और देखने में स्वादिष्ट है तो बच्चा झटपट अपना खाना ख़त्म कर देगा। इसलिए आपको रोज़ रोज़ ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी।
बच्चों को चुपके से सब्ज़ियाँ खिलाने के नुक्सान:
- आपके बच्चे को सब्ज़ी का असली स्वाद नहीं पता चलेगा: यह माना जाता है कि अगर एक ही प्रकार का खाना बार बार खिलाया जाए तो बच्चे को उसका स्वाद समझ आ जाता है और उस स्वाद की आदत लग जाती है। इसलिए बच्चा आसानी से वो खाना पसंद कर लेता है। हालांकि जब आप बच्चों को चुपके से कोई सब्ज़ी खिलाते हैं तो सब्ज़ी का असली स्वाद पता नहीं चलता है और हो सकता है कि आपका बच्चा वो सब्ज़ी खा ले लेकिन अगली बार जब आप उसे वही सब्ज़ी प्रत्यक्ष रूप से खिलायेंगे तो वह उसे खाने से मना कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उस सब्ज़ी का असल स्वाद उसे नहीं पता है और आपकी परेशानी वहीं की वहीं रह जाएगी।
- आप सब्ज़ियों की मात्रा नहीं बढ़ा पाएँगे: पेरेंट्स होने के तौर पर अगर आप बच्चों के खाने में चुपके से ज़्यादा सब्ज़ियाँ शामिल करेंगे तो ज़ाहिर है कि आपको इस बात का डर भी बना रहेगा कि बच्चे को इसके बारे में पता चल जाएगा। तो ऐसे में आप कम मात्रा में ही विभिन्न सब्ज़ियाँ शामिल कर पाएंगे और आपके बच्चे के विकास के लिए पोषण की ज़रूरत ज़्यादा हो सकती है।
- बच्चों का विश्वास कमज़ोर हो सकता है बच्चों के खाने में चुपके से सब्ज़ियाँ शामिल करने का नुक्सान यह भी है अगर कभी आपका बच्चा अपने खाने में कोई ऐसी सब्ज़ी देख लेता है जो उसको पसंद नहीं है तो बच्चे का विश्वास टूट जाएगा और हो सकता है कि वो और ज़्यादा नखरे करने लगे। इसके कारण बच्चे उस सब्ज़ी को और ज़्यादा नापसंद करने लगेंगे।
- बच्चों के साथ खाना बनाना मुश्किल होगा: पेरेंट्स को यह सलाह दी जाती है कि खाना बनाते समय या इसकी तैयारी करते समय बच्चों को भी अपने साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े और ज़िम्मेदारियों के बारे में समझ सकें। इसके अलावा वे पौष्टिक और प्राकृतिक भोजन के महत्त्व को समझेंगे। साथ ही जो खाना बनाने में बच्चे आपकी मदद करेंगे, वो खाना आसानी से खाएँगे भी। हालांकि अगर आप बच्चों के खाने में चुपके से सब्ज़ियाँ डालना चाहते हैं तो बच्चे के साथ खाना बनाते हुए यह मुमकिन नहीं हो पायेगा।
- इससे बच्चों में खाने की अच्छी आदतें नहीं बनेंगी: चूंकि आपके बच्चे को यह पता नहीं होगा कि उसके खाने में सब्ज़ियाँ हैं तो वह खाना खाने में नखरे कर सकता है इसके अलावा आपके बच्चे को यह कभी पता नहीं चल पाएगा कि उसके विकास और स्वास्थ्य के लिए हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ कितनी ज़्यादा ज़रूरी हैं। इसकी वजह से बच्चे भविष्य में कभी भी सेहतमंद और स्वस्थ खाने की आदतें नहीं अपना पाएंगे।
अंत में
बच्चों को चुपके से सब्ज़ियाँ खिलाने से पहले आपको इसके फ़ायदे और नुकसान के बारे में ज़रूर पता होना चाहिए। अगर आपका बच्चा सब्ज़ियाँ खाने से एकदम मना कर देता है तो उन्हें चुपके से सब्ज़ियाँ खिलाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन लंबे समय के लिए ऐसा करना फ़ायदेमंद नहीं होगा। इसलिए आपको इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि बच्चे सब्ज़ियों को नापसंद करने की आदत न बनाएँ क्यूंकी ऐसा करना उनके स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल फ़ायदेमंद नहीं है।
बच्चों को संतुलित आहार खिलाना सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है इसलिए बच्चों को ऐसे आहार खिलाएँ जिसमें आप आसानी से नयी सब्जियाँ धीरे धीरे शामिल करते रहें। आपको अपने बच्चों को यह भी बताना होगा कि सब्ज़ियों की अहमियत क्या होती है और वे उनके स्वास्थ्य तथा विकास के लिए कितनी ज़रूरी होती हैं। इसके अलावा बचपन से ही बच्चों को हर सब्ज़ी एक-एक कर के खिलाएँ ताकि वे हर सब्ज़ी का असली स्वाद समझ सकेंगे। इससे आप बच्चों के आहार में धीरे-धीरे सेहतमंद और स्वस्थ सब्ज़ियों के विकल्प चुन सकेंगे ताकि आपके बच्चे हमेशा अच्छे खाने की आदतें ही अपनाएं। आपको यह भी याद रखना होगा कि बच्चे अपने माँ बाप से ही सीखते हैं इसलिए आपको भी स्वस्थ खाने की आदतें ही अपनानी चाहिए ताकि बच्चे भी यह चीज आसानी से समझ सकेंगे कि सब्ज़ियां खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है।