आजकल शहरों में रहने वाले अक्सर पेरेंट्स कोलेस्ट्रॉल और शरीर इसके प्रभाव के बारे में जागरूक हैं। एक तरह का लिपिड, कॉलेस्ट्रॉल शरीर के सेल मेम्ब्रेन का बहुत ज़रूरी हिस्सा होता है। और आपके खून में अच्छे और ख़राब दोनों प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं। शरीर में ख़राब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने के कारण फैटी डिपॉज़िट का भी स्तर बढ़ सकता है जिससे हृदय रोगों और हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ता है। तो आप भी सोच रहे होंगे कि बच्चों के शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल की जाँच करवाना ज़रूरी है या नहीं।
राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो 5% बच्चों में ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है। शरीर में ट्राईग्लाइसेराइड का बढ़ता स्तर ज़्यादा ख़तरनाक है इसलिए आपको इसके बारे में ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है। 5 से 9 वर्ष की उम्र के लगभग 34% भारतीय बच्चों में ट्राईग्लाइसेराइड का बढ़ा स्तर होता है जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ता है। इसलिए आपको यह बात समझनी होगी कि आपके बच्चे के शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा तो नहीं है और इसके हिसाब से ही आपको ज़रूरी क़दम उठाने चाहिए क्योंकि कोलेस्ट्रॉल के बढ़े स्तर के कारण बहुत सारी गंभीर बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ जाता है।
कोलेस्ट्रॉल क्या है?
यह एक पीला, मोम जैसा लिपिड है जो मानव शरीर में पाया जाता है। हालांकि आपने अक्सर सुना होगा कि हमारे स्वास्थ्य पर कोलेस्ट्रॉल के बुरे प्रभाव पड़ते हैं लेकिन सच यह है कि थोड़ी मात्रा में कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी भी होता है। शरीर में सेल मेम्ब्रेन और हॉर्मोन्स के सही विकास के लिए कोलेस्ट्रॉल अहम भूमिका निभाता है। कोलेस्ट्रॉल विटामिन डी का भी उत्पादन करता है जिसकी मदद से शरीर में कैल्शियम घुलता है।
कोलेस्ट्रॉल कहाँ से आता है?
कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से आपके बच्चे के लिवर में उत्पन्न होता है और बाकी का हिस्सा बच्चे के आहार से आता है। आपके बच्चे का शरीर उन खाद्य पदार्थों से कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करता है जो प्रोटीन और फैट से भरपूर होते हैं। पनीर, अंडे, मांस, शैलफिश, लाल मांस, और फुल फैट वाले वाले डेरी उत्पाद जैसे खाद्य पदार्थ कोलेस्ट्रॉल से भरपूर होते हैं। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य रखने के लिए, अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों की मात्रा कम करनी चाहिए।
ख़राब कोलेस्ट्रॉल क्या हैं?
कम डेन्सिटी वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) को खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, क्योंकि इसका बढ़ा हुआ स्तर आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। आपके बच्चे की रक्त वाहिकाएं (ब्लड कैरियर) दिल तक खून ले जाने वाली छोटी पाइप की तरह होती हैं, या दिल से खून शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाती हैं। अतिरिक्त एलडीएल कोलेस्ट्रॉल प्लाक का कारण बन सकता है जो खून के प्रवाह को रोकते हुए, इन पाइपों का काम रोक सकता है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है, जो हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। गंभीर मामलों में, ये प्लाक दिल तक खून ले जाने वाली पाइप को रोक सकती है, जिससे दिल का दौरा पड़ता है, या मस्तिष्क में खून का प्रवाह रुक सकता है जिससे स्ट्रोक भी हो सकता है।
अच्छा कोलेस्ट्रॉल क्या होता है?
एचडीएल कोलेस्ट्रॉल आकार में बड़ा होता है और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को खून से निकालने में मदद करता है। एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है क्योंकि यह आपके बच्चे के शरीर में मौजूद ब्लड कैरियर को रोकने वाले प्लाक हटाने में मदद करता है।
ट्राइग्लिसराइड्स क्या हैं?
ये आपके बच्चे के शरीर में पाए जाने वाले दूसरे प्रकार के फैट हैं। ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ना स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद नहीं है क्योंकि वे दिल की समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर की जाँच कैसे करें?
