इंटरनेट के आने के बाद लोगों को कई तरह के अजीब फ़ूड कॉन्सेप्ट, विदेशों में अपनाई जाने वाली वज़न कम करने की डाइट और क्या खाना है और कैसे खाना है, के बेतुके आइडिया के बारे में पता चल रहा है। कोई भी आजकल सोशल मीडिया पर वीडियो रिकॉर्ड कर के शेयर कर देता है जिससे लोगों को पोषण से जुड़ी गलत जानकारी मिलती है। इससे उन लोगों को परेशानी होती है जो पोषण और संतुलित डाइट के बारे में सही और वैज्ञानिक जानकारी लेना चाहते हैं। एक सवाल जो कई भारतीयों के मन में रहता है कि "क्या हम प्रोटीन से भरपूर 2 चीज़ें एक साथ खा सकते हैं?"
तो, क्या आप प्रोटीन से भरपूर 2 खाद्य पदार्थ एक साथ खा सकते हैं?
वैकल्पिक चिकित्सा (अल्टरनेटिव मेडिसिन) की कुछ शाखाओं के मुताबिक, अगर हमारा शरीर खाने को अच्छे तरीके से नहीं पचा पाता है तो सेहत से जुड़ी बहुत सी परेशानियाँ (डायबिटीज़, दिल की बीमारी, और दूसरे पुराने विकार) हो सकती हैं। उनके मुताबिक, हम जो खाद्य पदार्थ खाते हैं, उनका संयोजन (कॉम्बिनेशन) अच्छा पाचन सुनिश्चित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। वैकल्पिक चिकित्सा (अल्टरनेटिव मेडिसन) के जानकार यह दावा करते हैं कि दो खाद्य पदार्थ जो अकेले खाए जाने पर बहुत पौष्टिक और फ़ायदेमंद हो सकते हैं, वे एक साथ खाए जाने पर एक दूसरे के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया कर सकते हैं। इस वजह से पाचन प्रणाली पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए अक्सर ऐसा माना जाता है कि अंडे और चीज़, फलियाँ और दही, दूध और अंडे, दही और मछली का मेल शरीर के लिए नुक़सानदेह होता है।
तो, क्या इसमें कुछ सच्चाई है?
भारत और विदेशों में आम भोजन की खाद्य पदार्थ संरचना
प्राचीन भारतीय भोजन परंपराओं में एक वक्त के भोजन या रेसिपी में हमेशा दो या उससे ज़्यादा प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते रहे हैं। बंगाली दोई माछ हो या फिर गुजराती खिचड़ी कढ़ी! हर क्षेत्रीय भोजन या थाली में कई प्रोटीन-आधारित खाद्य पदार्थ होते हैं। अगर आप दक्षिण भारत की पारंपरिक केले के पत्ते पर परोसे जाने वाले भोजन के बारे में बात करें तो आप देखेंगे कि वहां दही चावल या दूध आधारित पायसम के साथ हमेशा सांभर परोसा जाता है। तमिल लंच में पोरुपुसुली (उबली हुई दाल के साथ सब्जियां) के साथमोर्कोज़म्बू (दही आधारित सब्जियों की ग्रेवी) परोसा जाता है। एक उत्तर भारतीय पंजाबी थाली में हमेशा गाढ़ी दाल या राजमा या पनीर या तंदूरी चिकन के साथ एक बड़े गिलास में लस्सी ज़रूर होती है। इन सभी में एक वक्त के भोजन में दो या दो से ज़्यादा प्रोटीन युक्त चीज़ें शामिल होती हैं।
दुनियाभर में चिकन और मछली की रेसिपी में मैरिनेड के तौर पर दही का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि ये माँस में नमी लाता है और उसे मुलायम बनाता है। इसका मतलब है कि पश्चिमी व्यंजनों में भी दो या उससे ज़्यादा प्रोटीन का इस्तेमाल किया जाता है, और ऐसी कई रेसिपी हैं जिसमें प्रोटीन से भरपूर चिकन के साथ चीज़ को शामिल किया जाता है (फ्रेंच व्यंजनों में) और फलियों के साथ चीज़ को शामिल किया जाता है (मेक्सिकन व्यंजनों में)। रिकोटा और पार्मेसन चीज़ के साथ मीट से भरा लसेग्ने इटली की एक बहुत ही मशहूर डिश है जिसमें भी बहुत से अलग-अलग प्रोटीन शामिल किए जाते हैं।
पोषण विज्ञान और प्रोटीन
अब देखते हैं कि प्रोटीन काॅम्बिनेशन के बारे में मॉडर्न रिसर्च और विज्ञान का क्या कहना है। लेकिन उससे पहले ये जानते हैं कि शरीर को प्रोटीन क्यों चाहिए होता है और खाने से प्रोटीन मिलने पर शरीर उस प्रोटीन का क्या करता है।
- प्रोटीन आपके शरीर में सबसे ज़रूरी पदार्थों में से एक है, और आपके शरीर का लगभग 17% प्रोटीन से बना होता है।
