ज़्यादातर माता-पिता को मालूम होता है कि सब्जियाँ उनके बच्चों की वृद्धि और विकास के लिए बहुत ज़रूरी हैं, लेकिन शायद वे अलग-अलग सब्जियों के महत्व के बारे में नहीं जानते होंगे। इसलिए, आपको अपने बच्चों की डाइट में आलू, टमाटर, प्याज़ और पालक के अलावा पत्तेदार सब्जियाँ भी शामिल करनी चाहिए। ये सब्जियाँ फूल जैसी होती हैं और कुछ हद तक पत्तियां क्राॅस आकार की होती है। इन सब्जियों के परिवार में गोभी, पत्ता गोभी, शलजम, मूली, सरसों, बॉक चोए, कोल और ब्रोकली शामिल हैं। इनमें से ज़्यादातर सब्जियों में एक ख़ास/खास तीखा स्वाद होता है जिस कारण एक अनूठा कंपाउंड (यौगिक) बनता है जो खून में मिलकर कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने के लिए जाना जाता है। ज़्यादा जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पढ़ना जारी रखें।

पत्तेदार सब्जियों के अनेक फायदे

  • पत्तेदार सब्जियाँ कैंसर-रोधी और सूजन-रोधी गुणों से भरपूर होती हैं। ये इम्युनिटी भी बढ़ाती हैं।
  • दूसरी सब्जियों की तरह इनमें भी भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर की मज़बूत संरचना होने के कारण यह मुश्किल से टूटता है इसलिए पाचन क्रिया को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है और इस प्रक्रिया में भोजन अच्छी तरह से पच जाता है।
  • पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में पानी में घुलने वाले विटामिन (जैसे फोलेट और विटामिन सी) होते हैं। ये पोषक तत्व बच्चों के दिमागी विकास और इम्युनिटी के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं। हालाँकि ये पोषक तत्व पानी में आसानी से घुल जाते हैं, इसलिए आपको खाना पकाने के तरीके को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए ताकि विटामिन उस पानी में ना बह जाए जिसको आप फेंक देते हैं। इन सब्जियों का सूप और स्टू बनाना ज़्यादा बेहतर रहेगा क्योंकि ऐसा करने से पानी में घुलने वाला विटामिन भी शरीर में जाएगा। आप इन सब्जियों को ग्रिल या रोस्ट भी कर सकते हैं।
  • इन सब्जियों में वसा (फैट) में घुलनशील विटामिन (ए, इ और के) भी पाए जाते हैं। ये अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जानें जाते हैं और आँखो व त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं। इसके अलावा इनमें काफ़ी अच्छी मात्रा में पोटैशियम होता है और ये उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बहुत सारे अध्ययनों के मुताबिक, पत्तेदार सब्जियाँ तनाव और दर्द दूर करने में मदद करती हैं। साथ ही, इनमें मौजूद फाइटोकेमिकल (जिसे सलफराफेन/सल्फोराफेन के नाम से भी जाना जाता है) दिल की बिमारियों की संभावना को कम करता है। इन सब्जियों को नियमित तौर पर खाने से बचपन के मोटापे और भविष्य में होने वाले उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है।

सेहतमंद भविष्य के लिए पत्तेदार सब्जियाँ

पत्तेदार सब्जियों को बच्चों की डाइट में शामिल करने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि ये सेहतमंद भविष्य की नींव रखती हैं। उदाहरण के लिए, हाल ही के कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इन सब्जियों में पाया जाने वाला सल्फोराफेन, अलज़ाइमर के मरीज़ो के लिए ज्ञानात्मक थेरेपी की तरह काम कर सकता है। ऑटिज़्म (एक तरह का मानसिक रोग) से पीड़ित बच्चों पर इस रासायनिक यौगिक का काफी अच्छा असर पड़ सकता है। इसके अलावा, इन सब्जियों से सेवन से हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन को ठीक किया जा सकता है जो गैस्ट्रिक सूजन और पेट के अल्सर के कारण आपके बच्चे के पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।

पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बच्चों को ना सिर्फ तत्काल पोषण मिलता है बल्कि बच्चों को भविष्य में होने वाली सेहत से जुड़ी परेशानियों जैसे डायबिटीज़, दिल की बीमारी, कैंसर और अलज़ाइमर का खतरा भी कम हो जाता है।

पत्तेदार सब्जियाँ पकाते समय ध्यान रखने वाली बातें

सौभाग्य से, पत्तेदार सब्जियों को कई तरीकों से पकाया जा सकता है। पत्ते वाली सब्जियों को उबाल कर और स्टीम देकर, बेक कर के सफेद साॅस का बेस बनाकर, सूप और जूस बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। फूल गभी और ब्रोकली की प्यूरी बना सकते हैं या सलाद, टॉपिंग और करी में इस्तेमाल कर सकते हैं। स्टीक (सीख) और बारबेक्यू का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। या फिर आप सब्जियों को भून कर उस पर बूटी (हर्ब) डाल सकते हैं।

हालाँकि इस बात को ध्यान में रखें कि पत्तेदार सब्जियाँ अक्सर कीटो से भरी होती हैं, जो कि सब्जियों की परतों में छुपे होते हैं। इन सब्जियों को नमक वाले गर्म पानी में धोना चाहिए। अब आप पूरी तरह से, पत्ता गोभी, फूल गोभी और ब्रोकली को अपने बच्चों की रोज़ाना की डाइट में शामिल करने के लिए तैयार हैं। अगर आप इन्हें अपने बच्चों को पहली बार खिलाने जा रहें हैं तो एक-एक कर के खिलाने की कोशिश करनी चाहिए। इस तरह आप पता लगा सकते हैं कि आपके बच्चे किसी सब्जी को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया तो नहीं दे रहे हैं।