जानिए, बच्चे के विकास के बारे में कब चिंता करें और इसकी देखभाल कैसे करें

जैसे जैसे आपका बच्चा बढ़ता है वह नई नई चीज़ें सीखने लगता है और यह माता- पिता के लिए बहुत सुखद एहसास है। बच्चे को नयी-नयी चीजें सीखता देखकर माता- पिता को बहुत गर्व महसूस होता है। क्योंकि हर बच्चा अलग होता है, यह निश्चित कर पाना मुश्किल हो सकता है कि कब आपको उसके विकास को लेकर चिंतित होना चाहिए। अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को ठीक से समझने के लिए नीचे दिया गया लेख पढ़िए:

शारीरिक और मानसिक विकास के पड़ाव :

बच्चों के विकास में आने वाले सभी पड़ाव उनकी उम्र पर निर्भर करते हैं और जिनकी जानकारी एक माता-पिता को ज़रूर होनी चाहिए। जब तक आपका बच्चा 2-3 साल का होता है उसे चलना, दौड़ना, सीढ़ियां चढ़ना और कूदना सीख लेना चाहिए । इस उम्र में बच्चा दरवाज़ा खोलना, दूसरे बच्चों के साथ खेलना और खुद से कपडे पहनना भी सीख जाता है। 5 साल का होने तक आपका बच्चा चीज़ों की मदद से टावर बनाना, रंगों को पहचानना, कम शब्दों में आपके सवालों के जवाब देना सीख जाता है। और अब तक आपका बच्चा चुटकुले, कविताओं, और कहानियों को सुनकर खुश होने लगता है। परन्तु अगर 3 साल की उम्र में भी आपका बच्चा चलते समय लड़खड़ाता है या खिलौनों से खेलने में रूचि नहीं लेता या फिर 5 साल का होने के बाद भी बोलने में हकलाता है या दूसरे बच्चों के साथ बात करने में हिचकिचाता है या दूसरे बच्चों के साथ खेलने में शर्माता है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

सही पोषक तत्व क्यों ज़रूरी हैं?

बच्चों के सही व स्वस्थ शारीरिक और मानसिक विकास के लिए ज़रूरी सभी चीज़ों में पोषण सबसे महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि अब आपके बच्चे की ज़रूरतें तेज़ी से बढ़ रही हैं, इसलिए आपको यह देखना होगा कि उसे सही और पर्याप्त पोषण मिले ताकि वह अच्छे से बढ़ सके।

आपके बच्चे के लिए ज़रूरी खाद्य समूह

बच्चों के फ़ूड ग्रुप्स (खाद्य समूह) को उनके कार्यों के अनुसार अलग अलग ग्रुप्स में बांटा जा सकता है, जैसे: ताकत देने वाले आहार (एनर्जी रिच फूड्स), शारीरिक विकास के लिए ज़रूरी आहार और इम्युनिटी बढ़ाने वाले आहार। ये सभी बच्चे के विकास में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

कार्बोहाइड्रेट्स और फैट्स(वसा) से बच्चे को एनर्जी मिलती है। साबुत अनाज, बाजरा, वनस्पति तेल, घी, मक्खन, नट्स, तेल के बीज और शक्कर में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स और फैट्स पाया जाता है।

शारीरिक विकास के लिए प्रोटीन होता है जो दूध और दूध से बनी चीज़ों से, दालों से, मांस, मछली और पोल्ट्री उत्पाद जैसे चिकन और साबुत अनाज व बाजरे जैसी चीजों में पाया जाता है।

बीमारियों से बचने के लिए बच्चों को विटामिन्स और मिनरल्स वाले खाने की ज़रूरत होती है जो हरी - पत्तेदार सब्ज़ियों में, दूसरी सब्ज़ियों में, फल, अंडे, दूध और दूध से बनी चीज़ों से और मांस से भरपूर मात्रा में मिलता है। इन सभी चीज़ों में माइक्रोन्युट्रिएंट्स जैसे फैट्स में घुलने वाले विटामिन(फैट सॉल्युबल विटामिंस), एसेंशियल फैटी एसिड्स, बी काम्प्लेक्स विटामिन्स, कैल्शियम, आयरन, आयोडीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, कैरोटेनॉयड्स आदि भी होते हैं जो बच्चे के लिए ज़रूरी है। ये सभी चीज़ें मिलकर एक संतुलित आहार बनाती है जो आपके बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए बहुत ज़रूरी है।

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