आपके बच्चे के खाने में मसाले शामिल करने के 5 बेहतरीन टिप्स
पोषण आपके बच्चे की सेहत का एक बेहद ज़रूरी पहलू है। यहां तक कि बचपन में लगी खाने की आदतें ही आपके बच्चे की सेहत को जीवन भर के लिए आकार देती हैं। बच्चे के जन्म के बाद पहले छह महीने तक उन्हें मां के दूध से ज़रूरी पोषण मिल जाता है। मगर, छह महीने के बाद उन्हें ठोस भोजन देना शुरू कर देना चाहिए।
वैसे तो, जब तक आपका बच्चा एक साल का नहीं हो जाता उसकी खुराक में चीनी और नमक दोनों को ही शामिल नहीं करना चाहिए, मगर ज़्यादातर एक्सपर्ट्स (विशेषज्ञ) यह मानते हैं कि जब बच्चा 8 महीने का हो जाता है, तब धीरे-धीरे उसके खाने में मसालों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे बच्चे को ठोस भोजन खाने की आदत डालने के लिए ज़रूरी समय भी मिल जाता है और मसालों से होने वाली एलर्जी या पेट खराब होने जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है
इतनी छोटी उम्र में बच्चों के लिए मसाले खाना क्यों ज़रूरी है?
सबसे पहले, मसालों में कई उपयोगी गुण होते हैं जो बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को मज़बूत बनाते हैं और उन्हें सेहतमंद रूप से बड़े होने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, मसाले जैसे कि अदरक, काली मिर्च, हींग, सौंफ, ज़ीरा और कैरम (अजवाइन या ओमम) आपको खाना पचाने में मदद करते है। लहसुन और हल्दी में प्रज्वलनरोधी (एंटी-इंफ़्लेमेटरी) गुण होने के साथ-साथ ऑक्सीकरण रोधी (एंटी-ऑक्सीडेंट) गुण भी होते हैं। लाल मिर्च को अगर कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो यह त्वचा और पेट के कैंसर होने की संभावना को कम करती है जबकि जायफल में अमूल्य जीवाणुरोधी यौगिक (एंटी-बैक्टीरियल कंपाउंड) होते हैं।
बेशक, आप महसूस करते होंगे कि आपके बच्चे को अभी मसाला खाना शुरू करने की ज़रूरत नहीं है और इसके लिए अभी काफ़ी समय है। समस्या यह है कि बचपन में लगी भोजन से जुड़ी आदतें आपके बच्चे के साथ पूरी उम्र रहेंगी। भले ही सादा भोजन आपके बच्चे के लिए बुरा नहीं है लेकिन बहुत ज़्यादा समय तक ऐसा खाना खाने से वह नए स्वाद और अलग-अलग तरह के खाने को आसानी से नहीं अपना पाएगा। इसकी वजह से बच्चे के शरीर को मसालों से मिलने वाले सेहत से जुड़े फ़ायदे नहीं मिल पाएंगे।
तो आप अपने बच्चे के खाने में मसाले देना कैसे शुरू कर सकते हैं? यहां कुछ बुनियादी टिप्स दिए गए हैं जिससे आप मसालों को अपने बच्चे के भोजन का अभिन्न अंग बना सकते हैं:
1. सभी मसाले एक समान नहीं होते हैं
लहसुन, अदरक, ज़ीरा, हींग, सौंफ, धनिया, हल्दी, मेथी, और सरसों जैसे मसाले हल्के मगर स्वाद से भरपूर होते हैं। इन मसालों को 8 महीने की उम्र से आपके बच्चे को दिया जा सकता है। जब आपके बच्चे को इन मसालों की आदत हो जाएगी, तब आप उन्हें कुछ तेज़ मसाले देना शुरू कर सकते हैं जैसे कि मिर्ची, काली मिर्च, और गर्म मसाला। याद रखें कि पहले साल में आपको उनके खाने में चीनी और नमक से पूरी तरह परहेज रखना है। इनका इस्तेमाल करने से बच्चों में खाने की गलत आदतें लग सकती हैं जिससे कि उन्हें आगे चलकर डायबिटीज, मोटापा, और दिल की बीमारी हो सकती है।
