सामान्य सर्दी हो या ब्रोंकाइटिस (फेफड़े की सूजन), बच्चों को रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन (आरटीआई) होना बेहद आम बात है। रेस्पिरेटरी इन्फ़ेक्शन आमतौर पर वायरस की वजह से होते हैं। यह दो तरह के होते हैं, अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन (यूआरटीआई- ऊपरी साँस नली में संक्रमण) या लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन (एलआरटीआई- निचली साँस नली में संक्रमण), यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वायरस ने श्वास नली के किस हिस्से को प्रभावित किया है।

बच्चे को रेस्पिरेटरी इन्फ़ेक्शन होने पर उसे नाक बंद होना, खांसी, छींक, गले में खराश और नाक बहने की समस्या हो सकती है। बच्चे को सिर दर्द या बुखार भी आ सकता है।

बच्चों को होने वाले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन का इलाज कैसे करें?

बच्चों को होने वाले रेस्पिरेटरी इन्फ़ेक्शन का इलाज जल्दी से जल्दी होना चाहिए, नज़रअंदाज़ करने से यह समस्या और बड़ी हो सकती है। खुद से इसका इलाज ना करें बल्कि किसी बच्चों के डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों के अलावा, बच्चे को रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन से बचाने और जल्दी ठीक करने के लिए उसे सही पोषण देना ज़रूरी है। ऐसा देखा गया है कि जो बच्चे ज़्यादा मीठी चीज़ें, प्रोसेस्ड फ़ूड खाते हैं या खाने में नखरे करते हैं, उन्हें रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन होने की संभावना ज़्यादा रहती है। इसलिए उनकी इम्युनिटी (बीमारियों से लड़ने की ताकत) को बढ़ाने और इन्फ़ेक्शन से लड़ने के लिए पौष्टिक चीज़ें खाना बहुत ज़रूरी है।

बीमार होने पर बच्चे को पौष्टिक चीज़ें खिलाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि बीमारी से बच्चे के जीभ का स्वाद खराब हो जाता है, साथ ही उसे भूख भी कम लगती है। इसका असर बच्चे की खुराक पर पड़ता है और वह कम खाना खाता है, जिससे उसके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। और इस वजह से इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) पर असर पड़ता है और उसकी संक्रमण से लड़ने की ताकत कम हो जाती है।

बच्चों में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन के दौरान पोषण संबंधी ज़रूरी बातें

नीचे उन ज़रूरी पोषक तत्वों की जानकारी दी गई है जो रेस्पिरेटरी इन्फ़ेक्शन से लड़ने में बच्चे की मदद करते हैं। बच्चे को रेस्पिरेटरी इन्फ़ेक्शन होने के दौरान और उसके रोज़ाना के खाने में इन्हें ज़रूर शामिल करें:

  • ज़िंक, रेस्पिरेटरी वायरस को बढ़ने और फैलने से रोकता है और बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाता है। यह बच्चे की बंद नाक को खोलकर उसे सर्दी और खांसी से जल्दी राहत दिलाता है। चिकन, फलियां, कद्दू और सूरजमुखी आदि के बीज, अंडा, चने की दाल और दूध में भरपूर ज़िंक होता है।
  • बच्चे के खाने में, लॉन्ग चेन ओमेगा-3 फैटी एसिड (इपीए और डीएचए) को सही मात्रा में शामिल करने से संक्रमण को शुरुआत में ही रोका जा सकता है। इसके अलावा इन फैटी एसिड को बच्चे के खाने में शामिल करना काफी फायदेमंद होता है क्योंकि इससे ऐसी बीमारियां और संक्रमण दूर रहते हैं। अखरोट, मैकेरल जैसे सी फूड (समुद्री खाना), कॉड लिवर ऑयल, चिया और फ्लैक्स के बीज, ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं और इन्हें खाने से बच्चे को बहुत फायदा मिलेगा।
  • अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन से लड़ने के लिए विटामिन डी बेहद ज़रूरी है। इसलिए अगर आपके बच्चे को सिर्फ जुखाम ही क्यों ना हो तब भी उसे कम से कम 20-25 मिनट की धूप ज़रूर दिलाएं।
  • जुखाम, खांसी और दूसरी रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियों में, विटामिन सी के इस्तेमाल से बहुत फ़ायदा होता है। खट्टे फल विटामिन सी के सबसे अच्छे स्रोत होते हैं, हालांकि कई भारतीय महिलाएं मानती हैं कि इसके इस्तेमाल से जुखाम और बढ़ता है। ऐसे में पपीता, आमला , स्ट्रॉबेरी, लाल शिमला मिर्च, ब्रोकली और टमाटर जैसे फलों का इस्तेमाल करें, इनमें भरपूर विटामिन सी होता है और ये खट्टे भी नहीं होते।

रेस्पिरेटरी इन्फ़ेक्शन में कैसा खाना खाएं

  • बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पीने के लिए पानी दें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और नाक बहने की वजह से, पानी की जो कमी हुई है उसकी भी भरपाई होगी। चिकन का सूप, दाल, टमाटर का सूप के इस्तेमाल से शरीर के इम्यून सिस्टम को बढ़ाने वाले माइक्रोन्यूट्रिएंट (ऐसे पोषक तत्व जिनकी हमारे शरीर को थोड़ी मात्रा में ज़रूरत होती है) की कमी पूरी होती है।
  • आपका बच्चा जिस चीज़ को चाव से खाता है वह उसे कम मात्रा में दें। जब आपका बच्चा रोए तो उसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लगातार खुराक देते रहें, यह आसानी से पच जाता है। बच्चे के रोने और चिड़चिड़ा होने पर, उसे थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खिलाते रहना आसान होता है, इससे खाना आसानी से पच भी जाता है। बहुत फैटी, तली हुई चीज़ों से परहेज करें और पास्ता और चावल जैसे साधारण स्टार्च वाली चीज़ें बच्चे को खिलाएं, ये आसानी से पच जाते हैं। पूरे दिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कुछ न कुछ खिलाते रहने से शरीर में ताकत बनी रहती है।
  • दही के साथ चावल या खिचड़ी या दाल और सब्ज़ी के साथ रोटी, आसानी से बनने और पचने वाली चीज़ें हैं। आप बच्चे को चीया या फ्लैक्स के बीज के साथ उसके पसंदीदा फल की स्मूदी भी बना के दे सकते हैं।
  • ऐसे में अदरक और तुलसी या पुदीना से बनी हर्बल चाय भी बहुत फायदेमंद होती है। हर्बल चाय को सांस के साथ अंदर की ओर खींचें, ऐसा करने से नाक की नली में बने बलगम से राहत मिलती है।
  • गर्म पानी या दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर बच्चे को दें, इससे उसे जुखाम, खांसी और साधारण सांस की परेशानियों से आराम मिलेगा। यह याद रखिए कि हल्दी एक बेहतरीन एंटीसेप्टिक है और इसमें सूजन को कम करने की ख़ासियत होती है।
  • बच्चे को रेस्पिरेटरी इन्फ़ेक्शन होने पर उसे शहद दें क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।

ठंडा मौसम, प्रदूषण, एलर्जी जैसी कई दूसरी वजहों से रेस्पिरेटरी इन्फ़ेक्शन हो सकता है। बच्चों में यह अक्सर होता रहता है लेकिन दवाइयों से इसे ठीक क्या जा सकता है और सबसे ज़रूरी है कि संतुलित पौष्टिक खाने से इम्युनिटी को बढाकर इन्फ़ेक्शन को फैलने से रोका जाए।