भारतीय बाज़ारों में ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के कारण भारतीय माता पिता को बहुत ज़्यादा खुशी और संतुष्टि मिली है। लंबे समय से हमने यह देखा है कि हमारे घरों में आने वाला अनाज, सब्ज़ियाँ और फल आदि पेस्टिसाइड और फ़र्टिलाइज़र की मदद से उगाये जाते हैं। और आज यह सब थोड़ा अलग हो गया है। अब बाज़ार में ऐसे विकल्प मौजूद हैं जिनमें हानिकारक केमिकल और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल नहीं होता है और ये हैं ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थ।

ये ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थ जो पहले सिर्फ जाने माने हेल्थ स्टोर में ही मिलते है और इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं थे, वे आज लगभग हर दुकान में मिल जाते हैं। ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों से भी आपके बच्चे को वही पोषण मिलेगा जो केमिकल से उगाये खाद्य पदार्थों से मिलता है। हालांकि इन दोनों में ही बहुत बड़ा अंतर भी है। क्या ऑर्गेनिक फूड बेहतर हैं? जानने के लिए आगे पढ़ें

ऑर्गैनिक फूड क्या होते हैं?

ऑर्गैनिक खेती यानि जैविक खेती का मतलब है सब्ज़ियाँ, फल, अनाज, मांस, और डेरी उत्पाद जैसे सुरक्षित खाद्य पदार्थों के लिए सुरक्षित, प्राकृतिक, और सतत खेती की तकनीक अपनाना, और इसमें हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है। इस प्रकार की खेती से मिट्टी और पानी की गुणवत्ता बेहतर होती है, प्रदूषण कम होता है, जानवरों को सुरक्षित, स्वस्थ और प्राकृतिक वातावरण मिलता है। जैविक खाद्य पदार्थ जो बेहतरीन कृषि पद्धतियों का उपयोग करके उगाए जाते हैं, उनमें कम एडिटिव और प्रदूषक होते हैं और ये पर्यावरण के लिए नुकसानदायक भी नहीं होते हैं। क्रॉप रोटेशन, प्राकृतिक कीटाणु, और जैविक खाद के माध्यम से जैविक खेती से कीटाणुओं, खरपतवारों और बीमारियों को भी नियंत्रित किया जा सकता है और इसमें केमिकल पर निर्भरता भी ख़त्म होती है।

ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों के फ़ायदे

  • खाद्य पदार्थों में नाइट्रेट, जो जैविक नहीं होते हैं, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर और मेथेमोग्लोबिनेमिया (खून से जुड़ी समस्या जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं में 1% से अधिक मेथेमोग्लोबिन होता है) का खतरा बढ़ जाता है। इनऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों की तुलना में जैविक खाद्य पदार्थों में नाइट्रेट का स्तर कम होता है।
  • शोध से पता चलता है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं उनके शिशु में एक्जिमा दर कम होता है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि विटामिन सी आपके बच्चे की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है, घाव भरने में मदद करता है और स्वस्थ बालों, त्वचा, हड्डियों, कार्टिलेज और ब्लड वेज़ल्स को बनाए रखता है। और जैविक फल और पत्तेदार सब्ज़ियाँ जैसे पालक और सलाद में विटामिन सी का स्तर अधिक होता है। आपको बच्चों के आहार में ये सभी चीजें शामिल करनी चाहिए
  • कैरोटिनॉयड्स एंटीऑक्सिडेंट हैं जो आपके बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने और कई बीमारियों को रोकने के लिए विटामिन ए में परिवर्तित होते हैं। ये स्वीट पेप्पर, आलूबुखारे, टमाटर और गाजर में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
  • ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-म्यूटाजेनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं।
  • पशुओं को ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थ खिलाने से मांस, डेयरी और अंडे में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा बहुत अधिक होती है।
  • शोध से यह भी पता चला है कि जैविक अनाज में जहरीले कैडमियम (मिट्टी में पाए जाने वाले प्राकृतिक जहरीले रसायन और पौधों द्वारा अवशोषित) का स्तर कम होता है।
  • पारंपरिक तरीके से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में एंटीबायोटिक बैक्टीरिया की मात्रा ज़्यादा होती है और इसलिए जैविक खाद्य पदार्थ बेहतर माने जाते हैं।
  • पारंपरिक तरीके से उत्पादित खाद्य पदार्थों में पेस्टिसाइड के कण बचे रह जाते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इनके कारण जीनोटॉक्सिक, कार्सिनोजेनिक, न्यूरो विनाशकारी, एलर्जिक, प्रभाव भी हो सकते हैं। शोध से पता चलता है कि ऑर्गैनिक फूड में ऑर्गैनोफॉस्फेट की मात्रा बिलकुल नहीं होती है और यह पेस्टिसाइड के सबसे खतरनाक कण होते हैं।

