भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा शाकाहारी है, जो माँस और मछली से तो परहेज करता है लेकिन दूध, घी, मक्खन जैसे डेयरी प्रॉडक्ट और कभी-कभी अंडे भी खाता है। लेकिन बीते कुछ समय से, लोग जानवरों से मिलने वाली सभी तरह की चीज़ों से परहेज करने में विश्वास करने लगे हैं। इसके पीछे की सोच, जानवरों को किसी भी तरह की तकलीफ़ ना देना, पर्यावरण को सुरक्षित रखना और किसी भी तरह की बीमारी के खतरे को कम करना है।
बेशक, इसे अपनाने वाले कुछ लोग हैं। लेकिन, बढ़ते हुए बच्चे के लिए ज़रूरी हर तरह के पोषण को, सिर्फ शाकाहारी चीज़ों से कैसे पूरा किया जा सकता है? एक बच्चे को पूरी तरह से शाकाहारी बनाने का सही तरीका क्या है? नीचे इन सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं।
शाकाहारी चीज़ें खाने वाले बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए कुछ सुझाव
शाकाहारी खाना या वीगन डाइट शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने और बच्चे के दिल को तंदुरुस्त रखने में मदद करता है क्योंकि कोलेस्ट्रॉल बनाने वाले ज़्यादातर सैचुरेटेड फैट मांस और फुल फैट डेयरी प्रॉडक्ट से मिलते हैं। तो अगर आप शाकाहारी चीज़ें खाते हैं तो आपके खाने में सैचुरेटेड फैट अपने आप ही कम हो जाएगा। शाकाहारी खाने में फाइबर, विटामिन, मिनरल और दूसरे ज़रूरी फाइटोन्यूट्रियेन्टस भी भरपूर मात्रा में होते हैं।
शाकाहारी खाने से बच्चे को सेहतमंद बनाने का सही तरीका क्या है?
अगर आप अपने बच्चे को शाकाहारी बना रहे हैं तो यह ज़रूरी है कि उन्हें वो सारे पोषक तत्व मिलते रहें जो ज़्यादातर जानवरों से मिलने वाली चीज़ों जैसे मांस, पोल्ट्री, चीज़, दही और अंडों में होते हैं। इसके लिए एक सही योजना बनाना बेहद ज़रूरी है जिससे बच्चा इन चीज़ों के बिना भी सेहतमंद रहे और सही तरीके से बढ़े।
शाकाहारी खाने में वो सारे अमीनो एसिड नहीं होते हैं जो हमें जानवरों से मिलने वाली चीज़ों से मिलते हैं। इसीलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि बच्चे को दालों, फलियों, बीजों और नट्स से मिलने वाले प्रोटीन को मिला कर खिलाया जाए ताकि बच्चे को सही मात्रा में सभी पोषक तत्त्व मिल सके। दो अलग-अलग समूहों में से प्रोटीन को मिलाने से बच्चे को सारे अमीनो एसिड मिल जाते हैं। इसके लिए आप गेहूँ के आटे से बनी ब्रेड पर पीनट बटर लगाकर, या गेहूँ के क्रैकर्स के साथ हम्मस देकर या ब्राउन राइस के साथ टोफ़ू दे सकते हैं। नाश्ते में आप उसे साबुत अनाजों से बना चीला या ऐसी और भी सादी और सेहतमंद चीज़ें खिला सकते हैं।
शाकाहारी बच्चे को पूरा पोषण देने के तरीके
- अगर आपका बच्चा शाकाहारी है तो आपको उसके खाने में विटामिन बी12 और आयरन (लौह) की पूर्ती का खास ध्यान रखना होगा। क्योंकि विटामिन बी12 सिर्फ जानवरों से मिलने वाली चीज़ों में ही होता है। आप बच्चे को, अनाज या दूसरी चीज़ें जिनमें विटामिन बी12 होता है या सप्लीमेंट भी दे सकते हैं। अगर आपका बच्चा बादाम या सोया मिल्क पीता है तो उसे फोर्टिफाइड दूध दे सकते हैं।