- माँसपेशियों, बालों, नाखूनों, आंखों, अंगों, जेनेटिक मेटेरियल , हॉर्मोन, एंटीबॉडी और एंजाइम के निर्माण के लिए प्रोटीन की ज़रूरत होती है। शरीर के ऊतकों (टिश्यू) की मरम्मत और रख-रखाव के लिए भी इसकी ज़रुरत होती है।
- प्रोटीन का पाचन आपके मुँह में शुरू होता है जब आप अपना खाना चबाते हैं। प्रोटीन पाचन की कुछ मात्रा एंजाइम अमाइलेज़ और लाइपेज़ की मदद से शुरू होती है, जो आपकी लार में मौजूद होते हैं। ये एंजाइम ज़्यादातर कार्बोहाइड्रेट और फैट को तोड़ते हैं।
- एक बार जब आधा पचा हुआ खाना आपके पेट में पहुंच जाता है, तो पेट में मौजूद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और प्रोटीएज़ नामक एक एंजाइम, इसे अमीनो एसिड की छोटी चेन के रूप में तोड़ देते हैं।
- अमीनो एसिड की ये चेन छोटी आंत (स्मॉल इन्टेस्टाइन) में जाती है, और पैनक्रियास (अग्न्याशय) में से और एंजाइम निकलते हैं जो छोटी आंत में सारी चेनों को तोड़ कर अमीनो एसिड रिलीज़ करते हैं।
- ये अमीनो एसिड खाने में मौजूद दूसरे पोषक तत्वों के साथ, छोटी आंत की दीवार के माध्यम से खून में अवशोषित होते हैं।
- ये अमीनो एसिड फिर खून के ज़रिए से आगे बढ़ते हैं, और आखिर में विभिन्न अंगों तक पहुंचते हैं, जहां वे सिन्थेसिस, मरम्मत और रख-रखाव करते हैं।
प्रोटीन के प्रकार और स्रोतों को समझना
हर तरह के खाने से हमें अलग-अलग तरह के प्रोटीन मिलते हैं और इसी के आधार पर शरीर अमीनो एसिड को अवशोषित करके उनका इस्तेमाल करता है। 20 अलग-अलग तरह के अमीनो एसिड होते हैं लेकिन हमारा शरीर उनमें से 8 का उत्पादन नहीं कर पाता है। इसलिए इन 8 को एसेंशियल (ज़रूरी) अमीनो एसिड कहा जाता है और ये आपको अपनी डाइट से लेने पड़ते हैं। माँस, मछली, अंडे, सोयाबीन, दूध और डेरी प्रॉडक्ट में अच्छी क्वालिटी का प्रोटीन होता है क्योंकि इनमें सभी ज़रूरी अमीनो एसिड होते हैं। इन्हें होल प्रोटीन या कम्पलीट प्रोटीन भी कहा जाता है।
बाकी प्रोटीन वाली चीज़ों जैसे कि नट्स, दालों और बीजों में कुछ ही ज़रूरी अमीनो एसिड होते हैं। हालाँकि, अगर इनमें से कुछ प्रोटीन स्रोतों को मिला कर जैसे कि चावल और फलियां, लिया जाए तो आप संपूर्ण प्रोटीन बना सकते हैं जिसमें सारे ज़रूरी अमीनो एसिड होंगे। खिचड़ी, चावल के साथ दाल या राजमा या छोले, तिल के साथ छोले), और दही चावल ऐसे खाद्य पदार्थों के कुछ काॅम्बिनेशन हैं । पहले ऐसा माना जाता था कि सारे शाकाहारी स्रोतों से मिलने वाले प्रोटीन का सेवन एक साथ किया जाना चाहिए ताकि शरीर संपूर्ण प्रोटीन बना सके। पर अब यह मालूम हो चुका है कि ऐसा करना ज़रूरी नहीं है। शरीर पूरे दिन खाए जाने वाले अलग-अलग खाद्य पदार्थों से प्रोटीन इकट्ठा कर सकता है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर संपूर्ण प्रोटीन बनाया जा सके। हालाँकि आपको अभी भी कुछ ऐसे पोषण विशेषज्ञ मिल जाएंगे जो इस बात पर ज़ोर देंगे कि आपको एक बार के भोजन में कई तरह के प्रोटीन लेने चाहिए। ऐसा खास तौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि आप एक दिन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन ले सकें।
संक्षेप में
देखा जाए तो दिन-भर में प्रोटीन के सेवन का संतुलन बनाना सही है। नाश्ते में अंडा, दूध और चीज़ या फलियाँ खा सकते हैं और फिर दिन के खाने में मछली या चिकन, और रात के खाने में सोयाबीन, दही और लोबिया खा सकते हैं। आप रात के खाने में थोड़ा सा लीन मीट या मछली या पनीर भी शामिल कर सकते हैं। इसके पीछे का मुख्य विचार यही है कि आपको दिन-भर थोड़ा-थोड़ा प्रोटीन लेते रहना चाहिए। और दो प्रोटीन से भरपूर दो खाद्य पदार्थों को एक साथ खाया जा सकता है। इस बात का भी खयाल रखें कि आपको सिर्फ प्रोटीन पर ही ध्यान नहीं देना है बल्कि सब्जियां, ताज़े फल और कार्बोहाइड्रेट भी खाने ज़रूरी हैं ताकि आपको सभी ज़रूरी पोषक तत्व मिल सके।