ज़्यादातर बच्चों को मीठा पसंद होता है। आज के समय में आसानी से मिलने वाली मीठी पीने की चीज़ें और प्रोसेस्ड फ़ूड ने बच्चों के खाने में शुगर की मात्रा बढ़ा दी है। बच्चों की इस तरह की पसंद को बढ़ावा देकर हम उनकी सेहत को खतरे में डाल देते हैं। बच्चों के खाने में शुगर के बारे में ज़्यादा जानने के लिए नीचे पढ़ें:
शुगर की किस्में
शुगर दो तरह के होते हैं, प्राकृतिक और एडेड (अतिरिक्त ) शुगर।
- प्राकृतिक शुगर वे होते हैं जो फल (फ्रुक्टोज), सब्ज़ियों, और दूध से बनी चीज़ों (लैक्टोज़) में पाये जाते हैं।
- एडेड शुगर वह शुगर और सिरप होते हैं जिन्हें मिठाई, सोडा, आदि जैसे प्रोसेस्ड फ़ूड में डाला जाता है। एडेड शुगर में, प्राकृतिक शुगर जैसे सफेद चीनी, ब्राउन शुगर, शहद, और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप जैसी चीज़ें भी आती हैं।
प्राकृतिक शुगर और एडेड शुगर में तुलना करने पर, प्राकृतिक शुगर हमेशा बेहतर होता है।
बच्चों के लिए शुगर से संबंधित सुझाव
आईसीएमआर के निर्देशों के हिसाब से, नीचे बच्चों के खाने में ज़रूरी शुगर की मात्रा दी गई है.
नवजात (6 - 12 महीने) |
1 - 3 वर्ष |
4 - 6 वर्ष |
7 - 9 वर्ष |
10 - 12 वर्ष |
13 - 15 वर्ष |
16 - 18 वर्ष |
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खुराक की मात्रा (हर खुराक में 5 ग्राम शुगर) |
2 |
3 |
4 |
4 |
6 |
लड़कियों के लिए 5 और लड़कों के लिए 4 |
लड़कियों के लिए 5 और लड़कों के लिए 6 |
छिपी हुई शुगर बनाम टेबल शुगर
आमतौर पर टेबल शुगर, सफेद या भूरी शुगर को कहा जाता है जिन्हें हम अपनी आंखों से देख सकते हैं। छिपे हुए शुगर कई तरह के होते हैं जिन्हें खाने में बनाते समय मिलाया जाता है। यही छिपी हुई शुगर आपकी असली दुश्मन है। हो सकता है कि आप जितना सोच रहे हैं उससे ज़्यादा शुगर खा रहे हों। शुगर कई खाने और पीने की चीज़ों में डाला जाता है। यह सिर्फ कैलोरी बढ़ाती है और इनसे कोई पोषण नहीं मिलता है। हालांकि, अब तक इसका कोई सबूत नहीं है मगर खाने में ज़्यादा शुगर को मोटापे और दिल की बीमारी के साथ जोड़ा जाता है।
छिपे हुए शुगर की पहचान करना:
सबसे बड़ी परेशानी छिपे हुए शुगर को पहचानने में होती है। इन्हें पहचानने के लिए, हमेशा पोषण लेबल को ध्यान से देखें। यह आपको एक सर्विंग में मौजूद सभी प्राकृतिक और एडेड शुगर की जानकारी देता है। पोषण लेबल में, सामग्रियों की जानकारी हमेशा बढ़ते से घटते क्रम में दी होती है, इसलिए अगर किसी चीज़ में शुगर सबसे ऊपर लिखी सामग्रियों में दिया गया है तो उस चीज़ को हाई शुगर फ़ूड माना जाएगा। शुगर के अलग-अलग नामों की वजह से भी उसकी पहचान करने में परेशानी आती है। अक्सर 'ओज़' से खत्म होने वाले नाम एडेड शुगर की पहचान होते हैं जैसे फ्रुक्टोज़, ग्लूकोज़, माल्टोज़, और डेक्सट्रोज़। गन्ने की चीनी और सिरप, काॅर्न स्वीटनर, हाई फ्रुक्टोज़ कॉर्न सिरप, शहद, माल्ट, मोलेसिस, आदि कुछ एडेड शुगर में से एक हैं।
