3 वर्ष से कम उम्र के कई बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें विभिन्न खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है। और ग्लूटन एलर्जी भी इन्हीं एलर्जी में से एक है। भारत में बच्चों में अक्सर अंडे, गेहूं, मूंगफली, दूध, समुद्री भोजन और सोया जैसे खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है । ग्लूटन एलर्जी को सीलिएक बीमारी भी कहा जाता है और यह एक प्रकार की अनुवांशिक बीमारी है जो आंतों और शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करती है। इसलिए, अगर आप सोच रहे हैं, "क्या मुझे अपने बच्चे को ग्लूटन मुक्त डाइट देना चाहिए", तो आपको एलर्जी के बारे में अधिक जानने की ज़रूरत है, इसके संकेत क्या हैं, और आप बच्चों को क्या खिला सकते हैं।

ग्लूटन और ग्लूटन एलर्जी क्या है?

ग्लूटन एक प्रोटीन का नाम है जो प्राकृतिक रूप से गेहूं, जौ, राई और सूजी जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। ग्लूटन गोंद की तरह काम करता है और इसकी मदद से भोजन को आकार मिलता है। गेहूं, राई और जौ सबसे आम अनाज हैं, जिनमें ग्लूटन होता है। ब्रेड, पास्ता, अनाज, सॉस, सूप और माल्ट कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें ग्लूटन होता है।

अगर आपके बच्चे को ग्लूटन से एलर्जी है और वह ग्लूटन वाले खाद्य पदार्थ खाता है तो बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली और आँतों को नुक्सान हो सकता है। इससे लंबे समय की बीमारियां और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे थायरॉइड, ऑस्टियोपोरोसिस, लिम्फोमा और ऑस्टियोपीनिया हो सकती हैं।

आपको कैसे पता चलेगा कि आपके बच्चे में ग्लूटन एलर्जी है?

अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को ग्लूटन एलर्जी है तो कुछ मामलों में ग्लूटन मुक्त खाना खाने के तुरंत बाद ही आपको लक्षण और संकेत दिखाई दे सकते हैं। अन्य मामलों में, ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन के कुछ घंटों या दिनों के बाद लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

आपके बच्चे में ग्लूटन एलर्जी के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:

  • भौहों पर दाने

  • सरदर्द

  • एनीमिया और आयरन थेरेपी की प्रतिक्रिया की कमी

  • खून बहना और मसूड़ों में सूजन

  • जी मिचलाना, उल्टी, दस्त और / या कब्ज

  • जोड़ों में दर्द के साथ हड्डियां कमज़ोर होना और सुन्नता

  • दांतों का बदरंग होना

  • फूला हुआ पेट

  • चक्कर आना

  • थकान, भूलने की बीमारी और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी

अगर आपको अपने बच्चे में ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई दें तो आप उसे ग्लूटन मुक्त डाइट देने के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने से पहले एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से परामर्श करें, ताकि वह सीलिएक रोग की जाँच कर सके। अगर आप जाँच के पहले ही बच्चे को ग्लूटन मुक्त आहार देंगे तो उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

स्वास्थ्य जाँच की मदद से डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि क्या यह सीलिएक रोग है या कुछ और है, जैसे आंतों में परजीवी कीटाणुओं के कारण समस्या, बैक्टीरिया से संक्रमण, या फ्रुक्टोज या लैक्टोज एलर्जी या एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) जैसे कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी तो नहीं है।

ग्लूटन मुक्त डाइट के रास्ते में आने वाली परेशानियां और इनसे कैसे निपटें

माता-पिता के लिए छोटे बच्चों को ग्लूटन मुक्त आहार खिलाना बहुत मुश्किल हो सकता है। हालांकि, अगर समझदारी से काम लिया जाए तो आप बच्चों के लिए ऐसा ग्लूटन मुक्त आहार तैयार कर सकते हैं जो उन्हें स्वस्थ और ख़ुशहाल रखेगा।

सबसे पहले, माता-पिता और बच्चों को इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि अगर वे ग्लूटन युक्त कोई भी खाद्य पदार्थ खाएँगे तो क्या होगा। आप दोनों को उन एलर्जी प्रतिक्रियाओं के बारे में पता होना चाहिए जो ग्लूटन युक्त भोजन खाने से हो सकती हैं और संभावित रूप से खतरनाक भी हो सकती हैं।

उन खाद्य पदार्थों की सूची बनाएं जो आपके बच्चे को पसंद हैं और ग्लूटन मुक्त भी हैं, और उन्हें बच्चों को उनकी एलर्जी के बारे में बताएँ ताकि वे ग्लूटन मुक्त आहार को आसानी से अपना सकें। एलर्जी के बारे में बताने के साथ साथ हानिकारक पदार्थों के बारे में भी बताएँ ताकि वे उन्हें खाने की ज़िद न करें। लेकिन इन सब के अलावा सबसे मुश्किल होता है बच्चों को मिठाई और बेक्ड भोजन से दूर रखना। आपको यह काम लगभग असंभव भी लग सकता है। बच्चों को मीठे पदार्थ खिलाने के लिए आप घर पर ग्लूटन-फ्री डेज़र्ट और मिठाई बनाकर खिला सकती हैं।

क्या बच्चों में ग्लूटन एलर्जी ख़त्म हो सकती है?

समय के साथ साथ माता-पिता और बच्चे दोनों के लिए ग्लूटन एलर्जी को कम करना बहुत आसान हो जाएगा। ग्लूटन मुक्त आहार की आदत डालना एक कला है और इसके लिए आपको संयम, और अभ्यास की ज़रूरत पड़ेगी।

बच्चों को न खिलाएँ ये चीज़ें

ग्लूटन एलर्जी का मतलब है कि आपका शरीर गेहूँ और अन्य अनाज में पाए जाने वाले ग्लूटन को तोड़ने में असमर्थ है।

कुछ सामान्य खाद्य पदार्थ जिनमें ग्लूटन होता है और इनसे बचना चाहिए, वे हैं गेहूं (स्टार्च, चोकर और रोगाणु), ड्यूरम, सूजी, कूसकूस, राई, माल्ट, आटा, जौ, ओट्स (ओट्स में ग्लूटन नहीं होता लेकिन जहाँ ग्लूटन युक्त अनाज प्रोसेस किये जाते हैं वहीं ओट्स भी प्रोसेस होता है और इसलिए ओट्स में ग्लूटन मिलने की संभावना भी बहुत ज़्यादा होती है) सूप, सिरका, शोरबा पाउडर, सलाद ड्रेसिंग, सोया सॉस, बर्गर, मसाला, मसाले के मिश्रण, नूडल्स, पास्ता, और ब्रेड जैसे खाद्य पदार्थों से भी परहेज करना चाहिए।

लोगों को ग्लूटन से एलर्जी क्यों होती है इस बात का कोई ठोस कारण नहीं है, अगर आपके बच्चे में ग्लूटन एलर्जी के लक्षण दिखें तो बच्चे के आहार से तुरंत ग्लूटन युक्त पदार्थ हटाने चाहिए। आप अपने बच्चे को डोसा, पोहा, बाजरे की बनी रोटियां या मक्की जैसे खाद्य पदार्थ दे सकते हैं। साथ ही लस्सी दें। इन सब पदार्थों से आप उसकी पोषण संबंधी ज़रूरतों को भी पूरा कर सकेंगे। साबुदाना या ब्राउन राइस से बनी खिचड़ी भी एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।