ओट्स एक ग्लूटन मुक्त साबुत अनाज और कई विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट का मुख्य स्रोत है। बच्चों और यहां तक कि वयस्कों के लिए, ओट्स के लाभ कई हैं, जैसे तुरंत भूख मिटाना, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर रेगुलेट करना, बेहतर पाचन, और कुछ प्रकार के कैंसर के ख़तरे को भी कम करते हैं। इसके अलावा, ओट्स बनाने में बहुत आसान है और इसे मीठे और नमकीन दोनों रूप में बच्चों को खिलाया जा सकता है। आप इसे प्राकृतिक रूप से मीठा बनाने के लिए दूध या दही, कटे हुए ताज़े फल और ड्राई फ्रूट्स डाल सकते हैं या फिर मसालों और रंगीन सब्ज़ियों के साथ ओट्स बना सकते हैं।

बच्चों के लिए ओट्स के फ़ायदे

ओट्स घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है जो बच्चों की भूख तुरंत मिटाता है और बार बार खाना खाने की ज़रूरत भी नहीं पड़ती। यह उनके वज़न को ज़्यादा बढ़ने से रोकता है, और बच्चों में मोटापे का ख़तरा कम होता है। एक दिन में आधा कप ओट मील खाने से भी आपको पर्याप्त पोषण मिल सकता है।

स्वस्थ रहने के लिए आपके बच्चे के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के लिए फाइबर बहुत ज़रूरी होता है। इससे पाचन सही होता है और पेट साफ़ रहता है। ओट्स में दो प्रकार के फाइबर होते हैं। एक घुलनशील फाइबर, जैसे कि ओट्स गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से गुज़रता है इस फ़ाइबर में पानी सोखता है और बैक्टीरिया द्वारा फरमेंट होता है, और दूसरा अघुलनशील फाइबर होता है जो एक एजेंट के रूप में कार्य करता है। ओट्स में बीटा ग्लूकेन के रूप में घुलनशील फाइबर की सबसे बड़ी मात्रा होती है, जो किसी भी अन्य अनाज से ज़्यादा होती है। जब कम फैट वाले आहार के साथ खाया जाए तो ओट्स में मौजूद अघुलनशील फ़ाइबर एडीएल को भी कम करते हैं। यह पाचन के समय को भी धीमा कर देता है, इस प्रकार ब्लड शुगर की बेहतर देखभाल करता है। यह फाइबर कोलोन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए भी जाना जाता है।

ओट्स का पोषण:

एक कप ओट्स में लगभग 150 कैलोरी, 6 ग्राम प्रोटीन और 4 ग्राम घुलनशील और अघुलनशील फ़ाइबर होते हैं। ओट्स में मैग्नीशियम, थियामिन, ज़िंक, फॉस्फोरस, सेलेनियम, मैंगनीज़ और आयरन की भी भरपूर मात्रा होती है।

ओट्स के प्रकार:

ओट्स से बने पौरिज को ओटमील कहा जाता है।

जब साबुत ओट कर्नेल को साफ किया जाता है और न खाए जाने वाले पतवार हटा दिए जाते हैं, तो उन्हें ओट ग्रेट्स कहा जाता है। इस प्रकार के ओट्स में कीटाणु, एंडोस्पर्म और चोकर बरकरार रहते हैं।

स्टील कट ओट्स में चोकर के साथ ओट्स का सफेद हिस्सा भी होता है। इन्हें स्टील कटर की मदद से काटा जाता है इसलिए इन्हें स्टील कट ओट्स भी कहा जाता है।

रोल्ड ओट्स को भाप से पकाया जाता है। इसके बाद इन्हें दो रोलर के बीच रखकर चपटा कर दिया जाता है।

इंस्टेंट ओट्स रोल्ड ओट्स की तरह ही बनाये जाते हैं लेकिन सुखाने से पहले उन्हें ज़्यादा देर तक पकाया जाता है। इसमें एडेड शुगर या स्वाद डाला जा सकता है।

जो ओट्स कम प्रोसेस किये जाते हैं उसमें ज़्यादा फ़ाइबर और स्वास्थ्य लाभ होता है।

क्या 2 साल के बच्चे के लिए ओट्स सही हैं?

