मिठाई देखकर तो लगभग हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है और इसके बारे में सोचते ही आपके भी मुंह में पानी आ जाता है। कई पेरेंट्स अपने बच्चे के अच्छे व्यवहार और कुछ खास मौकों पर उन्हें मीठा खिला कर इनाम देते हैं। इस तरह सीमित मात्रा में मीठा खिला कर बच्चे के खून में शक्कर की मात्रा को सीमित रखा जा सकता है। हालांकि समय के साथ-साथ बच्चे ज़्यादा मीठा खाने लगे हैं जिसके कारण बचपन में मोटापे की समस्या बढ़ने लगी है।

शक्कर हमारे रोज़ाना के खाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में मौजूद होती ही है। यहां तक कि शक्कर स्वादिष्ट चीज़ों जैसे चटनी और सॉस में भी डाली जाती है। एक चम्मच (टेबलस्पून ) टोमेटो केचप में 4 ग्राम ( 1 टीस्पून) तक शक्कर हो सकती है, और सॉफ्ट ड्रिंक के एक कैन में यह 40 ग्राम (10 टीस्पून ) तक होती है।

इन सब के बावजूद कई ऐसे पेरेंट्स हैं जो अपने बच्चों को नियमित रूप से मीठा खिलाते ही हैं।

ऐसी मांग को पूरी न करने के लिए पेरेंट्स क्या कर सकते हैं, वह भी तब जब फ्रुक्टोज़, माल्टोज़, सुक्रोज़, जैसी सरल बनावट वाली चीनी और ज़्यादा फ्रुक्टोज़ वाले कॉर्न सिरप और पार्शिअली मेटाबोलाइज़्ड शुगर अल्कोहल जैसे सोर्बिटोल, मेनिटोल, ज़ायलिटोल और माल्टीटॉल खाने को मीठा बनाने के लिए उपयोग किये जाते हों। तो फिर आप अपने बच्चे की मांग कैसे पूरी करेंगे?

इसका जवाब है - घर की बनी मिठाई!

घर पर मीठा बनाने से आपकी चिंता खत्म हो जायेगी पर, इससे पहले कि आप हलवाई ही बन जाएँ, नीचे दी गई हेल्दी टिप्स को ध्यान से पढ़ लीजिये:

  • डेज़र्ट्स और केक को मीठा बनाने के लिए मौसमी फलों का इस्तेमाल कीजिये।
  • सूखे मेवे जैसे खजूर, अंजीर, अखरोट आदि आपकी रेसिपी को प्राकृतिक मिठास देंगे और इससे बच्चों का पेट भी भरेगा।
  • फलों की प्राकृतिक मिठास को उभारने और उन्हें ज़्यादा मीठा बनाने के लिए आप फलों को ग्रिल कर सकते हैं।
  • शक्कर की जगह गुड़ का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करने से आपकी मिठाई में पोषण की मात्रा बढ़ जाएगी। और भी बेहतर परिणाम पाने के लिए गुड़ के अलग अलग प्रकारों और रंगों को आज़माएँ।
  • अपने मीठे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों को रंग-बिरंगा बनाने के लिए हल्दी, केसर, चुकंदर और फूलों के रंग का इस्तेमाल करें।

घर पर मीठा बनाने के लिए कुछ आसान तरीके:

  • पॉप्सिकल्स (कैंडी ) और शरबत: गर्मियों के समय दोपहर में ठंडक देने के लिए आप ताज़ा संतरे का रस, नींबू पानी, तरबूज़ का रस, या आम का रस निकालकर उसे जमा कर कैंडी बना सकते हैं। आप नारियल की मलाई और नारियल पानी मिलाकर इसे भी जमा सकते हैं। अगर आपके पास आइस-क्रीम चर्नर है तो आप शर्बत भी बना सकते हैं।
  • क्रीमी आइस-क्रीम: आइस-क्रीम में पोषण बढ़ाने के लिए उसमें से आधी क्रीम की जगह प्रोटीन से भरपूर ताज़ा दही डाल दीजिये। ऐसा करने से उसमें फैट की मात्रा कम होगी और प्रोबायोटिक्स और प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाएगी। आधा कप दही में डेढ़ कप किसी भी फल की प्यूरी डालकर अच्छे से मिला दीजिये। अब इसमें आधा कप कंडेंस्ड मिल्क डाल दीजिये। अब आधा कप क्रीम को तब तक फेंटिए जब तक कि वह फूल न जाए। अब इसमें दही, कंडेंस्ड मिल्क और फलों का मिश्रण डालकर फ्रीज़र में जमाकर आइसक्रीम तैयार कर लीजिये। इसे बनाते समय ध्यान रहे कि सभी चीज़ें बहुत ठंडी हों।
  • चिक्की: अपने पसंद की चिक्की बनाते समय सफ़ेद शक्कर की जगह, जिसमें ज़्यादा फ्रुक्टोज़ वाला कॉर्न सिरप डला होता है, गुड़ का इस्तेमाल कीजिये। पारंपरिक भारतीय चिक्की को थोड़ा सा विदेशी रंग देने के लिए आप इसमें हेज़लनट और मेकडेमिआ नट्स भी डाल सकते हैं।
  • मिल्कशेक्स: मिल्कशेक्स का स्वाद बढ़ाने और इसे मीठा बनाने के लिए आप इसमें खजूर, अंजीर मिला सकते हैं।
  • ग्रिल फ्रूट्स : कुछ पके हुए केले काटिए और कैरेमलाइज़ होने तक इन्हें ग्रिल कीजिये। ज़्यादा कैरेमलाइज़ करने के लिए इसमें एक चम्मच गुड़ मिला सकते हैं। इसके लिए आप केरल के केले इस्तेमाल करें वो थोड़े कड़क होते हैं जिससे उन्हें अच्छे से ग्रिल किया जा सकता है।