इन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाला फ्लू सांस से जुड़ी एक बेहद आम बीमारी है जो बहुत तेज़ी से फैलती है और हर साल बहुत सारे बच्चों को यह बीमारी होती ही है। यह संक्रमण फेफड़ों, नाक और गले को प्रभावित करता है। फ्लू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण होने के एक से चार दिनों के बाद दिखते हैं। आम तौर पर, संक्रमण तुरन्त होता है। फ्लू आमतौर पर एक या दो सप्ताह तक रहता है, जबकि तीव्र लक्षण तीन से चार दिनों में दूर हो जाते हैं (हर व्यक्ति में अलग अलग होता है)। अगर फ्लू के लक्षण दूर हो जाते हैं और वापस आते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर के संपर्क करना चाहिए और स्वास्थ्य सुरक्षा लेनी चाहिए।
फ्लू और पोषण
जिस बच्चे की इम्यूनिटी कमज़ोर होती है, उसे स्वस्थ और मजबूत इम्यूनिटी वाले बच्चे की तुलना में फ्लू का खतरा ज़्यादा होता है। इसलिए, इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए पर्याप्त और संतुलित पोषण सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। याद रखें कि एक बीमार बच्चे को भूख कम ही लगती है या वह "एनोरेक्सिक" होता है, जिसके कारण विभिन्न बीमारियों का खतरा रहता है और बच्चों में पोषण की लगातार कमी रहती है और यह चक्र चलता रहता है। यह स्थिति बहुत खतरनाक हो सकती है। जब बच्चे की तबीयत खराब होती है या वह अस्वस्थ होता है, तो कमज़ोरी के कारण उसके लिए खाना खा पाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है, शारीरिक काम नहीं हो पाते हैं और खाना निगलने में भी तकलीफ होती है।
पेट का फ्लू भी ऐसी ही एक आम बीमारी है जो छोटे बच्चों को प्रभावित करती है। यह तब होता है जब बच्चे के पेट में पाचन से जुड़ा कोई संक्रमण हो। इसके लक्षणों में दस्त, उल्टी और बुखार शामिल होते हैं। पेट के स्वास्थय से जुड़ी इन समस्याओं के कारण पेट में दर्द भी शुरू हो जाता है। इसलिए, पेट के फ्लू के कारण बच्चे खाना खाने से भी मना कर सकते हैं जिसके कारण उनके शरीर में पोषण की भी कमी हो सकती है।
यानि कि फ्लू जैसी बीमारी के कारण बच्चे का सम्पूर्ण विकास और वृद्धि प्रभावित हो सकता है। अगर यह समस्या बार बार होती रहेगी तो बच्चे की इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाएगी जिसकी वजह से उसे संक्रमण का खतरा और ज़्यादा बढ़ जाएगा। तो तबीयत सही होने के बाद बच्चों को सही पोषण और संतुलित आहार खिलाना बहुत ज़्यादा ज़रूरी है।
फ्लू के बाद बच्चों को दें संतुलित और पौष्टिक आहार
फ्लू की समस्या ठीक होने के बाद बच्चे को पौष्टिक और सेहतमंद आहार देना बहुत ज़रूरी है क्यूंकी इससे बच्चे के शरीर में हुई पोषक तत्वों की कमी पूरी होगी और वज़न बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। सेहतमंद खाने से बच्चे की इम्यूनिटी भी बेहतर होगी। संतुलित आहार से पोषण की मात्रा सही होगी और बच्चे के आहार में तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाना भी बहुत ज़रूरी है।
फ्लू या बीमारी के बाद बच्चे को कैसा खाना खिलाएँ?
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बीमारी के कारण बच्चों का कुछ भी खाने का मन नहीं करता है और ऐसे में ज़ाहिर है कि बच्चे का वज़न भी कम हो ही जाएगा। तो बीमारी/फ्लू ठीक होने के बाद बच्चे के आहार की मात्रा बढ़ाना बहुत ज़रूरी है ताकि बच्चे का कम हुआ वज़न फिर से बढ़ सके।
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बच्चों को थोड़ी थोड़ी देर पर थोड़ा खाना खिलाते रहें और अगले दो हफ्तों तक बच्चों को रोजाना स्नैक या अतिरिक्त मील भी खिलाएँ
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बच्चों को ऊर्जा और पोषण से भरपूर खाना और स्नैक्स खिलाएँ
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फ्लू के बाद अगर आपके बच्चे की भूख अचानक से बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है तो आपको सोच समझकर खाना खिलाना होगा।
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बच्चों को चीनी या कैफीन वाले ड्रिंक्स देने के बजाय सादा पानी या पौष्टिक तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, चावल का पानी, दाल का पानी, लस्सी और छाछ आदि पिलाएँ।
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बच्चों को अन्य संक्रमण या प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें पानी उबालकर और ठंडा करके पिलाएँ।
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बच्चे कितना खाना और कितना तरल पदार्थ ले रहे हैं इसका ध्यान रखें। इससे यह फ़ायदा होगा कि अगर आप कुछ असमानता देखेंगे तो ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर को आसानी से बता पाएंगे।
बीमारी के बाद कौन सा भोजन दें?
