क्या आप इस बात को लेकर परेशान हैं कि आपका बच्चा ज़रूरी मात्रा में पानी नहीं पीता है? इस आर्टिकल में बताया जा रहा है कि आपका बच्चा हाइड्रेटेड है, इसको किस तरह से सुनिश्चित किया जा सकता है।

यह कैसे सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा हाइड्रेटेड है?

इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि आपका बच्चा हाइड्रेटेड रहे ताकि उसे डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) से होने वाले बुरे असर से बचाया जा सके। अगर आपका बच्चा बार-बार पेशाब करता है या उसकी नैप्पी अक्सर गीली होती है तो इससे पता चलता है कि आपके बच्चे में पानी की कमी नहीं है, लेकिन आपको यह कैसे पता चलेगा कि बच्चे में पानी की कमी है। बच्चों में होने वाली पानी की कमी के कुछ आम संकेत इस प्रकार हैं:

  • प्यास लगना
  • किसी चीज़ पर ध्यान देने में कमी
  • सिर दर्द
  • फटे होंठ
  • मुँह सूखना
  • कब्ज़
  • सुस्ती
  • पेशाब का रंग गहरा होना

बच्चों के लिए पानी की ज़रूरी मात्रा उनकी उम्र पर निर्भर करती है। 8 साल से कम उम्र के बच्चों को 4-6 गिलास पानी पीना चाहिए और 8 साल से बड़े बच्चों के लिए 6-8 गिलास पानी पीना चाहिए है।

भारत एक गरम देश है इसलिए खासकर गर्मी के मौसम में पानी की मात्रा कम ज़्यादा हो सकती है। अगर आपका बच्चा बहुत ज़्यादा सक्रिय (हाइपर एक्टिव) है और कई घंटे घर के बाहर खेलता है तो उसे ज़्यादा पानी की ज़रूरत पड़ेगी।

बच्चों के लिए रोज़ाना पानी और बेवरेज (पेय पदार्थ) की कुल ज़रुरत*

आयु वर्ग

 लिंग

कुल पानी (कप/दिन)

 

4 से 8 वर्ष

लड़का और लड़की

7

 

7

9 से 13 वर्ष

लड़की

9

 

9

लड़का

10

 

10

14 से 18 वर्ष

लड़की

10

 

10

लड़का

14

 

14

*जानकारी इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिसिन ऑफ़ द नेशनल एकेडेमीज़ से ली गई है।

यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जिनसे आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके बच्चे में पानी की कमी नहीं है:

  1. अक्सर देखा जाता है कि बच्चे खुद पानी नहीं माँगते हैं, और ज़्यादातर वे पानी पीना भी नहीं चाहते हैं। ऐसी स्थिति में, आप पानी का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें संतरे, कीवी या नींबू जैसे फलों की स्लाइस डाल सकते हैं।
  2. आप उन्हें अलग अलग रंग बिरंगे और आकर्षक कप, गिलासों में पानी दे सकते हैं।
  3. आपको उनके लिए रोल मॉडल बनना चाहिए और उनके सामने बहुत सारा पानी पीना चाहिए ताकि वो भी आपको देख कर प्रेरणा लें और अच्छी मात्रा में पानी पी सकें।
  4. आप ज़्यादा गर्मी में पानी में थोड़ी बर्फ डाल कर दे सकते हैं और सर्दी में हल्का गरम पानी दे सकते हैं।
  5. जब भी बाहर जाएँ, अपने साथ एक पानी की बोतल लेकर निकलें ताकि आपका बच्चा थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पी सके।
  6. हमेशा अपने बच्चे को खेलने जाने से पहले और आने के बाद या किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि (फिजिकल एक्टिविटी) के बाद पानी पिलाना चाहिए।

सिर्फ पानी ही नहीं...

पानी के अलावा भी ऐसे कई दूसरे पेय हैं जो एक बच्चे के शरीर में पोषण और इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

फलों का रस: ताज़े फलों के रस में बच्चों की सेहत के ज़रूरी विटामिन और मिनरल होते हैं। पोषक गुणों के अलावा उनमें अच्छी बात यह है कि ये स्वादिष्ट भी होते हैं।

कच्चे नारियल का पानी: नारियल पानी में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं। हर 100 ग्राम में 17.4 कैलोरी होती है और पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन और कॉपर जैसे मिनरल होते हैं। यह गर्मी में शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखता है। हम देख सकते हैं कि पानी किस तरह से हमारे खान-पान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और उसकी कमी से शरीर पर कितना बुरा असर पड़ सकता है। छाछ और लस्सी जैसे दूसरे पेय भी शरीर के लिए फ़ायदेमंद होते हैं।

हालाँकि, कुछ ड्रिंक्स में नकली फ्लेवर, रंग और प्रिज़र्वेटिव होते हैं। वे ज़्यादातर कार्बोनेटेड होते हैं और उनमें फॉस्फोरिक एसिड होता है जो अगर ज़्यादा मात्रा में लिया जाए तो शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

बच्चे बहुत ही ज़्यादा एक्टिव होते हैं इसलिए पूरे दिने में पेशाब, पसीने और साँस के ज़रिए उनके शरीर से काफी पानी निकल जाता है। इसलिए उनके शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत ज़रूरी है। बच्चों में डिहाइड्रेशन एक चिंता का विषय है। बड़ों से ज़्यादा बच्चों को पानी की कमी का खतरा होता है क्योंकि उन्हें बार बार पानी पीना याद दिलाना पड़ता है।