अपने बच्चे को हाइड्रेटेड रखना आसान होने के साथ उसकी सेहत को बढ़ावा देने का सबसे असरदार तरीका भी है। अक्सर देखा गया है कि बच्चे काफी कम पानी पीते हैं। आपके बच्चे को हर रोज़ अच्छी मात्रा में पानी क्यों पीना चाहिए? यह जानने के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें।
पानी क्यों ज़रूरी है?
- मानव शरीर का लगभग 75% भाग पानी होता है।
- पानी पोषक तत्वों, ऑक्सीजन और अन्य तत्वों को शरीर के अंदर और बाहर पहुंचाने में मदद करता है।
- यह शरीर में होने वाली सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भी मदद करता है।
- पानी आपके शरीर के तापमान को बनाए रखने में रखने में मदद करता है।
- यह कब्ज रोकने और मल को नरम करने में मदद करता है।
- यह ज़हरीले पदार्थों और अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करता है।
- पानी हमारी आंखों, जोड़ों, नाक और मुंह के लिए लुब्रिकेंट का काम करता है।
आपके बच्चे को दिन में कितना पानी पीने के ज़रुरत है?
इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन (आईडीए) द्वारा जारी गाइडलाइन्स बच्चे के वजन के हिसाब से पानी की कुल ज़रुरत को दर्शाती हैं। निकाली गई कुल वैल्यू में पानी के साथ-साथ दूसरे तरल पदार्थ (फ्लूइड्स) भी शामिल हैं।
बच्चे का वजन (किलोग्राम) |
फ्लूइड (मिली लीटर / प्रति दिन) |
8 |
800 |
10 |
1000 |
12 |
1100 |
14 |
1200 |
16 |
1300 |
18 |
1400 |
कैसे पता करें कि आपका बच्चा कम पानी पी रहा है?
जब शरीर को सही मात्रा में पानी नहीं मिलता है तो वह डीहाइड्रेटेड हो जाता है। अगर आपका बच्चा कम मात्रा में तरल पदार्थ (फ्लूइड्स) ले रहा है तो शरीर के कुछ लक्षणों से इस बात का पता चल जाता है। ये लक्षण इस प्रकार हैं:
- अगर बच्चे के पेशाब का रंग गहरा है
- अगर बच्चा कम मात्रा में पेशाब कर रहा है
- अगर बच्चे को बार-बार सिरदर्द हो रहा है
- अगर बच्चे को एनर्जी में कमी महसूस होती है
- अगर बच्चे को चक्कर आते हैं
अपने बच्चे को किसी भी तरह के खेल या फिजिकल एक्टिविटी से पहले, खेलते वक्त और उसके बाद अच्छी मात्रा में पानी पिलाना चाहिए। पेशाब और पसीने के ज़रिए निकलने वाले तरल पदार्थों की भरपाई अच्छी मात्रा में पेय चीज़ें लेने से होती है। हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपका बच्चा पानी को जल्दबाज़ी में नहीं बल्कि धीरे-धीरे पीने की आदत डाले।
बच्चे के शरीर से कितना फ्लूइड निकला है इसका पता लगाना मुमकिन नहीं है इसलिए उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होनी देनी चाहिए और उन्हें दिन में लगभग 6-8 कप पानी देने का नियम बना लेना चाहिए।
अपने बच्चे की डाइट में पानी को कैसे शामिल करें?
- डाइट में उन फलों और सब्जियों को शामिल करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा ज़्यादा होती है। इनमें खीरा, तरबूज, संतरा, मोसम्बी, टमाटर आदि शामिल हैं।
- बच्चे को ताजे फल या सब्जी का जूस पीने के लिए बढ़ावा देना चाहिए। अगर आपका बच्चा कोला, सोडा, रेडीमेड फ्रूट जूस पीता है तो इसे बिलकुल भी बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
- बच्चों को फलों के पॉप्सिकल्स चूसने को दें। यह तरीका गर्मियों में बहुत कारगर साबित हो सकता है।
- सूप, करी, शोरबा, छाछ, नारियल पानी आदि को भी लिक्विड के तौर पर शामिल करें।
- अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा सादा पानी पीने में आनाकानी करता है, तो पानी में कुछ नींबू की फांक और संतरे के टुकड़ों के साथ पुदीना मिला कर आप पानी को और ज़्यादा स्वादिष्ट बना सकती हैं।