एक माँ के तौर पर आपको पता होगा कि स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्व (मैक्रो और माइक्रो न्यूट्रिएंट) से भरपूर सेहतमंद आहार आपके बच्चों के सही विकास लिए बहुत ज़रूरी है। इसके लिए आपको बच्चों के आहार को संपूर्ण और संतुलित बनाना होगा। अच्छी सेहत के लिए बच्चों को बचपन से सेहतमंद खाद्य पदार्थ देना बहुत ज़रूरी है जिससे बड़े होने के बाद भी बच्चे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से बचे रहेंगे। नीचे बताए गए खाद्य पदार्थ छोटे बच्चों के लिए सबसे अच्छे हैं ।
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मछली: मछली में प्रोटीन की मात्रा ज़्यादा होती है और इसमें ओमेगा-3 भी मौजूद होता है इसलिए यह दिमाग के विकास के लिए बहुत अच्छा खाद्य पदार्थ है। तेल और ठंडे पानी की किस्मों में भरपूर मात्रा में इकोसापेंटेनोइक एसिड (इपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए ) नामक ख़ास फैट होते हैं, और ये दिमाग को तेज़ करने वाले घटक समुद्री एल्गी में होते हैं जो मछलियों को भोजन होता हैं।
हालाँकि, पोषण विशेषज्ञ कहते हैं कि शिशु को 6 महीने की उम्र के बाद शुरूआत में शाकाहारी खाद्य पदार्थ ही खिलाने चाहिए और शिशु के एक साल के होने के बाद आप धीरे-धीरे मांसाहारी भोजन को उसके आहार में शामिल कर सकते हैं। आप पहले अंडे और पोल्ट्री आइटम से शुरूआत कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे मांस, मछली और दूसरे समुद्री भोजन शामिल कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि मछली मे आयोडीन की अच्छी मात्रा होती है। आयोडीन थायराइड हार्मोन को काम करने में मदद करता है, इसके साथ ही यह शरीर की कुछ ऐसी प्रक्रियाओं के लिए भी ज़रूरी है जो दिमाग के विकास, हड्डियों के निर्माण और विकास में ख़ास भूमिका निभाते हैं।
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अंडा: अंडे के सफ़ेद हिस्से में उच्चतम बायोलॉजिकल वैल्यू का प्रोटीन पाया जाता है। मतलब नहीं समझे? इसका मतलब है कि अंडे के सफ़ेद हिस्से के प्रोटीन को शरीर पूरी तरह सोख लेता है और उसका इस्तेमाल करता है। अंडे के पीले हिस्से में अच्छी मात्रा में कोलीन, फैट और विटामिन ए पाया जाता है। कोलीन याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही, बच्चे अंडे को धीरे-धीरे स्वीकार करते हैं और आपको यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि कहीं आपके बच्चे को अंडे से एलर्जी तो नहीं है, क्योंकि अंडे ऐसे टॉप 10 खाद्य पदार्थों की लिस्ट में हैं जिनसे एलर्जी हो सकती है।
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नट्स: नट्स में ज़रूरी फैट, कुछ विटामिन बी और विटामिन ई पाया जाता है। विटामिन बी तंत्रिकाओं और दिमाग में ग्लूकोज के सही इस्तेमाल में मदद करता है और विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट है जो तंत्रिका झिल्ली (न्यूरल मेम्ब्रेन) की सुरक्षा करता है। बच्चे की उम्र 12-15 महीने होने पर उनके आहार में नट्स शामिल करना चाहिए। हालांकि, आपको किसी तरह की एलर्जी (ख़ास तौर पर मूंगफली से होने वाली एलर्जी) का खास ध्यान रखना होगा। नट्स विटामिन ई का अच्छा स्रोत हैं जो बच्चों की संज्ञानात्मक प्रदर्शन (कॉग्निटिव परफॉरमेंस) को जैसे कि विचार, सीखने और याद रखने की क्षमता, शैक्षिक प्रदर्शन को बढ़ावा देते हैं।
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बाजरा: इसे आप बच्चों के आहार में पूरक आहार के तौर पर शामिल कर सकते हैं। बाजरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है लेकिन फिर भी पोटैशियम, ज़िंक और विटामिन बी भरपूर मात्रा में होता है। ये सारे पोषक तत्व दिमाग के विकास में मददगार साबित होते हैं। याद रखें कि स्वस्थ शुरुआत के लिए साबुत अनाज को आहार में शामिल करना चाहिए।
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फलियां: फलियों में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, कई तरह के विटामिन, मिनरल और प्रोटीन पाए जाते हैं। इनमें एक विशेष पदार्थ (ए एल ए) होता है जो ओमेगा -3 फैटी एसिड है और दिमागी विकास के लिए ज़रूरी है। फलियों को हजम करना शिशु के लिए मुश्किल हो सकता है इसलिए अलग -अलग फलियों को कम मात्रा में आहार में शामिल करें।
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हरी सब्ज़ियां: पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में भरपूर मात्रा में आयरन होता है और कई अध्ययनों में पाया गया है कि आयरन से एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती हैं। हरी सब्ज़ियों में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर भी होता है।
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डेयरी प्रॉडक्ट : दूध और दूध से बनी चीज़ें कैल्शियम और प्रोटीन का भंडार हैं । कम फैट वाला/स्किम्ड दूध, पनीर और दही में प्रोटीन, अच्छा फैट और कुछ विटामिन बी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन दूध से बनी हाई-फैट वाली चीज़ों से दूर ही रहना चाहिए।
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फल और सब्ज़ियों से भरा बाउल: फल और सब्ज़ियां हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल और फाइबर देती हैं। फल और सब्ज़ियों से हम सूप, सलाद और शेक बना सकते हैं। फल फ्रक्टोज़ शुगर का प्राकृतिक स्रोत हैं जो धीरे-धीरे खून में मिलता है। इसका मतलब है कि सुबह खाया हुआ एक फल कई घंटों बाद भी धीरे-धीरे खून में छोटी मात्रा में शुगर भेजता रहता है। शुगर एनर्जी का स्रोत है और इसे खाने से दिमाग सजग रहता है इसलिये अपने शिशु को सुबह खिलाया गया फल उसे कुछ घंटों तक सचेत रख सकता है।
आपके शिशु की डाइट में स्वस्थ और पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करने के लिए आपको इन्हें जाँचना और परखना चाहिए। जब तक कि आपके बच्चे को किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी न हो और डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ ने कोई सुझाव ना दिया हो तब तक आपका पूरा ध्यान बच्चों को संतुलित डाइट पर ही होना चाहिए।