क्या आपका बच्चा बहुत नखरे करता है? आप क्या करते हैं जब आपका बच्चा शैतानी करता है या खाने के मामले में नखरे दिखाता है? बच्चों के नखरों को संभालना बहुत मुश्किल होता है। नीचे बच्चों के नखरों और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में बताया गया है।

खाने में नखरों को रोकने के तरीके:

जब बच्चे खाने में नखरे करने लगते हैं तो माता पिता का परेशान होना स्वाभाविक है। सबसे अच्छा रास्ता यही है कि आप बच्चे को बचपन से ही खाने में नखरे ना करने दें। इसके लिए कुछ सुझाव नीचे दिए गए हैं:

  • जब भूख लगे तो बच्चे को वही खाना दिया जाए जो उसे पसंद नहीं है: जब बच्चा सचमुच भूखा हो तब उसे वही खाने को दें जो उसे पसंद नहीं है या जिसे खाने से वो पहले मना कर चुका है।
  • अपने हाथों से खाना (सेल्फ ईटिंग): उन्हें खुद अपने हाथों से खाना खाने के लिए बढ़ावा दें।
  • बच्चे को अपना खाना चुनने दें: अपने बच्चों पर भरोसा करें और खाने में सेहतमंद विकल्प दें और उन्हें उनमे से कुछ चुनने दें।
  • उनके पसंद की कोई एक चीज़ खाने में ज़रूर शामिल करें: बच्चों के खाने में, कोई एक सेहतमंद विकल्प जो उन्हें पसंद है, शामिल करें। ताकी कम से कम वो उस चीज़ को ज़रूर खाएं।
  • अलग-अलग तरह की चीज़ें खिलाएं: यह ज़रूरी है कि आप बच्चे को सही उम्र में कम ठोस चीज़ें देना शुरू करें। इससे वे अलग अलग खाने की चीज़ों को पसंद करेंगे और खाने में नखरे भी नहीं करेंगे।

खाने में नखरों से निपटने के लिए सुझाव:

  • बच्चे को अपना खाना चुनने दें: अगर बच्चे पहले से ही चुन कर खाते हैं, तो यह ध्यान रखें कि आप उन्हें अपने साथ किराना और सब्जी खरीदने के लिए ले जाएं और चुनने दें कि वो क्या खाना पसंद करेंगे। ये बिल्कुल संभव है कि अपने द्वारा चुनी गई चीज़ों को बच्चे ज़रूर खाएं।
  • उन्हें खाना पकाने में मदद करने दें: उन्हें खेत में ले जा कर खेती के बारे में बताएँ। जब उन्हें पता चलेगा कि उनका खाना कहाँ से आता है तो शायद वे तरह तरह के खाने में रुचि लेने लगें।
  • उनके खाने के तरीकों पर ध्यान दें: अगर आपका बच्चा खाने में नखरे करता है, तो दिन में उसने क्या खाया या उसने अपना खाना पूरा खाया या नहीं ये सोचने की बजाए उसने पूरे हफ्ते में कितना खाया है उस पर ध्यान दें। आपको ध्यान देना होगा कि आपका बच्चा फुर्तीला है और सही तरीके से उसका वज़न बढ़ रहा है। ये सबसे अच्छा तरीका है यह पता लगाने का कि आपके बच्चे को पर्याप्त पोषण मिल रहा है या नहीं।
  • सभी ज़रूरी पोषक तत्वों को शामिल करें: बच्चे के खाने में खाने के 4 वर्गों में से हर चीज़ जैसे फल और सब्जी; आलू, ब्रेड, चावल और कार्बोहाइड्रेट्स; दूध से बनी चीज़ें; बीन्स, अंडे, मछली और दूसरे प्रोटीन देना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • जो खाना बच्चे को पसंद नहीं है वह देते रहें: अगर बच्चा किसी चीज़ को खाने से मना करता है, तो पूरी तरह उसे ना टालें। उस चीज़ को कुछ दिन बाद फिर से खाने को दें, हो सकता है कि अब वो उसे खा ले। बच्चों का स्वाद बदलता रहता है।

बच्चों के नखरीले बर्ताव को संभालने के तरीके:

बच्चों में देखे जाने वाले मुश्किल बर्ताव की कई वजह होती हैं। छोटे बच्चों के नखरों का कारण रहन सहन में बदलाव भी हो सकता है, यह भी हो सकता है कि उन्हें लग रहा है कि आप उदास हैं या वो आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हों। कभी-कभी बच्चों के नखरों को किसी और तरीके से ज़्यादा, मनोवैज्ञानिक रूप से निपटने की ज़रूरत पड़ती है।

  • शांत रहें: संयम रखना ज़रूरी है। उनके नखरों से परेशान न हों। सबसे अच्छा तरीका यही होगा कि आप उन पर कोई प्रतिक्रिया न करें।
  • बच्चे को असहज न करें: सिर्फ उनके खाने के बारे में ही नहीं दूसरी चीज़ों के बारे में भी बात करें।
  • खाने के लिए ज़बरदस्ती ना करें: खाने को इनाम या सज़ा के रूप में ना दें। उन्हें वही खाना दें जो घर के बाकि सदस्यों को दिया जाता है।
  • बच्चे को शांत होने दें: अगर वे किसी रेस्टोरेंट में नखरे करते हैं, तो शांत रहें और उन्हें वॉशरूम या पार्किंग की जगह पर ले जाएँ और उनके शांत होने तक वहीं रुकें।
  • एक जैसा रहें: अगर आप बच्चे के नखरों को किसी अलग तरीके से संभाल रहे हैं, तो उस तरीके को न बदलें।
  • बच्चे से बात करें: बच्चे को बात करने और उसके बर्ताव की वजह बताने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चे को मारना, हमेशा थोड़े समय के लिए ही काम करता है। इससे बच्चे और चिड़चिड़े बन जाते हैं।

क्या आपने कभी निओफोबिया के बारे में सुना है?

कुछ बच्चों को नई चीज़ें खाने में डर लगता है। इस डर को निओफोबिया कहा जाता है। नई चीज़ों को खाने से मना करने से समस्या हो सकती है। इसलिए, इस डर से निपटने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • जिस खाने के लिए मना कर दिया है उसे अलग तरीके से परोसें: उन्हें वही खाना देते रहें जो उन्हें पहले पसंद नहीं आया लेकिन उसे अलग-अलग तरीके से दें, जैसे गाजर को साबुत दिया जा सकता है या पकी हुई गाजर को गोल-गोल काट के दिया जा सकता है।
  • विकल्प ढूँढे: हर खाने के वर्ग में से विकल्प रखें। अगर आपके बच्चे को पनीर पसंद नहीं है, तो उसे दही दे कर देखें।
  • अपनी खाने की आदतें बदलें: बच्चे आपसे सीखते हैं। वे नई चीज़ें खाना सीखेंगे अगर वे आपको भी नई चीज़ें खाते हुए देखेंगे।
  • धैर्य रखें: अपने बच्चे की प्लेट उठाते समय परेशान न हों। अगर उन्होंने अपना खाना पूरा नहीं खाया है, तो उन्हें कोई दूसरा नाश्ता दे दीजिए।

आने वाले सालों में बच्चों को खाने की समस्या और मोटापे के खतरे से बचाने के लिए उनमें जल्द ही सेहतमंद खाने की आदतें डालना बहुत ज़रूरी है। अगर इसी तरह चलता रहा तो बच्चों के नखरे चिंता का विषय बन सकते हैं। यदि गंभीरता से नहीं लिया गया तो आपको बच्चे के लिए किसी प्रोफ़ेशनल की मदद लेनी पड़ सकती है।