बच्चों में शुगर के हानिकारक असर
शुगर से भरपूर चीज़ें खाने से आपकी सेहत को खतरा हो सकता है। पोषण वाली चीज़ों की जगह शुगर से भरपूर चीज़ें खाने से आपके आहार में ज़रूरी विटामिन, मिनरल, और पोषण की कमी रह जाती है। रेगुलर सोडा और मीठे सॉफ्ट ड्रिंक्स, मीठी चीज़ों की लिस्ट में अक्सर सबसे ऊपर आते हैं। बच्चों में इनसे होने वाले कुछ हानिकारक असर नीचे दिए गए हैं:
- शुगरी फ़ूड से मिलने वाली खाली कैलोरी आपके वज़न को बढाती है और मोटापे की वजह बनती है।
- शुगरी फ़ूड खाने पर ट्राइग्लिसराइड्स (खून में पाया जाने वाला एक तरह का फैट) बढ़ सकता है जोदिल की बीमारी की खतरे की घंटी है।
- शुगर, बैक्टीरिया के लिए खाने की तरह काम करता है और जब हम ऐसे खाने को चबाते हैं जिनमें प्राकृतिक या एडेड शुगर होता है तो यह इस बैक्टीरिया को बढ़ा देता है, जिससे हमारे दांत सड़ने लगते हैं।
- कैफ़ीन युक्त ड्रिंक पीने से बच्चों को नींद ना आने की समस्या भी हो सकती है।
बच्चों के खाने में शुगर की मात्रा को कम करने के लिए विशेषज्ञ की सलाह
आप कुछ आसान मगर असरदार सुझावों से अपने बच्चे के खाने में शुगर की मात्रा को कम कर सकते हैं। इनमें से कुछ हैं:
- उन्हें कार्बोनेटेड पीने वाली चीज़ों की जगह पानी, कम कैलोरी वाले ड्रिंक, और कम फैट वाला दूध दें।
- फलों के जूस की जगह हमेशा उन्हें फल खाने को दें क्योंकि फलों में ज़्यादा फाइबर होता है और साथ ही फलों के जूस में एडेड शुगर भी हो सकता है।
- शुगरी सीरियल की जगह लो शुगर सीरियल का इस्तेमाल करें। सिरप, जैम, जैली, और प्रिज़र्व लो शुगर में आते हैं।
- केक, पाई, आइसक्रीम आदि मीठी चीज़ों की जगह ताजें फलों को खाएं।
- अगर आप डिब्बाबंद फल खरीदते हैं तो ध्यान रखें कि उन्हें पानी या जूस में प्रिज़र्व किया जाता हो न कि सिर्फ सिरप में। अगर आपके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है, तो ध्यान रखें कि फलों से सिरप को अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें।
- अपने बच्चों को कैंडी, पेस्ट्री, और कुकी देने की जगह स्नैक या सब्ज़ियां, फल, लो फैट चीज़, होल ग्रेन क्रैकर, और सादा दही दें।
- अगर कभी आपका बच्चा मीठा खाना चाहता है, तो उसे एडेड शुगर वाले प्रोसेस्ड फ़ूड की जगह प्राकृतिक शुगर वाली चीज़ें जैसे किशमिश या फल दें।
- बाजार में मिलने वाली चीज़ों की जगह घर में बनी चीज़ें जैसे घर में बनी फलों की स्मूदी, फ्रोज़न फ्रूट, ड्राई फ्रूट, सेब के टुकड़े और, पीनट बटर, घर में बने ग्रेनोला आदि का इस्तेमाल करें।
- वैसे तो घर में बने खाने में भी कुछ मात्रा में शुगर मौजूद होगा, मगर यह आपके बच्चे के शरीर को पोषण देने का काम भी करता है।
- एक और ज़रूरी चीज़ है कि आप खुद भी सेहतमंद जीवनशैली को अपनाएं क्योंकि बच्चा आपको देखकर ही सीखता है।
अपने बच्चे के खाने में शुगर कम करने से आप बिना कैलोरी बढ़ाए उसे हर तरह का ज़रूरी पोषण दे पाएंगे।