बच्चों की परवरिश कोई आसान काम नहीं है, खासकर तब जब आप उन्हें एक ज़िम्मेदार, संवेदनशील और स्वस्थ व्यक्ति बनाना चाहते हैं। आप अपने बच्चों को छोटी उम्र से ही घर के कुछ आसान काम सिखा सकते हैं ताकि वे अपने जीवन में कुछ अच्छी आदतें और हुनर सीख सकें। जैसे कि आप उन्हें रसोई के छोटे-मोटे काम करना सिखा सकते हैं, इससे उनको ज़िम्मेदारी का भी एहसास होगा और इसके साथ ही वे अच्छे और पौष्टिक भोजन की ओर भी आकर्षित होंगे। इतना ही नहीं, ऐसा करने से आप अपने बच्चे के साथ खूबसूरत समय भी बिता पाएंगे और आप उनको कई प्रकार के पोषक तत्वों के बारे में बता सकते हैं। यह भी ज़ाहिर सी बात है कि ऐसा करना आपके बच्चे की रचनात्मक क्षमता को बढ़ाएगा।
हालांकि, यह हमेशा ध्यान रखें कि अपने छोटे बच्चे को रसोई में ले जाते समय आपको बहुत ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत होती है, जैसे- आग और नुकीले बर्तन आदि से बचाना। इस तरह आप उनको ज़रूरी सुरक्षा के बारे में भी सिखा सकते हैं।
अगर आप बच्चों के साथ खाना बनाने की इच्छा रखते हैं तो आपको इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए:
उनकी उत्सुकता को बढ़ावा दें, रोकें नहीं
बच्चे को रसोई के काम सिखाने के लिए छोटे और आसान कामों से शुरुआत करें, जैसे कि फ़्रिज से सब्ज़ी निकालना, ब्रेड पर बटर लगाना आदि। ध्यान रखें कि आप जो भी काम उनको दे रहे हैं वह आपके बच्चे की उम्र और समझ के हिसाब से होना चाहिए जो कि एक प्रीस्कूल का बच्चा कर सके। इन सब कामों में थोड़ा समय ज़रूर लग सकता है, लेकिन थोड़ा धैर्य रखें क्योंकि ये काम आपके बच्चे के विकास में मदद करते हैं।
उनको अपनी पसंद का काम करने दें
अपने बच्चे उनकी पसंद के मुताबिक़ काम करने दें, ध्यान रखें कि वो काम उनके लिए हानिकारक न हो। जैसे कि उन्हें यह फ़ैसला करने दें कि वे सामग्री की मात्रा तय करना चाहते हैं या कड़ाही में मसाले डालना चाहते हैं, और धीरे-धीरे इन सब कामों में उसकी रूचि बढ़ेगी और वे खुद से ही अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थों, उनके पोषक तत्वों, स्वाद और उसके टेक्सचर के बारे में जानेंगे।
आसान खाना बनाएं और बच्चे को चखने के लिए दें
बच्चों को वह खाना चखने में मज़ा आता है जिसमें उनका कुछ योगदान रहा हो। इसलिए यह एक सही समय है जहां आप उन्हें घर पर बने पौष्टिक भोजन के फ़ायदों के बारे में बता सकते हैं। खाना बनाने में इस्तेमाल हुई सभी सामग्रियों के बारे में, उनके रंग, रूप, महक, आकार और अन्य गुणों के बारे में अपने बच्चों को बताएं।
आप सोच रहे हैं कि बच्चों की उम्र के हिसाब से सही कुकिंग टास्क क्या होगा? यह पूरी तरह आपके बच्चे की रूचि, उनकी मोटर स्किल्स और उनकी सीखने की गति पर निर्भर करता है। उनको प्रोत्साहित करने के लिए ऊपर दिए गए सुझावों को अपनाएं और वे धीरे-धीरे बड़े काम भी करना सीख जाएंगे।
छोटे बच्चों को घर के काम सिखाना क्यों ज़रूरी है?
बच्चों को खेलना और अलग-अलग तरह के नए काम करना बहुत पसंद होता है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि ये सिर्फ़ बाहर के खेल ही होने चाहिए।
ऐसे कई घरेलू काम हैं जो आपके बच्चे बहुत खुशी से कर सकते हैं और जो उनको समझदार बना सकते हैं। खाना बनाना ऐसा ही काम है जिससे आप उन्हें सभी पौष्टिक खाद्य पदार्थों के गुणों और उनके फ़ायदों के बारे में बता सकते हैं।
आपके बच्चे को अलग-अलग भोजन का स्वाद पता चलेगा और उसमें रुचि पैदा होगी। वे खाना खाने में नखरे करना कम कर देंगे, और धीरे-धीरे वे अच्छे, पौष्टिक और घर पर बने खाने के महत्व को समझने लगेंगे।
कुकिंग से आपके बच्चे की रचनात्मक और तार्किक सोच के विकास में बहुत मदद मिलती है। जैसे गिनती करना, हिसाब रखना, नाप-तौल करना, निर्णय लेना आदि।
खाना बनाना सीखने से बच्चों के जीवन में व्यावहारिक गुण विकसित होंगे जैसे- धैर्य और सहनशीलता। वे दूसरों के गुणों और विचारों से और ज़्यादा प्रेरित होंगे और नई चीज़ें सीखेंगे। ये सभी गुण उन्हें आगे चलकर अपने स्कूल और बाहरी दुनिया से रूबरू होने में उनकी मदद करेंगे।
खाना बनाने में आपकी मदद करने से उनमें खाना बनाने के नए तरीके और मदद की भावना का विकास होगा।
वे सेहतमंद खाने की आदतें सीखेंगे जो उनको आगे चलकर फिट और स्वस्थ वयस्क बना पाएंगे।
अपने बच्चों को एक बहुत ही सौहार्दपूर्ण, देखभाल करने और स्वस्थ जीवन देने के लिए रसोई के काम सिखाना एक बहुत अच्छा रास्ता है। याद रखें, कि एक बच्चे की शिक्षा उसके घर से ही शुरू होती है और रसोई के कामों में आपका हाथ बंटाकर बच्चे कम उम्र से ही अपनी ज़िम्मेदारियों को समझ सकते हैं। साथ ही, यह अपने बच्चे के साथ मिलजुल कर समय बिताने का भी एक खूबसूरत तरीका है।