2. एक बार में एक ही तरह का मसाला शामिल करें
अपने बच्चे के खाने में एक-एक करके ही मसालों को शामिल करना शुरू करें। एक मसाला शुरू करने के बाद चार दिन तक इंतज़ार करें। इस तरह आप जान पाएंगे कि आपके बच्चे को उस मसाले से कोई एलर्जी तो नहीं है।
3. ज़्यादा मसाले ना मिलाएं
ध्यान रखें कि आपका बच्चा अभी बहुत कम मात्रा में खाना खा रहा है तो उसके खाने में उसी हिसाब से मसाले मिलाएं। ज़्यादा मसाला मिलाने से बेहतर है कि आप कम मसाले ही मिलाएं। शुरुआत में उनके खाने में सिर्फ़ चुटकी भर मसाला ही मिलाएं।
4. मात्रा का ध्यान रखें
जितना मसाला आप इस्तेमाल कर रहे है उस पर कायम रहें। अगर आप एक बार में एक निश्चित
मात्रा में मसाला डालते हैं और अगली बार उसकी मात्रा दोगुनी कर देते हैं, तो आपके बच्चे का तालु (पैलेट) तुरंत ही विपरीत तरीके से रिएक्ट करने लगेगा। इसीलिए कुछ समय के लिए मसाले का इस्तेमाल एक निश्चित मात्रा ही करें और उसे धीरे-धीरे बढ़ाएं|
5. संतुलन बनाए रखें
जब भी आप कोई तीखा खाना परोसते हैं तो कुछ फीका भी उसके साथ ज़रूर रखें। दही या रायता तीखे खाने के साथ परोसे जाने के लिए बेहतरीन होता है। साथ ही ताज़ी हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, या ताज़ी काली मिर्च का इस्तेमाल करते समय सावधान रहें. ये आपके बच्चे के पेट और जीभ के लिए काफ़ी तेज़ हो सकते हैं।
अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि किस तरह शुरुआत करें, तो यहां कुछ रेसिपीज़ दी गई हैं जिसकी मदद से आप अपने बच्चे के भोजन में मसाले शामिल कर सकते है:
- आप कुछ मुख्य भारतीय भोजन जैसे राजमा, सांभर, दाल, छोले बना सकते हैं और उसमें धनिया, ज़ीरा और हल्दी जैसे हल्के मसाले मिला सकते हैं। ध्यान रखें कि ये एक-एक करके ही मिलाएं और सिर्फ़ चुटकी भर ही मिलाएं।
- आप अपनी दाल में ज़ीरा, सरसों और सौंफ जैसे मसालों का तड़का लगाना शुरू कर सकते हैं। आप अपने चावल में ज़ीरा भी मिला सकते हैं।
- आप दाल और सूप में थोड़ा सा अदरक और लहसुन मिला सकते हैं।
- आप सादी खीर या पायसम जैसा मीठा (बिना चीनी के) उन्हें खिला सकते हैं। दालचीनी, जायफल, या इलायची पाउडर जैसे मसाले मिलाने से यह और भी ज़्यादा स्वादिष्ट हो जाएगा।
- आप धनिया और पुदीना भी दाल, पोहा और चावल और सब्ज़ियों पर ऊपर से डाल सकते हैं।
आपका लक्ष्य होना चाहिए कि जब आपका बच्चा एक साल का हो जाए तो वह वही खाना खाए जो कि परिवार में सभी खा रहे हैं। अगर आप यहां दिए गए सुझाव अपनाएंगे और अपने बच्चे के खाने में नौवें महीने से मसाले शामिल करना शुरू करेंगे तो आपके बच्चे को उनकी आदत लग जाएगी और वह एक साल की उम्र तक और लोगों की तरह भोजन खाने लगेगा।