मक्खन से सेहत पर पड़ने वाले असर: बच्चों के लिए अच्छे हैं या बुरे?

ज़्यादातर भारतीय घरों में मक्खन पसंद किया जाता है। पराठों, सब्जी, सूप, दाल आदि में मक्खन डाल कर खाने का अलग ही मज़ा है, यही नहीं बल्कि क्रोइसैन, कुकी और केक में भी मक्खन डलता है। इसके क्रीमी और हल्के स्वाद का होने की वजह से बच्चों को भी ये काफ़ी पसंद आता है। पर असली सवाल तो ये है कि क्या मक्खन बच्चों के लिए सही है या नहीं? आइए जानते हैं।

मक्खन गाय के दूध से बनता है और इसमें ज़्यादातर दूध का फैट होता है जिसे दूध में से अलग किया जाता है। इससे मक्खन स्वादिष्ट और क्रीमी हो जाता है। और इसलिए इसे कुकिंग, बेकिंग और पैन-फ्राइंग के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। मक्खन कई तरह से बनाया जा सकता है जैसे बिना नमक का मक्खन, नमकीन मक्खन, ग्रास-फेड मक्खन आदि। मक्खन की किस्म, उसमें डाली गई सामग्री और बनाने के तरीके पर निर्भर करती है। आगे पढ़िए और जानिए मक्खन कैसे आपके बच्चे की सेहत पर असर डालता है।

एक चम्मच (14 ग्राम) मक्खन में मौजूद पोषण की मात्रा नीचे दी गई है:

  • कैलोरी- 102
  • शुगर - 0.01 ग्राम
  • पानी - 16%
  • कार्बोहाइड्रेट- 0.01 ग्राम
  • प्रोटीन- 0.12 ग्राम
  • कुल फैट - 11.5 ग्राम
    • सैचुरेटेड- 7.29 ग्राम
    • मोनो अनसैचुरेटेड - 2.99 ग्राम
    • पॉली अनसैचुरेटेड - 0.43 ग्राम
    • ट्रांस - 0.47 ग्राम
  • विटामिन ए- रोज़ की खुराक का 11% {रेफरेंस डेली इंटेक (आरडीआई) का 11%}
  • विटामिन ई - आरडीआई का 2%
  • विटामिन बी12 - आरडीआई का 1%
  • विटामिन के - आरडीआई का 1%

बनाने का तरीका

मक्खन बनाने का तरीका -

  • सबसे पहले दूध में से क्रीम अलग कर लें।
  • क्रीम को मथने और हिलाने से मक्खन बनता है, इसे तब तक मथा जाता है जब तक दूध का फैट या मक्खन छाछ से अलग नहीं हो जाता।
  • बची हुई छाछ को छान लिया जाता है और मक्खन को और मथा जाता है जब तक वो पैकेजिंग के लिए तैयार नहीं हो जाता।

बच्चों के लिए मक्खन

हालाँकि, बचपन में और बड़े होने पर ताकत और इम्युनिटी के लिए फैट बहुत ज़रूरी होता है, पर इसकी मात्रा पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है क्योंकि मक्खन में कैलोरी बहुत ज़्यादा होती है जो सेहत के लिए नुकसानदायक है। मक्खन की एक सही मात्रा और साथ ही साथ दूसरे सेहतमंद फैट बच्चे के विकास के लिए ज़रूरी होते हैं। हालाँकि, बच्चे को कितना फैट खाना चाहिए ये उनकी उम्र के अनुसार उनकी कैलोरी की ज़रूरत पर निर्भर करता है।

बच्चों के लिए मक्खन खाने के फ़ायदे

  • मक्खन कैलोरी से भरपूर होता है और ताकत देता है और इसमें विटामिन ए, ई, के और बी12 जैसे ज़रूरी पोषक तत्व भी होते हैं।
  • मक्खन शारीरिक विकास में मदद करता है क्योंकि इसमें प्रोटीन होता है जो शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • ग्रास-फेड मक्खन में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है जो बच्चों के दिमाग के विकास में मदद करता है।
  • मक्खन में थोड़ी मात्रा में राइबोफ्लेविन, नियासिन, कैल्शियम और फॉस्फोरस भी होते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं।
  • मक्खन में ब्यूटिरेट होता है जो इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आंतों का रोग जिसमें पेट में दर्द, बेचैनी व मल करने में परेशानी होती है) को ठीक करता है और पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
  • मक्खन में मौजूद विटामिन ए, फैट में घुलने वाला एक विटामिन है, जो इम्यून सिस्टम को सुधारने में मदद करता है, नज़र को तेज़ करता है, और त्वचा को सेहतमंद बनाता है।
  • मक्खन में विटामिन ई भी होता है जो दिल को सेहतमंद बनाने के साथ-साथ कोशिकाओं को फ्री रैडिकल की वजह से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह भी काम करता है।

हालाँकि, मक्खन बच्चों के लिए अच्छा होता है, लेकिन इसमें ज़्यादा कैलोरी और सैचुरेटेड फैट होने की वजह से इसका ज़्यादा इस्तेमाल करने से "खराब" या एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

मक्खन में मौजूद फैट

मक्खन में 80% फैट होता है, और बाकी सारा पानी। इसे दूध का फैटी हिस्सा भी कहा जाता है, जो प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से अलग होता है। इसमें 400 से ज़्यादा अलग-अलग फैटी एसिड होते हैं, जिनमें से 70% सैचुरेटेड फैट और 25% मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, और बहुत ही कम मात्रा में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (2.3%) होता है। कोलेस्ट्रॉल और फास्फोलिपिड दूसरी तरह के फैटी एसिड हैं।

इसके अलावा मक्खन में ब्यूटिरिक एसिड के रूप में शॉर्ट चेन फैटी एसिड (11% सैचुरेटेड फैट) होता है, वैक्सेनिक एसिड के रूप में डेरी ट्रांस फैट और काॅनजूगेटेड लाइनोलिक एसिड (सीएलए) होता है और इसमें कुछ मात्रा में विटामिन और मिनरल भी मौजूद होते हैं। अगर इसे संतुलित मात्रा में लिया जाता है तो यह आपके बच्चे की सेहत के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होता है।

निष्कर्ष

आखिर में, यह ध्यान रखना ज़रूरी है की बच्चे को खाने में मक्खन देना ज़रूरी तो है पर सही मात्रा में (रोज़ाना 1-2 चम्मच)। इसे दूसरे सेहतमंद फैट जैसे जैतून का तेल, नट्स, और बीजों के साथ भी दिया जा सकता है। बच्चे बहुत ऐक्टिव होते हैं और उन्हें शारीरिक विकास के लिए ज़्यादा ताकत की ज़रूरत होती है इसलिए मक्खन के सीमित इस्तेमाल की सलाह दी जाती है क्योंकि ज़्यादा मक्खन खाने से मोटापा हो सकता है और आगे जाकर मेटाबोलिक समस्याएं हो सकती हैं।