बच्चे अपने आसपास के लोगों को देखकर बहुत जल्दी प्रेरित हो जाते हैं। जब बच्चे आपके साथ पर रहें तब तो आप यह देख सकते हैं कि वे क्या खा रहे हैं लेकिन जब वे स्कूल जाने लगते हैं तो उन्हें अपने हमउम्र बच्चों की तरह हर चीज़ें करने का मन करता है। वे क्लास के बाक़ी बच्चों जैसा लंच ले जाने की ज़िद करते हैं भले ही वो खाना सेहत के लिए अच्छा न हो तब भी। और आप जो लंच बना रही हैं वो ज़्यादा पौष्टिक है, यह बात बच्चों को आसानी से समझा पाना बिल्कुल आसान नहीं है। आपका बच्चा अचानक से यह कह सकता है कि जो खाना उसे पहले पसंद था अब वो उसकी शक्ल भी देखना नहीं चाहता है। इसके बजाय वो कुछ ऐसा खाने की माँग करेंगे जो उन्होंने पहले कभी नहीं खाया।

पीयर प्रेशर से खाने की पसंद या नापंसद पर असर क्यों पड़ता है?

खाने की आदतों पर पीयर प्रेशर का क्या असर पड़ता है यह समझने के लिए बहुत सारे शोध हुए हैं। जर्नल ऑफ द अकेडमी ऑफ न्यूट्रीशन एंड डायटिक्स में प्रकाशित एक लेख के अनुसार खाने की आदतें बहुत आसानी से बदल सकती हैं। जिन लोगों को यह बताया जाता है कि बाक़ी लोग तय प्रकार का भोजन करते हैं तो वे भी वैसा ही भोजन चुनने लगते हैं। डाइटिंग के दौरान जो प्रेशर रहता है वह सामाजिक पहचान से जुड़ा होता है। किसी तय तरीक़े का आहार या डाइट अपनाकर और उसके बारे में बताकर बच्चे और वयस्क यह दिखाना चाहते हैं तय सामाजिक तौर तरीक़े में उनकी भी एक पहचान है। बच्चा जब अकेला या समूह से अलग भी खाना खाता है तब भी उसकी ये आदतें बदलती नहीं हैं।

पियर प्रेशर से कैसे बचें और बच्चों को सेहतमंद विकल्प चुनना कैसे सिखायें?

दुर्भाग्यवश, पियर प्रेशर में सेहतमंद खाने के विकल्प बहुत मुश्किल से या नहीं ही चुनते हैं। तो अगर आपके बच्चे अक्सर ज़्यादा नमक वाले या तले भुने स्नैक्स, फ़ास्ट फ़ूड और नूडल्स की माँग करते हैं तो आपको उन्हें जल्द से जल्द सेहतमंद खाने के फ़ायदों और विकल्पों के बारें के बताना होगा। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपके लिए बेहद फ़ायदेमंद होंगे।

  • घर पर ही करें सेहतमंद खाना खाने की शुरुआत

    अपने बच्चे को सेहतमंद खाने के बारे में सिखाना घर पर शुरू होता है। अगर बच्चे अनहेल्दी स्नैक्स की माँग करें तो उन्हें वे स्नैक्स न दें। इसके बजाय उन्हें घर का बना खाना सेहतमंद खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें। अपने बच्चे को भरपेट भोजन दें ताकि वह स्नैक्स की माँग कम करे।

  • खाना बनाने में बच्चों से भी मदद करने को कहें

    बच्चों जो खाना बनाने में आपकी मदद करते हैं उन्हें वह खाना खाने में भी बहुत मज़ा आता है। बच्चों को अपने साथ रसोई में काम करने का मौक़ा दें। बहुत छोटे बच्चे सब्ज़ियाँ में आपकी मदद कर सकते हैं और शॉपिंग के लिए आपके साथ जा सकते हैं। जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं आप उन्हें अन्य काम सिखा सकते हैं जैसे सलाद मिक्स करना,चपाती बेलना, आदि। उन्हें देखने दें कि लंच के लिए खाना कैसे बनता और पैक होता है। इससे बच्चों में गर्व और आत्म विश्वास पैदा होगा और वे पीयर प्रेशर के शिकार नहीं होंगे।

  • अन्य पेरेंट्स से दोस्ती करें

पीयर प्रेशर अच्छा भी हो सकता है। अगर कोई बच्चा स्वास्थ्य के लिये हानिकारक खाने की माँग करता है तो इसका मतलब है कि ज़रूर उसके हमउम्र बच्चे भी वैसा ही खाना खाते होंगे। हो सकता है कि आपके बच्चों के पेरेंट्स के पास खाना बनाने का समय न हो और इसलिए वे लंच में स्नैक्स लेकर आते होंगे। तो आप पेरेंट्स से दोस्ती करें और सेहतमंद खाने को एक्टिविटी बनाएँ ताकि ये और आकर्षक हो सके। बच्चे को संतुलित आहार खाना सिखाने के लिए आप हर हफ़्ते ग्रुप टिफ़िन से शुरू कर सकते हैं।

  • बच्चों के लिए अच्छा उदाहरण बनें

    बच्चे जो देखते हैं वही करते हैं। अगर आप ख़ुद अनहेल्दी खाना खाते हैं तो आप बच्चों से सेहतमंद खाना खाने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप अपने बच्चों के लिए एक अच्छा रोल मॉडल और उदाहरण बनें। संतुलित आहार अपनाएँ और सही समय पर खाना खाएँ। अगर आप नौकरी करते हैं और ऑफ़िस में ही लंच करते हैं तो घर का बना खाना लेकर जाएँ ताकि बच्चे को पता चले कि उनके पेरेंट्स भी घर का खाना ही खाते हैं।

  • अपने बच्चे से खाने के बारे में बात करें

    बच्चों से कोई काम ज़बरदस्ती करवाने का कोई फ़ायदा नहीं होता है। बच्चे नई चीज़ें तभी सीखेंगे जब वे उसके पीछे का कारण और ज़रूरत समझ पाएँ कि उनसे काम करने को क्यों कहा जा रहा है। तो अपने बच्चे को सेहतमंद खाने के बारे में बात करें और उन्हें यह समझाएँ कि अलग अलग सामग्री और पोषक तत्व खाने से उनके स्वास्थ्य को क्या लाभ होगा। उन्हें हानिकारक खाद्य पदार्थों के बारे में भी बताएँ। उन्हें उनकी पसंद और नापसंद के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें। और जब भी बच्चे सेहतमंद खाना चुनते हैं तो उनकी तारीफ़ ज़रूर करें।