- पेड़-पौधों से मिलने वाला आयरन (लौह) जानवरों से मिलने वाले आयरन (लौह) की तरह आसानी से नहीं पचता। इसके लिए आप उसे आयरन (लौह) वाली चीज़ों के साथ-साथ विटामिन सी वाली चीज़ें दे सकते हैं जो आयरन (लौह) को पचाने में मदद करते हैं। उदाहरण के तौर पर बीन्स के सूप के साथ उसे संतरे या टमाटर का जूस दे सकते हैं।
- इसके अलावा बच्चे को कैल्शियम की भी बहुत ज़रूरत होती है। हालाँकि ब्रोकली और पालक जैसी हरी सब्जियों में कैल्शियम होता है पर फिर भी डॉक्टर से सलाह लेकर आप बच्चे को सप्लीमेंट दे सकते हैं।
- बीन्स में फैट कम होते हैं और फाइबर ज़्यादा। साथ ही इन्हें बहुत सी रेसिपी में इस्तेमाल किया जा सकता है। आप रोटी में बीन्स भरकर रोल बना सकते हैं या ब्राउन राइस के साथ उसे बीन्स दे सकते हैं या बीन्स का सैंडविच भी बनाकर दे सकते हैं। आप सलाद और सूप में उबली फलियां मिलाकर भी दे सकते हैं।
- अगर आप अपने बच्चे को स्कूल में लंच पैक करके देते हैं तो ऐसा लंच बॉक्स लें जिसमें चीज़ों को अलग-अलग रखा जा सके, इसमें आप बच्चे को दो अलग-अलग चीज़ें दे सकते हैं जैसे हम्मस और साबुत अनाज से बना पास्ता, सलाद और फल या कॉर्न के साथ दाल के चिप्स।
- ये ज़रूरी नहीं की सलाद हमेशा हरी चीज़ों से ही बनाया जाए, आप इसमें पत्तागोभी, गाजर के साथ उबले हुए काबुली चने मिलाकर इसे थोड़ा सजा सकते हैं। इसी के साथ आपको यह भी ध्यान रखना है कि आप जो भी खाएंगे आपका बच्चा भी वही खाना सीखेगा, इसलिए आपको उसका रोल मॉडल बनना होगा।
- आयोडीन एक और ऐसा तत्व है जो जानवरों से मिलने वाली चीज़ों जैसे मछली, मांस, दूध आदि में पाया जाता है। यह कुछ शाकाहारी चीज़ों जैसे अनाज आदि में भी पाया जाता है लेकिन इनमें आयोडीन की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि वो जहाँ उगाया गया है वहां की मिट्टी में कितना आयोडीन है। अगर आपका बच्चा कोई डेयरी प्रॉडक्ट नहीं खाता है तो डॉक्टर से सलाह ले कर आप उसे आयोडीन का सप्लीमेंट दे सकते हैं।
- मछली के अलावा अलसी और अखरोट ओमेगा -3 के अच्छे स्रोत हैं। इन्हें 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पीसकर खिलाना चाहिए। इसी के साथ पिसे हुए चिया सीड्स और हेम्प सीड्स देना भी अच्छा होता है।
- याद रखिये
शाकाहारी खाना आमतौर पर कम कैलोरी वाला होता है क्योंकि इनमें भरपूर फाइबर होता है और इसीलिए हो सकता है कि बच्चे की पोषण की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उसे ज़्यादा खाना खिलाना पड़े। एक्सपर्ट्स यह भी सलाह देते हैं कि जब तक बच्चा 5 साल का नहीं हो जाता उसे ज़्यादा फाइबर वाली चीज़ों के साथ कम फाइबर वाली चीज़ें मिलाकर खिलाना चाहिए जैसे हरी सब्जी के साथ चावल। बच्चे को पोषण की कमी से बचाने के लिए ज़्यादा कैलोरी वाली चीज़ें जैसे हम्मस, नट बटर, फुल-फैट वाला दही आदि भी दे सकते हैं।