भले ही ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की मात्रा ज़्यादा होती है, लेकिन ये इस पर निर्भर करता है कि फसल किस प्रकार की है, जानवर की ब्रीड क्या है, फसल की खेती के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, फ़र्टिलाइज़र का प्रकार और मात्रा कितनी है, कटाई के दौरान फसल की उम्र क्या थी और मौसम कैसा था।

ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों को कैसे पहचाने

जैविक खाद्य पदार्थ एनपीओपी या पीजीएस द्वारा प्रमाणित होते हैं। अगर वे सभी निर्दिष्ट मानकों को पूरा करते हैं, तो एकल घटक खाद्य पदार्थों यानि सिंगल इंग्रेडिएंट फूड को ऑर्गेनिक ’या-पीजीएस-ऑर्गेनिक’ के रूप में लेबल किया जाता है। और एक से ज़्यादा खाद्य पदार्थ, जिसमें कम से कम 95% तत्व ऑर्गैनिक होते हैं, उन्हें ऑर्गैनिक प्रमाणित कार्बनिक ’या पीजीएस-कार्बनिक के रूप में लेबल किया जाता है। प्रमाणिक जैविक खाद्य पदार्थों में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और FSSAI लोगो लाइसेंस संख्या का लोगो भी होना चाहिए। लेबल में भारत कार्बनिक लोगो (एनपीओपी प्रमाणित) या पीजीएस-भारत कार्बनिक लोगो भी हो सकता है।

ऑर्गैनिक फूड खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान

आजकल ज़्यादातर माता पिता अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थ खिलाना ही पसंद करते हैं क्यूंकी उन्हे ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों के फ़ायदे पता हैं। तो जब आप ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थ खरीदते हैं तो कोशिश करें कि आप उसके और भी प्रकार खरीदें ताकि आपके बच्चे को पेस्टिसाइड का खतरा नहीं रहेगा। हमेशा ताज़ा पदार्थ खरीदने की कोशिश करें। कुछ ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों में भी नमक, चीनी, फैट, या कैलोरी की मात्रा बहुत ज़्यादा हो सकती है, तो कोई भी पदार्थ खरीदने से पहले लेबल ज़रूर पढ़ें। पकाने और खाने से पहले फलों और सब्ज़ियों को हमेशा अच्छे से धोएँ। ऐसा करने से खाद्य पदार्थों पर बाहर मौजूद कोई भी बैक्टीरिया या केमिकल को हटाया जा सकता है। आप फल और सब्ज़ियों के छिलके हटा भी सकते हैं। अब जब आपको ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों के फ़ायदों के बारे में पता है तो ज़ाहिर सी बात है कि आप उनके महंगे दामों को लेकर चिंतित होंगे। हालांकि ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों की कीमत इसलिए ज़्यादा होती है क्यूंकी इन पदार्थों के उत्पाद की तकनीक महंगी होती है। साथ ही इनकी कीमतों में आपको अपने बच्चे के स्वास्थ्य और सेहत की सुरक्षा भी मिलती है।