क्या आपका बच्चा हमेशा पिज़्ज़ा और बर्गर जैसी चीज़ें खाने की ज़िद करता है? क्या आप भी अपने बच्चों को जंक फ़ूड से दूर रखने की कोशिश करते-करते थक चुकी हैं? अगर आपका जवाब हाँ है, तो, भी आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं। आगे पढ़िए और जानिए जंक फ़ूड के बारे में और साथ ही यह भी कि किस तरह आप अपने बच्चों में सेहतमंद खाना खाने की आदतें डाल सकती हैं-
क्या होता है जंक फ़ूड?
जंक फ़ूड वो भोजन होता है, जो आपके शरीर को सिर्फ़ इस तरह की कैलोरीज़ देता है, जिनमें कोई पोषण नहीं होता। इस तरह के भोजन में पोषण के मुकाबले कैलोरीज़ काफ़ी ज़्यादा होती हैं। अगर हम इन्हें बहुत ज़्यादा खाते हैं तो ये हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। हालाँकि जंक फूड खाना हमें आसान लग सकता है क्योंकि हमें इसे बनाने की मेहनत नहीं करनी पड़ती है, मगर ये हमारी सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते। ऐसे भोजनों में सैचुरेटेड फ़ैट, और काफ़ी मात्रा में नमक और शक्कर होती है। इतना ही नहीं इनमें फल, सब्जियों, और फ़ाइबर की मात्रा भी न के बराबर होती है। इसलिए इस तरह का खाना किसी भी तरह से आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता।
कुछ जंक फ़ूड हमारी सेहत के लिए अच्छे नहीं होते, मगर फिर भी वे आसानी से हमें अपने आसपास मिल जाते हैं, जैसे- चिप्स, मिठाइयाँ, कार्बोनेटेड बेवरेजेस (कोल्ड ड्रिंक्स), कुकीज़, और साथ ही और भी कई तरह के तले हुए खाने। जंक फ़ूड्स में काफ़ी ज़्यादा नमक, चीनी, और फ़ैट (वसा) होती है क्योंकि इन्हें इसी तरह से बनाया जाता है। हालाँकि किसी भी भोजन को जंक नहीं कहा जा सकता,अगर उसे थोड़ा ही खाया जाए। उदाहरण के लिए, अगर आप हर दिन दो या उससे ज़्यादा पिज़्ज़ा स्लाइसेज खाने की जगह सब्जियों से भरपूर एक ही पिज़्ज़ा स्लाइस हफ़्ते में एक बार खाते हैं, फिर उसे जंक फ़ूड नहीं कहा जाएगा।
बच्चों पर जंक फ़ूड के हानिकारक असर:
जंक फ़ूड खाने से सबसे ज़्यादा नुकसान बच्चों को होता है। जंक फ़ूड खाने वाले बच्चों में जंक फ़ूड में मौजूद बिना पोषण वाले कैलोरीज़ ही उनमें मोटापे के साथ-साथ और भी कई बीमारियों का कारण बनती हैं। बच्चों के जंक फ़ूड में काफ़ी ज़्यादा शक्कर मिलाया जाता है, जो उनके दाँतों पर बुरा असर डालता है। क्योंकि बच्चों की सेहत को नुकसान पहुँचाने वाले भोजन अक्सर प्रोसेस्ड होते हैं, इनमें नमक की मात्रा भी काफ़ी ज़्यादा होती है। शरीर में अधिक नमक आपके बच्चे में डिहाइड्रेशन पैदा कर सकता है और आगे चलकर उनकी किडनी पर भी बुरा असर डालता है।जंक फ़ूड के कई नुकसान हैं, जैसे जंक फ़ूड न सिर्फ़ आपके बच्चों में पोषण की कमी और मोटापे का कारण बनते हैं, बल्कि ये आपके बच्चे की भूख और उनके पौष्टिक भोजन खाने की इच्छा को भी कम कर देते हैं।
किस तरह डालें बच्चों में पौष्टिक भोजन की आदत :
आपका बच्चा तेजी से बढ़ रहा है और इस समय उसके विकास के लिए संतुलित आहार बहुत ज़रूरी है। माँ-पिता होने के नाते यह आपका काम है कि आप उनमें पौष्टिक भोजन खाने की आदत डालें; और उन्हें पौष्टिक खाना चुनने के लिए बढ़ावा दें।
बच्चे जब खाना शुरू करते हैं, वह समय उनमें पौष्टिक खाने की आदत डालने के लिए सबसे अच्छा होता है। अपने बच्चों को पौष्टिक फल, सब्जी, और दूध देकर उन्हें उनसे होने वाले फ़ायदों के बारे में बताएँ। बच्चों के कुछ अच्छा करने पर कभी भी उन्हें इनाम के रूप में कोई खाने की चीज़ नहीं देनी चाहिए। और अगर आप उन्हें जंक फूड नहीं खाने देते, तो आपको इस बात का अफ़सोस नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह उन्हें लंबे समय सेहतमंद रखने में मदद करने वाला है। अगर आप बच्चों के साथ बाहर खाने जाते हैं, तो खाना सोच-समझकर चुनें। उन रेस्टोरेंट्स को खोजें,जहाँ पौष्टिक खाना मिलता हो। ऐसा खाना चुनें, जिसे कम से कम प्रोसेस किया गया हो। सड़क किनारे लगे स्टॉल्स में खाने से बचें।
पौष्टिक खाना भी मज़ेदार हो सकता है। जानिए, कैसे आप भी खाने को मज़ेदार बना सकती हैं:
- पिज़्ज़ा, बर्गर, रोल्स, और सैंडविच को घर पर मज़ेदार और पौष्टिक बनाया जा सकता है। ये आपके बच्चे की भूख भी मिटाता है और उन्हें पौष्टिक खाना खाने के लिए बढ़ावा देता है।
- घर पर ब्रेड बनाने से आप उसमें डलने वाले तेल, आटा, और बाकी चीजों को अपने हिसाब से तय कर सकती हैं। पिज़्ज़ा बर्गर और रोल्स का बेस बनाने के लिए गेहूँ के आटे का इस्तेमाल करें। गेहूँ के आटे में भरपूर मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और फ़ा इबर पाया जाता है।
- खाने में अंदर भरने, ऊपर से डालने, और चटनी बनाने के लिए ताज़े फल, सब्जी, स्प्राउट्स, पनीर, सोया ग्रेन्यूल्स, और अंडे जैसी चीजों का इस्तेमाल करने से ये खाने में फ़ाइबर और पोषण की मात्रा को बढ़ाता हैं।
- समोसे में आलू की जगह पिसा हुआ सोया या पनीर डालकर उसे और ज़्यादा पौष्टिक बनाया जा सकता है।
- रेडीमेड फ़ूड की जगह हमेशा ताज़े फल और सब्ज़ियाँ ही खाएँ।
- अपने खाने से फ़ैट को कम करने के लिए खाने को गहरे तलने (डीप फ़्राई) की जगह उन्हें ग्रिल, बेक, या स्टीम करके खाएँ। इस तरह से खाना पकाने पर भोजन की पौष्टिकता खत्म नहीं होती है।
अगर आप अपने बच्चे को जंक फ़ूड की जगह पौष्टिक भोजन खाने के लिए बढ़ावा देते हैं, तो यह उन्हें भविष्य में मोटापे और कई डिजनरेटिव बीमारियों से बचाएगा। पौष्टिक भोजन पूरी ज़िंदगी आपके बच्चे की सेहत बनाए रखने में उसकी मदद करेगा।