एक स्वस्थ आहार में सबसे ज़रूरी चीज़ें होती हैं-फल और सब्ज़ियाँ। अगर हम स्वस्थ आहार की बात करें और फल और सब्ज़ियाँ उसमें शामिल न हों, ये मुमकिन नहीं। हमारा वादा है कि इस आर्टिकल में न सिर्फ़ आपको अलग-अलग किस्म के व्यंजन के बारे में पता चलेगा, बल्कि कई सारे पोषक तत्वों की जानकारी भी मिलेगी। सलाह दी जाती है कि एक औसत भारतीय व्यक्ति को हर रोज़ फल और सब्जियों की कम से कम 5 खुराक खानी चाहिए, जिनमें दो खुराक फलों की ज़रूर हों। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूट्रिशन के अनुसार 5 से 12 वर्ष की आयु वाले बच्चों को हर दिन 100 ग्राम फल खाने चाहिए।

भारत में कुछ सस्ते फल आसानी से मिल जाते हैं। लंबे समय तक ताजा रखने के बेहतर तरीके, पैकिंग, प्रोसेसिंग और आसानी से घरों तक पहुँचाने की सेवा से कई किस्म के फल बहुत आसानी से सबकी पहुँच में हैं। अच्छी शेल्फ़-लाइफ़, पैकिंग, प्रोसेसिंग और कनेक्टिविटी की मदद से अलग-अलग किस्म के फल आज आपके घर तक आसानी से पहुँच जाते हैं। फिर भी तेज़ी से बढ़ती हुई जनसंख्या और विकास की वजह से खाने और पोषण से जुड़ी सुरक्षा भारत के लिए निरंतर एक चिंता का विषय बनी हुई है।

इसके अलावा, भारत की फाइटोन्यूट्रिएंट रिपोर्ट के अनुसार यह परिणाम सामने आये हैं कि ज़्यादा और औसतन कमाने वाले लोग, फल और सब्ज़ियां बहुत कम खाते हैं।

फलों को लेकर बच्चों का अपनी पसंद और नापसंद जताना काफ़ी स्वाभाविक है। जो प्रश्न आपको ज़्यादा परेशान करता है वो है, “बच्चों को फल और सब्जियाँ आखिर खिलाएँ तो कैसे खिलाएँ?” फल खाने से जुड़ी चिंता से निपटने के लिए, बच्चों को फल खिलाने के लिए ये रहे कुछ आसान टिप्स:

  • खुद आगे बढ़ें: अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा फल खाए , तो खुद में बदलाव लाएँ। बच्चे आपकी आदतों, पसंद-नापसंद और भाषा से ही सीखते हैं। उनकी नज़र आपके आहार पर भी होती है। अपने और उनके भले के लिए फलों को अपने आहार में शामिल करें। इस बात का ध्यान रखें कि खुराक सही हो।
  • जानकारी दें :चूँकि बच्चे बड़े हो रहे हैं, तो वे नयी चीजें भी देखेंगे, जानने, और सीखेंगे। उन्हें बताएँ कि फल खाने से क्या-क्या फ़ायदे होते हैं या अलग-अलग किस्म के फल खाना क्यों बेहतर है।
  • नए-नए तरीके अपनाएँ : कई तरीकों से फल खिलाएँ। तरह-तरह का खाना बनाना चूँकि अब आपकी आदत में शुमार है तो ये काम आपके लिए इतना मुश्किल भी नहीं होगा। फलों से शेक, जूस , पंच या स्मूदी बनाएँ। फलों का सलाद बनाना भी एक अच्छा तरीका है।
  • उनकी पसंद को समझें: कुछ फल ऐसे ही खाए जाते हैं। फलों में फ़ाइबर ज़्यादा मात्रा में पाया जाता है। नए तरीके सिर्फ़ तभी आज़माएँ, जब आपका बच्चा फल खाना पसंद न करता हो।
  • ताज़े फल बच्चों के लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं: फलों को छोटा-छोटा काटने या खाने से बहुत पहले काटने से उनमें मौजूद पोषक तत्व ख़त्म होने लगते हैं। फलों से बने आइटम जैसे जेम, जेली और जूस तैयार करें। और ध्यान में रखने के लिए उनपर लेबल लगाएं।

फल खाने से बच्चों को होने वाले फ़ायदे :

फल माइक्रोन्यूट्रिएंट से भरपूर होते हैं। इनमें से अधिकांश पोषक तत्व मेटाबॉलिज़्म बढ़ाते हैं, दूसरे पोषक तत्वों को पचाने में मदद करते हैं और हमें कई तरह की बीमारियों से भी बचाते हैं। बहुत सारे फल, भविष्य में होने वाली दिल की बीमारियों आदि का खतरा कम करते हैं।

संदर्भ

  • NIN-ICMR. Dietary Guidelines for Indians – A Manual. 2011.
  • https://www.healthykids.nsw.gov.au/kids-teens/eat-more-fruit-and-vegies
  • https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9710848/
  • https://www.eatright.org/food/nutrition/dietary-guidelines-and-myplate/what-and-how-much-should-my-preschooler-be-eating
  • https://icrier.org/pdf/ICRIER-Survery-of-nutrition-gap.pdf
  • https://www.nutritionist-resource.org.uk/content/healthy-eating-for-kids.html
  • https://www.healthyeating.org/healthy-eating/all-star-foods/fruits