पिछले दशकों में बाज़ार से ख़रीदे खाद्य पदार्थ खाने का प्रचलन बहुत तेज़ी से बढ़ गया है। हालांकि यह आपकी व्यस्त जीवनशैली को आसान बनाने के लिए फ़ायदेमंद है लेकिन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अक्सर इन खाद्य पदार्थों के रंगों के बारे में चिंतित रहते हैं। खाद्य पदार्थों को आकर्षक बनाने के लिए उसमें रंग डाले जाते हैं। यह प्राकृतिक भी हो सकते हैं और आर्टिफिशियल भी। प्राकृतिक रंग खाने के लिए सुरक्षित होते हैं लेकिन अगर आप विश्वसनीय ब्रांड या स्टोर से नहीं ख़रीद रहे हैं तो आर्टिफिशियल रंग आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं।
आर्टिफिशियल खाद्य रंगों का इस्तेमाल ज़्यादातर चमकीले रंग की कैंडी, स्पोर्ट्स ड्रिंक, बेक किये हुए खाद्य पदार्थ, कुछ अचार, स्मोक्ड साल्मन, सलाद ड्रेसिंग और कुछ दवाओं में भी किया जाता है। शोध से पता चला है कि यह आर्टिफिशियल रंग बच्चों को सबसे ज़्यादा पसंद आते हैं और पिछले पचास वर्षों में इसमें 500% की वृद्धि हुई है। अच्छी खबर यह है कि खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों की निगरानी और रेगुलेशन के लिए एफएसएसएआई के नियम बहुत सख़्त हैं। इसलिए, अगर कम मात्रा में खाया जाए तो आर्टिफिशियल रंगों वाले खाद्य पदार्थ हानिकारक नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य रंगों के बारे में पता होना और किन खाद्य पदार्थों में ये रंग होते हैं यह पता करना बहुत ज़रूरी है।
प्राकृतिक और आर्टिफिशियल खाद्य रंग
प्राकृतिक खाद्य रंगों में कैरोटीनॉयड, क्लोरोफिल, एंथोसायनिन और हल्दी शामिल हैं। बीटा कैरोटीन सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला कैरोटीनॉयड है जो शकरकंद और कद्दू को चमकीले नारंगी रंग देता है। चूंकि यह फैट में घुलनशील है, यह मार्जरीन और पनीर जैसे हाई फैट वाले डेयरी उत्पादों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, और आमतौर पर हानिकारक नहीं है। एंथोसायनिन एक और ऐसा प्राकृतिक रंग है जो मकई के चिप्स, जेली और शीतल पेय को नीला या बैंगनी रंग देता है, और पानी में घुलनशील है।
अब देखते हैं कि सामान्यतः इस्तेमाल होने वाले आर्टिफिशियल डाई कौन से हैं:
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रेड नंबर 3 (एरिथ्रोसिन): चेरी लाल और चमकीला रंग, यह केक, पॉप्सिकल्स और कैंडी के लिए एक खाद्य इस्तेमाल होता है।
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रेड नंबर 40 (अल्लुरा रेड): गहरे लाल रंग का, इस डाई का उपयोग कैंडी, स्पोर्ट्स ड्रिंक, मसालों और अनाज में किया जाता है।
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येलो नंबर 5 (टार्ट्राजाइन): नारंगी और पीले रंग का मिश्रण, चॉकलेट के लिए इस्तेमाल होने वाला यह भोजन शीतल पेय, पॉपकॉर्न, चिप्स और अनाज के लिए भी उपयोग किया जाता है।
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येलो नंबर 6 (सनसेट येलो): यह एक और नारंगी और पीला रंग है जो कुकीज़, कैंडी, सॉस, अन्य बेक्ड खाद्य पदार्थों और प्रिज़र्वड फलों के लिए सबसे अच्छा खाद्य रंग है।
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नीला नंबर 1 (चमकीला नीला): हरे-नीले रंग में, इस डाई का उपयोग आइसक्रीम, डिब्बाबंद सूप, डिब्बाबंद मटर,और पॉप्सिकल्स के लिए किया जाता है।
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ब्लू नंबर 2 (इंडिगो कारमाइन): कैंडी, अनाज, आइसक्रीम और स्नैक्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है, यह डाई रंग में शाही नीला है।
रेड 40, येलो 5,और येलो 6 सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले खाद्य डाई हैं।
आर्टिफिशियल डाई कैसे बनता है और इसकी जाँच कैसे होती है
आर्टिफिशियल फूड डाई को शुरुआत में कोल टार का उपयोग करके बनाया गया था, और इन दिनों, ये पेट्रोलियम या कच्चे तेल से बनाये जाते हैं। यह ध्यान रखा जाता है कि फ़ाइनल प्रोडक्ट में पेट्रोलियम नहीं है। इसका एक अपवाद ब्लू नंबर 2 या इंडिगोटीन है जो पेट्रोलियम से नहीं बल्कि प्लांट-आधारित इंडिगो डाई का सिंथेटिक रूप है।
FSSAI ने कृत्रिम रंग एडिटिव के बारे में कुछ नियम बनाये हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे खाने के लिए सुरक्षित हैं। इसमें यह ध्यान रखा जाता है कि ऐसे खाद्य पदार्थों पर लेबल लिखा जाता है, ताकि उपभोक्ताओं को पता चले कि वे क्या खा रहे हैं। किसी भी एडिटिव को मंजूरी देने के लिए, FSSAI इसके तत्वों और खपत की मात्रा का अध्ययन करता है, और जांचता है कि क्या इसमें कोई स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े ख़तरे हैं। एक बार फूड डाई मंजूर होने के बाद, एफएसएसएआई उस एडिटिव के उपयोग का स्तर निर्धारित करता है। अगर एफएसएसएआई निश्चित है कि किसी एडिटिव के कारण स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होगा तभी एडिटिव को मंजूरी दी जाती है।
