सेहतमंद, प्रोटीन से भरपूर आहार खिलाने से बच्चों के स्वास्थ्य की बुनियाद मज़बूत होगी और भविष्य में विभिन्न बीमारियों का ख़तरा भी कम होगा। हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा, ऊतकों, और खून के सही निर्माण के लिए प्रोटीन बेहद ज़रूरी तत्व होते हैं। प्रोटीन हमारे शरीर में ऊतकों की मरम्मत करने में भी मदद करते हैं। बढ़ते बच्चों के लिए प्रोटीन की ज़रूरत ज़्यादा होती है ताकि उनका विकास उचित ढंग से हो सके तथा इसमें कोई रुकावट भी ना आये। 2 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए रोज़ प्रोटीन की सर्विंग बहुत ज़रूरी होती हैं।

दूध, मांस, मछली, और अंडे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन के प्रमुख स्रोत होते हैं वहीं शाकाहारी खाद्य पदार्थ जैसे दाल और फलियां भी प्रोटीन से भरपूर होते हैं। लेकिन दाल और फलियों में ज़रूरी अमीनो एसिड की मात्रा कम होती है। हालांकि, दलिया, बाजरा, और दाल को एक साथ अपने आहार में शामिल करने से आप शरीर के लिए ज़रूरी अमीनो एसिड की पर्याप्त मात्रा प्राप्त कर सकते हैं।

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे को आहार में प्रोटीन की सही मात्रा मिले, तो आप उसे शाकाहारी स्रोतों के बाद धीरे-धीरे मांसाहारी खाद्य स्रोत खिलाना शुरू कर सकते हैं। अंडे और पोल्ट्री आइटम के साथ शुरू करना और फिर धीरे-धीरे मांस, मछली और अन्य समुद्री भोजन बच्चे के आहार में शामिल करना अच्छा तरीका है। यहां प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की लिस्ट दी गई है, जिनसे आपके बच्चे को पर्याप्त प्रोटीन मिलेगा:

  • मछली: सबसे लोकप्रिय भोजन के रूप में प्रसिद्ध, मछली एक ऐसा भोजन है जो मस्तिष्क के विकास में मदद करता है क्यूंकि इसमें प्रोटीन और ओमेगा -3 फैटी एसिड की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। तैलीय और ठंडे पानी की मछलियां सेहतमंद फैट की शानदार स्रोत होती हैं। ये फैट हैं इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए)। दिमागी विकास के लिए ज़रूरी ये फैट्स समुद्री एल्गी द्वारा बनते हैं और मछलियां यही एल्गी खाती हैं।
  • अंडे: अंडे के सफ़ेद हिस्से में मौजूद प्रोटीन सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाला होता है इसका मतलब है कि अंडे से मिलने वाला सारा प्रोटीन पूरी तरह से आपके शरीर में घुलता है। इसके अलावा, अंडे की ज़र्दी में विटामिन ए, फैट और चोलिन होता है। चोलिन याद्दाश्त बढ़ाने के लिए ज़रूरी है। बच्चों के आहार में अंडे शामिल करने से पहले आपको यह पता कर लेना चाहिए कि बच्चों को अंडे से एलर्जी तो नहीं है क्यूंकि अंडे उन 10 खाद्य पदार्थों में से एक हैं जिनमें एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है।
  • मेवे: प्रोटीन के साथ, मेवे में ज़रूरी फैट, बी विटामिन, और विटामिन ई जैसे पोषक तत्वों की भी ज़रूरी मात्रा होती है। विटामिन बी की मदद से दिमाग और तंत्रिकाओं में ग्लूकोज़ सही ढंग से घुल पाता है, वहीं विटामिन ई एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट है जो न्यूरल मेम्ब्रेन को सुरक्षित रखता है। जब बच्चा 12 से 15 महीने की उम्र का हो जाये तभी आप उसके आहार में मेवे शामिल कर सकते हैं। हालाँकि, बच्चों को मेवे, खासकर मूँगफली, से एलर्जी भी हो सकती है इसलिए आपको पूरे एहतियात और सही जानकारी के बाद ही बच्चों को मेवे खिलाने चाहिए। विटामिन ई से भरपूर मेवे खाने से बच्चों में कॉग्निटिव विकास (सोचना, सीखना, याद रखना, पढ़ाई-लिखाई में प्रदर्शन आदि) सही ढंग से होता है।
  • बाजरा: यह ऐसा ज़रूरी अनाज है जो आप पूरक आहार के तौर पर ही बच्चों के आहार में शामिल कर सकते हैं। बाजरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, लेकिन इसमें पोटैशियम और ज़िंक जैसे ज़रूरी मिनरल होते हैं और कुछ विटामिन बी की भी अत्यधिक मात्रा होती है। यह सभी पोषक तत्व बच्चे के दिमागी विकास के लिए बहुत ज़रूरी और फ़ायदेमंद होते हैं। जब बात आती है अनाज की तो आपको इतना याद रखना चाहिए कि मोटे अनाज हमेशा बेहतर विकल्प होते हैं और ये बच्चों को संपूर्ण पोषण भी देते हैं।
  • दूध उत्पाद: दूध या दूध से बनी चीज़ें प्रोटीन और कैल्शियम का भंडार हैं। लेकिन ज़्यादा फैट वाले दूध स्रोत से परहेज करें। इनकी जगह पर, कम फैट वाला दूध, पनीर, और दही अच्छे विकल्प हैं। इनमें प्रोटीन, अच्छे फैट और बी विटामिनों की भरपूर मात्रा होती है।

बच्चों के आहार में सेहतमंद और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने के लिए आपको कुछ समय तक बहुत बार कोशिश और मेहनत करनी पड़ सकती है। साथ ही, यह कहने की तो ज़रूरत ही नहीं है कि बच्चों के सही विकास के लिए उन्हें प्रोटीन से भरपूर भोजन खिलाना बहुत ज़रूरी है। बस याद रखें कि बच्चों को किसी भी खाद्य पदार्थ से एलर्जी ना हो। अगर ऐसा है तो अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से संपर्क करें और उचित सलाह लें।