5 साल से ज़्यादा उम्र के बच्चों को ऐसे खाद्य पदार्थ दें जो ऊर्जा और पोषक तत्वों से भरपूर हों, ताकि उनका वज़न बढ़ सके और उन्हे ज़रूरी ऊर्जा भी मिल सके। इसलिए, आपको मछली, अंडे, दूध, चिकन और अन्य पौष्टिक चीजें (बीमारी / स्थिति के आधार पर) जैसे खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए। आप दलिया में या रोटियां या पराठे बना के उसमें मिल्क पाउडर मिला सकते हैं ताकि खाने में अतिरिक्त पोषण या ऊर्जा की मात्रा बढ़ सके। ज़रूरत पड़ने पर आप विभिन्न खाद्य पदार्थों में मूंगफली, शहद, या गुड़ डाल सकते हैं। फ्लू के बाद बच्चों को एक ही दिन में पहले से ज़्यादा बार खाना खिलाना ज़रूरी होता है क्यूंकी कमजोर इम्यूनिटी के कारण उसके शरीर में पोषक तत्व पहले की तरह घुल नहीं पाते हैं लेकिन बार बार थोड़ा थोड़ा खाना खिलाने से ऐसा मुमकिन हो सकता है।
कुछ ज़रूरी सुझाव
बीमारी के दौरान
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अगर आपके बच्चे की भूख कम हो गयी है तो उसे विभिन्न प्रकार का पोषण दें और उसकी पसंद का ही खाना खिलाएँ
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बीमारी के समय बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं तो बच्चों को खाना खिलाने में परेशान न हों और सब्र रखें।
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खाना खिलाते समय खाना गले में न फंसे इसलिये बच्चे को बैठाकर खाना खिलाएँ
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अगर बच्चे को उल्टी होती है तो थोड़ी देर रुक जाएँ और 15-20 मिनट बाद फिर से कोशिश करें
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अगर बच्चा बीमार है तो ज़बरदस्ती खाना बिल्कुल न खिलाएँ
सही होने के दौरान
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अगले 2 हफ़्तों तक अतिरिक्त मील या स्नैक ज़रूर दें।
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आपको यह ध्यान रखना होगा कि बीमारी के बाद पूरी तरह सही होना एक लंबी प्रक्रिया होती है। बीमारी के बाद लगभग 2 हफ़्तों तक बच्चे को खाना खिलाते समय पेरेंट्स और घरवालों को थोड़ा ज़्यादा ध्यान देना चाहिए कि बच्चे को सही पोषण मिल रहा है या नहीं
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बच्चों के आहार में सेहतमंद खाने की मात्रा बढ़ाएँ। खाद्य पदार्थ जैसे मांस, मछली, लिवर, अंडे, फल, और सब्ज़ियाँ खाने का सुझाव दिया जाता है ख़ासतौर से उन बच्चों के लिए जिन्हें बीमारी के कारण पोषण और वज़न की कमी हो गयी है। बच्चे की ताक़त और वज़न बढ़ने तक उसे सेहतमंद और पौष्टिक खाना खिलाते रहें।
अन्य किसी भी बीमारी की तरह फ्लू से भी आपके बच्चे के शरीर में पोषण, ताक़त और ऊर्जा की कमी हो सकती है। जब फ्लू के दौरान और उसके बाद बच्चों का ख़याल रखने की बात आती है तो ऊपर बताये गए सुझावों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। अगर आपका बच्चा खाना खाने में नखरे करता है या उसको किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी है तो आप अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से अपने बच्चे के लिए उसके हिसाब से व्यक्तिगत आहार चार्ट बनवा सकते हैं ताकि उसे पोषण की कमी न हो।