आपका डॉक्टर आपके बच्चे के कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच करने के लिए लिपिड टेस्ट नामक एक स्क्रीनिंग टेस्ट का सुझाव दे सकता है। बच्चों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच कराने के लिए हाल के दिशा निर्देश के अनुसार आपको नियमित अंतराल पर लिपिड जाँच करवानी चाहिए। पूरी लिपिड प्रोफाइल से आपके बच्चे के एलडीएल, एचडीएल, ट्राइग्लिसराइड्स और कुल कोलेस्ट्रॉल के बारे में जानकारी मिलेगी। जाँच के लिए आपके बच्चे के शरीर से थोड़ा सा खून लिया जाएगा। ध्यान रखें कि इस जाँच से पहले आपका बच्चा कुछ न खाए केवल पानी पी सकता है।
कोलेस्ट्रॉल की कितनी मात्रा स्वास्थ्य के लिए सेहतमंद है?
शरीर में 110 mg/dL से कम एलडीएल स्तर को सेहतमंद माना जाता है। 110 mg/dL से 129 mg/dL के एलडीएल स्तर को ज़्यादा माना जाता है जो आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए ख़तरा बढ़ा सकता है। और 130 mg/dL से ज़्यादा एलडीएल का स्तर आपके बच्चे के लिए ज़रूरत से ज़्यादा है और यह स्थिति गंभीर होती है।
कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर का क्या मतलब होता है?
एचडीएल का स्तर लगभग 35 mg/dL होना चाहिए। एचडीएल अच्छा कोलेस्ट्रॉल होता है इसलिए 35 mg/dL से कम स्तर भी ख़तरनाक है।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता क्यों है?
शरीर में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर का मुख्य कारण है अनहेल्दी आहार। उदाहरण के लिए जंक फूड में सेचुरेटेड फैट और शुगर की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है जिससे आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर और कार्डियोवस्कुलर समस्याएँ बढ़ सकती हैं। इसके अलावा एक कारण यह भी है कि आजकल बच्चे अपना ज़्यादातर समय घर में ही बिताते हैं, गैजेट से खेलते हैं और गतिहीन जीवनशैली जीते हैं। शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती जाती है। और कभी कभार अगर आपके परिवार में ही ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल या हृदय संबंधी बीमारियों का मामला है तो बहुत संभावना है कि आपके बच्चे को भी यह समस्या हो सकती है। अन्य बीमारियां जैसे हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ भी ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल का कारण बनती हैं।
अगर आपके बच्चे की त्वचा पीले रंग की दिखती है तो आपको अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। यह कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर का लक्षण हो सकता है। आपको कार्डियोवस्कुलर लक्षणों के बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए क्योंकि ये भी बढ़ते कोलेस्ट्रॉल के ही लक्षण होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर को ऐसे करें कम
अगर जाँच के बाद आपको पता चलता है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर असामान्य है तो आपको इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। बच्चे के शरीर में कोलेस्ट्रॉल के बढ़े स्तर को कम करने के लिए आपका डॉक्टर आपको ज़रूरी सुझाव और उपाय बताएगा। आपको अपने बच्चे को स्वस्थ और संतुलित आहार ही खिलाना चाहिए। अगर कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज़्यादा है तो बच्चे के वज़न का भी ख़याल रखना बहुत ज़रूरी है। ज़रूरत पड़ने पर आपका डॉक्टर बच्चे के लिए कुछ दवाइयाँ भी दे सकता है।
ख़राब कोलेस्ट्रॉल का स्तर ऐसे कम करें:
- बच्चों के आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ बिल्कुल शामिल न करें जिनमें सेचुरेटेड फैट या कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है।
- बच्चों के आहार में शुगर की मात्रा भी कम करें और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों से भी बचें।
- बच्चों को कैलोरी भी कम खिलाएँ
- बच्चों को शारीरिक गतिविधि, व्यायाम और खेल कूद में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें
- बच्चे के वज़न का भी ध्यान रखें
अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर ऐसे बढ़ाएँ:
- ध्यान रखें कि बच्चा एक हफ़्ते में कम से कम 3 दिन 20 मिनट तक व्यायाम ज़रूर करे। शारीरिक गतिविधि करना और एक्टिव रहना ही सबसे बड़ा मंत्र है। साथ ही बच्चे को ज़्यादा देर के लिए गैजेट पर समय न बिताने दें।
- बच्चों के आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जो एचडीएल का स्तर बढ़ाते हैं जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर मछली।
संतुलित आहार खाने और एक्टिव रहने से आप अपने बच्चे के खून में ख़राब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम सकते हैं। अपने डॉक्टर या न्यूट्रीशनिस्ट की मदद से आप एक संतुलित आहार के लिए चार्ट भी बनवा सकते हैं ताकि वे आपको यह बता सकेंगे कि आपको कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने के लिए कैसा आहार खाना चाहिए और अन्य उपायों के बारे में भी बताएँगे।