बच्चों में होने वाले कब्ज़ के बारे में कुछ ज़रूरी बातें
बच्चों को होने वाले कब्ज़ से मां और बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बहुत बार यह जानना मुश्किल हो जाता है कि क्या करना चाहिए। बच्चों में कब्ज़ के लक्षण, कारण और इसके इलाज जानने के लिए आगे पढ़ें:
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बच्चों में कब्ज़ के 5 लक्षण
- सख्त कंकड़ जैसे पॉटी
- बच्चे कब्ज़ के कारण बहुत सख्त पॉटी करते हैं। कब्ज़ होने से उनकी पॉटी कंकड़ जैसी होती है।
- बच्चे पॉटी करते समय बहुत तेज़ दर्द महसूस करते हैं
बच्चे को पॉटी करते समय सूखे सख्त पॉटी के कारण बहुत दर्द होता है।
- बार बार कम पॉटी करना
कब्ज़ से परेशान बच्चे बाकी बच्चों के मुकाबले कम पॉटी करते हैं। कुछ बच्चे दिन में 2 से 3 बार पॉटी करते हैं जबकि दूसरे बच्चे हफ़्ते में 2 से 3 बार पॉटी करते हैं। कृपया अपने बच्चे के पॉटी करने के समय को नोट करें, अगर बच्चा लगातार कुछ हफ़्तों तक पॉटी नहीं करता है तो आपको बच्चों के डॉक्टर (पीडियाट्रिशियन) से ज़रूर मिलना चाहिए।
4 . बार बार पतली पॉटी जाना
बहुत बार अनजाने में बच्चों को पतली पॉटी हो जाती है। वो कई बार और बहुत ज़्यादा पॉटी जाते हैं।
- बच्चे के व्यवहार में बदलाव
आपका बच्चा चिड़चिड़ा बन जाता है, कुछ भी खाने से मना करता है और पेट दर्द की शिकायत करता है।
बच्चों में कब्ज़ के ये 7 कारण हो सकते हैं :
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शारीरिक मेहनत की कमी
शारीरिक मेहनत में कमी के कारण बच्चे के पाचन में दिक्कत आती है। यह बच्चे के मेटाबोलिज्म पर भी असर डालता है जिसके कारण कब्ज़ होती है।
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खाने में कमी
कभी कभी खाने में कमी, डिब्बा बंद खाना ज़्यादा खाना और प्राकृतिक (नैचुरल) रूप से मिलने वाले खाने की कमी भी बच्चों में कब्ज़ के कारणों में से एक है।
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ज़्यादा दूध पीने के कारण
जब बच्चा बड़ा हो जाता है तो उसके शरीर की ज़रूरतों में भी बदलाव आते हैं। उसके शरीर को भरपूर फाइबर वाले ठोस आहार की ज़रूरत होती है। अगर हम बच्चे को ठोस आहार कम और गाय का दूध ज़्यादा पिलाते हैं तो यह कब्ज़ का कारण बनता है क्योंकि बच्चे को बहुत कम मात्रा में फाइबर मिलता है।
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बहुत देर तक पॉटी को रोक कर रखना
अगर आपका बच्चा लंबे समय तक किसी भी कारण जैसे , दर्द होना, चिड़चिड़ापन, भीड़ में रहना, शर्मिंदा होना, खेलने में मगन रहने के कारण पॉटी नहीं करता है तो ये चिंता की बात है क्योंकि इन सब कारणों से ही कब्ज़ होती है
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किसी तरह के खाने से एलर्जी होना
कई बार कुछ खाने की चीज़ें भी बच्चों में कब्ज़ का कारण बनती हैं।
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माइक्रोफ्लोरा का असंतुलन
अगर बच्चे के शरीर में माइक्रोफ्लोरा के संतुलन में कमी होती है तब भी वे पॉटी नहीं कर पाते हैं।
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शरीर में तरल पदार्थ की कमी
शरीर में मेटाबोलिज्म प्रक्रिया को सही तरीके से काम करने के लिए तरल पदार्थ बहुत ज़रूरी होते हैं। अगर बच्चा कम मात्रा में पानी या तरल पदार्थ लेता है तो हो सकता है कि उसे कब्ज़ की समस्या हो जाए।
बच्चों के लिए कब्ज़ के इलाज:
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सेहतमंद संतुलित आहार
बच्चों में मेटाबोलिज्म प्रक्रिया सही तरीके से चलाने के लिए सेहतमंद संतुलित आहार बहुत ज़रूरी है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे के आहार में अनाज, ताज़ा फल और सब्जियां शामिल हो। कोशिश करें कि बच्चों को डिब्बा बंद और ज़्यादा चीनी वाला खाना न खिलाएँ
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नियमित शारीरिक मेहनत
रोज़ाना शारीरिक मेहनत करने से बच्चों की मेटाबोलिज्म प्रक्रिया सही रहती है। बच्चों को बाहर खेलने के लिए ज़्यादा प्रोत्साहित करें और मोबाइल या टीवी पर कम खेलने दें।
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टॉयलेट ट्रेनिंग
अपने बच्चों को 2 साल की उम्र से ही टॉयलेट में बैठने की आदत डालें। ऐसा आप दिन में लगभग तीन बार हर भोजन के बाद कर सकती हैं।
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पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ खिलाएँ
आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपका बच्चा पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ खा रहा है या नहीं।
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ऊपरी खुराक देना
अगर इतनी कोशिशों के बाद भी कब्ज़ से छुटकारा नहीं मिलता तो आप बच्चे को कब्ज़ से जल्दी छुटकारा दिलाने के लिए दवा दे सकती हैं।
अगर आपके बच्चे को नियमित पॉटी नहीं होती है तो आपको तुरंत किसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि हो सकता है कि इसके कुछ और कारण हों।