आपके बच्चे को चॉकलेट खाना बहुत पसंद है, लेकिन उसे चॉकलेट देने से पहले आपके मन में बहुत सारे सवाल उठते होंगेI आपके मन में ये शंका आती होगी कि क्या चॉकलेट खाना मेरे बच्चे के लिए सही है I  यहाँ, आपको वो सारी जानकारी मिलेगी जिससे चॉकलेट को लेकर आपकी सारी शंकाएँ दूर हो जाएगी I

चॉकलेट के प्रकार :

चॉकलेट में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों के हिसाब से इसे मुख्यतः तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है;  मिल्क चॉकलेट (दूध से बनी चॉकलेट), डार्क चॉकलेट और व्हाइट (सफ़ेद) चॉकलेटI

  • डार्क चॉकलेट में चॉकलेट लिकर, एक्स्ट्रा कोको बटर, चीनी, एमुल्सिफियर, वनिला और अन्य फ्लेवर का मिश्रण मिलता है। इसको नरम बनाने के लिए इसमें दूध के फैट को मिलाया जाता है लेकिन इसमें दूध का स्वाद नहीं आता बल्कि कड़वा-मीठा सा स्वाद आता है क्योंकि इसमें कोको की मात्रा बाकी चॉकलेट से ज़्यादा होती है।
  • मिल्क चॉकलेट और डार्क चॉकलेट को बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों में मिल्क सॉलिड को छोड़ कर लग-भग बाकी सारी चीज़ें एक जैसी होती हैं I इसमें 10% कोको और 12% मिल्क सॉलिड होता है। ये सबसे ज़्यादा खाई जाने वाली चॉकलेट हैI
  • व्हाइट (सफ़ेद) चॉकलेट में कोको मुख्य रूप से होता है । इस चॉकलेट में कोको बटर के साथ चीनी, लेसिथिन, मिल्क सॉलिड और वनिला या अन्य फ्लेवर पाया जाता है I इसको बनाने के लिए 20% कोको बटर, 14% सॉलिड और 55% चीनी का इस्तेमाल होता है I

चॉकलेट के फायदे:

क्या चॉकलेट बच्चों के लिए अच्छी है इस सवाल पर आज-कल काफ़ी चर्चा चल रही हैI चॉकलेट में सबसे ज़्यादा कोको होता है और कोको से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है I कोको के बीज में मौजूद फ्लॅविनोल्स में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता हैI ये भारी मात्रा में डार्क चॉकलेट में पाये जाते हैंI ये ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करते हैं जिससे वेस्कुलर फंक्शन बेहतर होता हैI काफी रिसर्च के बाद ये पता चला है कि चॉकलेट खाने से डायबिटीज़ और दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का खतरा कम हो जाता हैI लेकिन सभी रिसर्च सिर्फ बड़ों में इसके फ़ायदों के बारे में बताते हैं, बच्चों में नहींI

चॉकलेट से होने वाले नुकसान: 

 इस कहानी का दूसरा पहलू

  • चॉकलेट के सारे फ़ायदे कोको से जुड़े हैं जिसमें चीनी और फैट की मात्रा बहुत कम हैI लेकिन आज-कल पैकेट में बिकने वाले बच्चों के चॉकलेट में दूसरी चीज़ें जैसे कि चीनी, फैट और एक्स्ट्रा कैलोरी भी पायी जाती हैं जो वज़न बढ़ने, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और डायबिटीज़ का खतरा बढ़ा देती है I एक साल से ऊपर के बच्चों को कोको को लो-फैट मिल्क या फिर ओट्स में मिलाकर देना ही चॉकलेट खिलाने का सही तरीका है।
  • चॉकलेट में पाया जाने वाला एक प्रमुख पदार्थ कैफ़ीन है, जो कि सेंट्रल नर्वस सिस्टम के लिए स्टीमुलेंट या उत्तेजक का काम करता है। वैसे इससे काफ़ी पकवान बनाये जाते हैं लेकिन अगर इसकी लत बच्चों को लग जाये तो वे बहुत ज़्यादा उछल-कूद करने लगते हैं और उन्हें नींद भी नहीं आती है।
  • हालांकि, चॉकलेट में ऐसी कोई चीज़ आम तौर पर नहीं पायी जाती है जिससे बच्चों को किसी तरह की एलर्जी हो लेकिन आपके लिए ये ज़रूरी है कि आप उसमें मिलाई जाने वाली चीज़ों - जैसे नट् (बादाम आदि), सोया और दूसरी चीज़ों के बारे में ज़रूर पढ़ें I ये जानकारी चॉकलेट के पीछे लेबल पे लिखी होती हैI
  • बच्चों के आहार में चॉकलेट को संतुलित मात्रा में देना सही समाधान हैI जब वे ज़्यादा ठोस (सॉलिड) पदार्थ नहीं खा रहे हैं तब बहुत ज़्यादा चॉकलेट खाना उनके लिए सही नहीं है I
  • चॉकलेट में मौजूद चीनी मोटापा, डायबिटीज़ और अन्य रोगों को बढ़ावा देती है I चॉकलेट खाने से छोटे बच्चों के दांतों में कीड़े लग सकते हैं I

बच्चों का चॉकलेट से परिचय:

कोई भी खाने की चीज़ पहली बार खिलाते समय उसके साथ चॉकलेट न देंI नए खाने की चीज़ को धीरे-धीरे रोज़ के आहार में जोड़ें ताकि एलर्जी जल्द सामने आ जाएI

एक साल की उम्र तक सिर्फ पौष्टिक आहार देंI चॉकलेट और अन्य मिठाइयों को बच्चों से दूर रखेंI

डार्क चॉकलेट सेहत के लिए अच्छी है क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा दूसरे चॉकलेट के मुकाबले कम होती हैI  लेकिन हमें ये याद रखना चाहिए कि चॉकलेट कई तरह की होती हैं जिनमें कुछ काफ़ी प्रोसेस्ड होती हैं और कुछ में चीनी की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है इसलिए चॉकलेट पर दिए लेबल को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए I

एक साल से कम उम्र के बच्चों को चॉकलेट मिल्क नहीं देना चाहिएI  एक बार जांच कर लेनी चाहिए कि बच्चे को लैक्‍टोज़ असहिष्‍णुता यानी दूध की एलर्जी तो नहीं है, उसके बाद चॉकलेट मिल्क दे सकते हैंI याद रखें चॉकलेट मिल्क में दूध के मुकाबले चीनी कि मात्रा काफ़ी ज़्यादा होती हैI

संतुलन ही सही समाधान है, बच्चों को सिर्फ वही चॉकलेट दें जिसमें 70% कोको हो और उस ब्रांड की ही चॉकलेट खरीदें जिसमें कैडमियम लेड और चीनी की मात्रा कम हो I इन चीज़ों का ध्यान रखने से बच्चों को चॉकलेट में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट का फायदा मिलेगा और चॉकलेट से होने वाले नुकसान से राहतI लेकिन ये सब, बच्चों के माता-पिता के निर्णय और डॉक्टर के सलाह पर निर्भर करता हैI