इस समय जब सभी घर रहकर अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे हैं तो ऐसे में बहुत से लोग यह भी जानना चाहते हैं कि वे हर बीमारी से लड़ने के लिए अपनी इम्युनिटी कैसे बढ़ा सकते हैं और शरीर को मज़बूत कैसे बना सकते हैं। विटामिन और विटामिन सी विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से बचाने के लिए ज़रूरी होते हैं। चूँकि यह आपके बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी विटामिनों में से हैं इसलिए  इनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। 

ये हैं कुछ रोचक तथ्य:  

  1. विटामिन सी आपको विभिन्न फल और सब्ज़ियों से मिल सकता है लेकिन विटामिन डी के मुख्य स्रोत अंडे, मछली, फोर्टिफाइड डेरी उत्पाद और धूप ही हैं। सभी फल और सब्ज़ियां विटामिन सी के प्राकृतिक स्रोत हैं। खट्टे फल जैसे संतरे, नीम्बू, अंगूर, अमरुद, आम, रसभरी, स्ट्रॉबेरी, लाल और हरी शिमला मिर्च, और कीवी में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है। नवजात शिशु अपनी ज़िन्दगी के शुरुआती वर्षों में  विटामिन डी के लिए ब्रेस्टमिल्क, धूप, और विटामिन डी सप्लीमेंट पर निर्भर रहते हैं। जब वे बड़े हो जाते हैं तो बच्चों को बाहर धूप में खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उनके आहार में अंडे, मछली, मशरूम, पनीर और दूध आदि शामिल करना चाहिए ताकि उनकी विटामिन डी की ज़रूरत पूरी हो सके।
  2. विटामिन सी पानी में घुलने वाला विटामिन है और विटामिन डी फैट में घुलने वाला। आसान शब्दों में कहा जाये तो विटामिन सी ऐसा विटामिन है जो उन फल और सब्ज़ियों में पाया जाता है जिसमें पानी की मात्रा ज़्यादा होती है। लेकिन अगर विटामिन सी वाले फल या सब्ज़ियों को ज़्यादा देर तक पकाया जाये तो उसमें मौजूद गुण  ख़त्म हो जाते हैं। इन पोषक तत्वों को बरकरार रखने के लिए इन्हें माइक्रोवेव में या भाप से पकाएं या इन्हें कच्चा भी खाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर , विटामिन डी को सेहतमदं तेल में ही पकाना चाहिए। अंडे  का पीला भाग, फिश ऑइल और दूध  या अन्य डेरी उत्पाद में मौजूद फैट में ये विटामिन होता है।
  3. विटामिन सी की मुख्य भूमिका होती है हमारे शरीर में टिशू की मरम्मत करना और इम्युनिटी मज़बूत बनाने के लिए विभिन्न ऐंज़ाइम की देखभाल करना। यह एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह भी काम करता है। विटामिन डी  हड्डियों के मज़बूत विकास के लिए बेहद ज़रूरी है और यह शरीर में कैल्शियम घुलने में भी मदद करता है। यह हड्डी के कैल्सीफिकेशन और मिनरलाइजेशन में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और टूटने का ख़तरा कम होता है।
  4. विटामिन सी खून के निर्माण के लिए  ज़रूरी मिनरल, आयरन, के अवशोषण को बढ़ाने में मदद करता है। इसी तरह, विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। हमारी हड्डियों और दांतों की मज़बूती के लिए विटामिन डी बहुत ज़रूरी विटामिन है।
  5. विटामिन सी हमारे शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है, इसलिए यह एक इम्युनिटी बूस्टर है। इस कारण सर्दी, खांसी और अन्य सांस संबंधी बीमारियों को रोकने में विटामिन सी ज़रूरी है। विटामिन डी भी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाता है। सांस की नली यानी विंडपाइप  के संक्रमण से निपटने के लिए विटामिन डी की कमी पूरी करना बहुत ज़रूरी है। इसलिए भले ही आपके बच्चे को सर्दी हो, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि वह कम से कम 20-25 मिनट धूप में ज़रूर रहे। कृपया याद रखें, ये विटामिन  केवल संक्रमण कम ही नहीं करते हैं बल्कि संक्रमण से लड़ने के लिए इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
  6. विटामिन सी की कमी से जोड़ों और मसूड़ों में दर्द और अन्य परेशानी हो सकती हैं और विटामिन डी की कमी हड्डियों के घनत्व को कम करती है। यहां तक ​​कि भारत जैसे देश में, विटामिन सी की कमी प्रमुख है, और इस पोषक तत्व की कमी का मुख्य कारण खराब आहार और कुपोषण से जुड़ा है। बच्चों में विटामिन डी की कमी के कारण हाइपोकैल्सीमिया, रिकेट्स, दांत से जुड़ी बीमारी और धीमा विकास हो सकता है।
  7. विटामिन सी और विटामिन डी के सप्लीमेंट उपलब्ध हैं। हालाँकि, नियमित रूप से सप्लीमेंट लेना और पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए सिर्फ सप्लीमेंट पर ही निर्भर रहना सही नहीं है। जब तक आपका डॉक्टर इन सप्लीमेंट का सुझाव न दे तब तक आपको ये सप्लीमेंट नहीं लेने चाहिए। सामान्य परिस्थितियों में, इन विटामिनों के लिए प्राकृतिक स्रोत जैसी फल और सब्ज़ियों का सेवन करने से आप और आपका परिवार स्वस्थ रहेगा।