एफएसएसएआई द्वारा मंजूरी प्राप्त खाद्य रंग
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एफएसएसएआई ने नीचे बताए गए प्राकृतिक खाद्य रंगों को मंजूरी दी है जिन्हें आर्टिफिशियल तरीके से बनाया जा सकता है :
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कैरोटीन और कैरोटेनॉइड
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क्लोरोफिल
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राइबोफ्लेविन (लैक्टोफ्लेविन)
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कैरेमल
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ऐनाटो (खाने वाले तेल में इस्तेमाल होता है)
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केसरिया रंग
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कुरुक्यूमिन या हल्दी
मंजूरी प्राप्त आर्टिफिशियल रंग हैं:
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लाल:पोन्को 4 आर, कार्मोइसिन, और एरिथ्रोसिन (जेल भोजन रंग)
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पीला: टार्ट्राजाइन और सनसेट येलो एफसीएफ
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ब्लू: इंडिगो कारमाइन और ब्रिलिएंट ब्लू एफसीएफ
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ग्रीन: फास्ट ग्रीन एफसीएफ
वे खाद्य पदार्थ जिनके लिए एफएसएसएआई ने रंग इस्तेमाल करने की अनुमति दी है:
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आइसक्रीम, फ्रोज़न डेसर्ट, दूध लॉली, दही, फ्लेवर्ड मिल्क, और आइसक्रीम मिश्रण पाउडर
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वेफर्स, केक, पेस्ट्री, थ्रेड कैंडीज, कन्फेक्शनरी, मिठाइयाँ और कुछ खास तरह की नमकीन।
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मटर, चेरी, स्ट्रॉबेरी, डिब्बाबंद टमाटर का रस, प्रिज़र्वेटिव वाला पपीता, फलों का सिरप, फलों का जूस, फलों का स्क्वैश, जैम, जेली, मुरब्बा, और क्रिस्टल वाले फल।
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एल्कोहॉल-मुक्त कार्बोनेटेड और गैर-कार्बोनेटेड सिंथेटिक पेय तुरंत परोसे जा सकते हैं
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कस्टर्ड पाउडर
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बर्फ कैंडी और जेली क्रिस्टल
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कार्बोनेटेड या गैर-कार्बोनेटेड पेय में स्वाद के लिए पेस्ट और इमल्शन, केवल तब अगर वे लेबल पर लिखे हों
बच्चों के लिए खाद्य पदार्थ आकर्षक बनाने के लिए ही रंगों का इस्तेमाल होता है और इनमें पोषण नहीं होता। सामान्यतः जंक फूड में आर्टिफिशियल डाई होते हैं। तो अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे को सेहतमंद और स्वस्थ आहार मिले तो उन्हें आर्टिफिशियल रंगों वाले खाद्य पदार्थ कम से कम खिलाएँ। आप उन्हें नीचे बताए गए प्राकृतिक खाद्य पदार्थ खिला सकते हैं:
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सादा दही, दूध, अंडे, पनीर, और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद
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ताज़ा पोल्ट्री और मीट आइटम जैसे बिना मेरिनेट किया चिकन, फिश और मटन
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सीड्स और नट्स जैसे कि मैकाडामिया नट्स, अनफ्लेवर्डेड बादाम, पेकन, काजू, अखरोट, और सूरजमुखी के बीज
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विभिन्न प्रकार के ताजे फल और सब्जियाँ
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साबुत अनाज जैसे कि ब्राउन राइस, ओट्स, जौ और क्विनोआ
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फलियां जैसे किडनी बीन्स, ब्लैक बीन्स, नेवी बीन्स, छोले और दाल
याद रखें कि अगर आप आर्टिफिशियल रंगों वाले खाद्य पदार्थ ख़रीद रहे हैं तो प्रचलित और विश्वसनीय ब्रांड से ही ख़रीदें। चेक करें कि वे रंग एफएसएसएआई द्वारा मंजूरी प्राप्त हैं या नहीं और ध्यान रखें कि बच्चा ये आर्टिफिशियल रंग कम मात्रा में ही खाये। नियमित रूप से उसके आहार में ज़्यादा से ज़्यादा प्राकृतिक और सेहतमंद खाद्य पदार्थ होने चाहिए।