हाँ, यह हो सकता है। प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर बनाने के लिए पानी की बजाय दूध में ओट्स बनाएँ। ओटमील में दही मिलाकर इसे प्रोबायोटिक से भरपूर बनाया जा सकता है जिससे आपके बच्चे की आंत की सेहत में सुधार होगा।

बच्चों के लिए ओटमील रेसिपी

ओटमील: बच्चों के लिए ओट्स बनाने का सबसे सरल तरीका यह है कि आधा कप ओट्स में एक कप पानी या दूध और एक चुटकी नमक डालकर उबालें। इसे तब तक पकाएं जब तक कि ओट्स नरम न हो जाएं। आप इसमें सब्जियां, फल, मेवे या सीड्स मिला सकते हैं।

ओवरनाइट ओट्स यह बहुत जल्दी बनने वाला नाश्ता है जिसे पकाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी। एक जार में आधा कप रोल्ड ओट्स, एक कप दूध, और कटे फल डालें। या आप इसमें दूध, फ्लैक्ससीड्स, या चिया सीड्स और नट्स भी डाल सकते हैं। सभी सामग्रियों को अच्छे से मिलाएँ और रात भर के लिए इस मिश्रण को फ्रिज में रखें। सुबह यह पुडिंग की तरह गाढ़ा हो जाएगा।

ओट्स उपमा: एक कप रोल्ड ओट्स को सूखा भून लें और ठंडा करें। एक पैन में तेल, जीरा, मूँगफली और दाल डालें। अब इसमें हींग, अदरक, हरी मिर्च, करी पत्ता, प्याज़ और मनपसंद सब्ज़ियां डालें और पकाएँ। इसमें नमक और हल्दी डालकर मिलाएँ। एक कप पानी डालें और अच्छे से पकाएँ।

ओट्स डोसा: ओट्स को पीसकर पाउडर बना लें और इसमें नमक, सूजी, चावल का आटा, जीरा, करी पत्ता,अदरक, और कटी प्याज़ डालें। अगर आपका मन करे तो आप इसमें दही भी डाल सकते हैं। इसमें पानी मिलाकर पतला पेस्ट बना लें। इसे 10 से 15 मिनट तक भीगने दें और गरम तवे पर डोसा की तरह फैलाएं। परोसने से पहले फ्राई करें।

ओट्स एग ऑमलेट: एक कटोरे में ओट्स का आटा, हल्दी, काली मिर्च, और ऑरिगेनो मिलाएँ। पेस्ट बनाने के लिए इसमें दूध डालें। इसमें 2 अंडे डालकर मिश्रण को अच्छे से फेंटें। गर्म तवे पर इस मिश्रण को डालें और ऊपर से सब्ज़ियाँ डालें।इसे दोनों तरफ से पकाएँ और गरमा-गरम परोसें।

ओट्स फ्रूट स्मूदी: ओट्स को रात भर पानी में भिगोएँ। अगले दिन इसमें अपनी पसंद के फल डालकर इसे ब्लेंड करें। आप इसमें भीगे काजू और बादाम भी डाल सकते हैं और स्मूदी को इलायची पाउडर से गार्निश करें।

बच्चों के लिए ओट्स के नुकसान

वैसे तो ओट्स लगभग सभी खा सकते हैं लेकिन जिन बच्चों को एवेनिन से एलर्जी है उनमें ग्लूटन एलर्जी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ऐसे मामलों में बच्चों को ओट्स न खिलाएँ। भले ही ओट्स ग्लूटन मुक्त हो लेकिन इसमें गेहूँ जैसे अनाज के कण हो सकते हैं तो सेलिएक रोग या गेहूं की एलर्जी वाले बच्चों के लिए हानिकारक है।